सारी दुनिया भुला दी तुम्हारे लिए-2
गुरु तुम ना भुलाना हमारे लिए-2
प्राणों से प्यारे हमको गुरु आप हो-2
प्राण सब कुछ नहीं है हमारे लिए
सारी दुनिया......................
कष्ट दुख और गम सारे सह लेगें हम,
कार्य जो भी बता दोगे कर लेगे हम
होठ संतोष धर के भी सी लेगे हम,
जैसे तैसे हो! कैसे भी जो लेंगे हमऽऽ
किन्तु धड़कन ने धड़कन से बोला यही-2
हम न धड़केंगे प्रभु (गुरु) बिन तुम्हारे लिए
सारी.................
रात को रात ना दिन को दिन ना गिना,
मन भी लगता नहीं है प्रभु (गुरु) तुम बिना
दूर होकर मिला चैन क्षण भर नहीं,
पास आये तो देखा भी पल भर नहीं
फिर भी अन्दर से आवाज आयी यहीं-2,
गुरु भूले नहीं हैं हमारे लिए
सारी................
हम तुम्हारे बिना दूर रह न सकें,
दूर जाने को मजबूर क्यों फिर करो
पास आये तुम्हारे यही आश ले,
दूर तुम फासले शीघ्र अपने करो
दूर जाने की कहना कभी न गुरुन्द और
नजदीक कर लो हमारे लिए।
सारी...
कोई सुव्रत की इच्छा रही शेष ना,
कोई अरमान ना कोई सपना नहीं
पाया सबकुछ मगर हाथ खाली रहे,
कोई भी ना मिला तुमसा अपना नहीं
आप अपने हुए पूर्ण सपने हुए,
और क्या चाहिए अब हमारे लिए।