आप तो सदा अपने में रहते हो
और सबको अपना बना लेते हो।
हमें अपना बना स्वयं निज में उतर जाते हो,
दुनिया से बेखबर हो जाते हो।
हमें अकेला छोड़कर क्यों चले जाते हो?
“विद्या ज्ञान का एक अर्थ है, इक दूजे को परख लिया।
गुरु ने अपने परम शिष्य को, अपने जैसा नाम दिया।।
ज्ञानसिंधु में विद्या मिलकर, विद्या में जब ज्ञान मिला।
सरल स्वभावी ज्ञानसिंधु से, जग को अनुपम दाग मिला।।”