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नव आचार्य श्री समय सागर जी को करें भावंजली अर्पित ×
मेरे गुरुवर... आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज
  • ४०. विनयांजली- आचार्य भगवन के पूरे प्राणी मात्र के प्रति उपकारों के लिये कृतज्ञता स्वरूप |

       (1 review)

    आ।श्री।

    १०८ आचार्य गूरुवर श्री विद्यासागर जी के चरण कमलों में कोटि-कोटि नमन-वंदन-अभिनंदन 

    सविनय नमोस्तु नमोस्तु नमोस्तु   -अभिषेक जैन स-परिवार

     

     

    वैराग्य 

    के 

    शुभ भाव 

    गूरुवर 

     

    हृदय में

    सदा 

    पलते

    रहे 

     

    निज

    आत्मा

    से  मिलन

    के शुभ 

     

    दीप

    नित-प्रति

    जलते

    रहे

     

    प्रभु

    से मिलन

    की

    आश 

     

    विश्वास 

    प्रभु बस 

    आपकों 

    पाकर

     

    हुआ 

    और मेरा 

    मलिन

    मन 

     

    कुछ 

    जरा-सा 

    पावन 

    हुआ 

     

    आपसे  

    स्नेह 

    और

    आशीष 

     

    की

    बस 

    चाह है 

    आपकी 

     

    शुभ 

    शरण गूरुवर 

    मोक्ष 

    का उपाय है ||

     

    सविनय नमोस्तु नमोस्तु नमोस्तु 

    -अभिषेक जैन स-परिवार

     


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    आपसे  स्नेह औरआशीष कीबस चाह है 

    आपकी शुभशरण गूरुवर मोक्ष का उपाय है ||

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