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नव आचार्य श्री समय सागर जी को करें भावंजली अर्पित ×
मेरे गुरुवर... आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज
  • २९. विनयांजली- आचार्य भगवन के पूरे प्राणी मात्र के प्रति उपकारों के लिये कृतज्ञता स्वरूप |

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    छल 

    108 श्री आचार्य भगवन विद्यासागर जी मुनि महाराज के चरणों में सादर समर्पित...

    नमोस्तु नमोस्तु नमोस्तु गुरुवर               -अभिषेक जैन                                                                                                                                  

     

    मायावी संसार में उलझे

    रहे हमेश, निज से न

    पहचान हुई, भ्रमें सदा

    भूलकर जीवन उदेश्य 

     

    मोह-माया के बन्धन

    बांधे, किया सन्क्लेश

    राग-द्वेष ही भाव पाले

    नित-आतम से अतिरेक

     

    निज घर-कुटुंब को अपना माना 

    रिश्ते-नातों को ही सच्चा जाना

    मिथ्या जग की चर्यायों से उपजे

    सुख-दुःख में भूला आत्म-वेश।।

     

    सादर समर्पित

    -अभिषेक जैन

     


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