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संस्कृत काव्य के विकास में बीसवीं शताब्दी के जैन मनीषियों का योगदान

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  • डॉ. हरिसिंह गौर विश्वविद्यालय, सागर, मध्यप्रदेश की पी-एच. डी० की उपाधि हेतु सन् १९९२ में स्वीकृत शोध-प्रबन्ध
  • लेखक डॉ. नरेन्द्रसिंह राजपूत प्राभारी प्राचार्य, शासकीय हाईस्कूल बिला खुर्द, तह-पटेरा, जिला-दमोह (मध्यप्रदेश)
  • निदेशक डॉ. भागचन्द्र जैन 'भागेन्दु' ___ पूर्व प्राध्यापक, संस्कृत विभाग शासकीय महाविद्यालय, दमोह (मध्यप्रदेश)
  • प्रकाशक जैन विद्यापीठ सागर (मध्यप्रदेश)

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