कैसे धरें मन धीरा रे कि तीनो भईया निकल गए,
कौन जाने मन की पीड़ा ये तीनों भईया निकल गए।
देखो विद्या के पीछे चले समय योग सागर,
प्यार वाली भावना को करके उजागर,
गोदी सूनी-2 गोदी सूनी कर गए रे,
कि तीनों.................
देखो पिता मलप्पा औ श्री मती माता,
कैसे तोड़े इस जनम का नाता,
आंसू धीरे-धीरे-2, बह गए रे,
कि तीनों........................
तीन संतान में से कोई एक चला जाए,
उस घर की पीड़ा को कौन मिटाए,
चरणों में-2, चरणों में सूनी लायो रे,
कि तीनों........................