शरद पूनम का चंदा तो
वर्ष में एक बार उदित होता है किंतु
हे! समता शरद चाँदनी के पूर्ण चंद्रमा...
आप हर पल उदित और मुदित रहते हो !
धवल चाँदनी में रखे दूध को पीकर भी
अज्ञानी शुभ्र धवल औव सुखी नहीं हो पाते,
किंतु आप प्रासुक गर्म जल पीकर भी
सदा उल्लसित रहते हो!
सच... आप शाश्वत शरद पूनम के चंदा हो,
श्रीमति के नंदा हो... भावी जिनंदा हो !
“छियालिस सन् शरद पूनम को, विद्या शशि का उदय हुआ।
पिता मल्लप्पा श्रीमंति माँ का, अतिहर्षित हृदय हुआ।।
सत् परिभाषित करने वाले, ग्राम सदलगा जन्म लिये।
विद्या धन उद्घाटित उद्दघाटित करने, ज्ञानसिंधु की शरण लिये।।''