कल्याण में 64 ऋद्धि विधान और आचार्यश्री की महाआरती कार्यक्रम संपन्न हुआ /
कल्याण में दिनांक १५/०७/2018 दिन रविवार को आचार्यश्री विद्यासागर जी के 50 वें मुनि दीक्षा सयंम स्वर्ण महोत्स्व के समापन और 51 वें में मुनि दीक्षा में प्रवेश के उपलक्ष्य में 64 ऋद्धि विधान और आचार्यश्री १०८ विद्यासागर जी की महाआरती का आयोजन श्री १००८ चंद्रप्रभु दिगंबर जैन मंदिर,ठाणगेवाड़ी, कल्याण (प) में बड़े ही धूमधाम और पूरी भक्ति और धार्मिक गरिमा और हर्ष उल्लहास के साथ संपन्न हुआ /
विधान और महाआरती का आयोजन सांस्कृतिक समिति और ट्रस्ट मंडल के द्वारा किया गया था / श्री संजय जैन जो की विद्यासागर जी पर काफी भजन लिखते है और गाते है , इस विधान में उन्होंने भी अपनी गायन शैली में नई नई गीतों की चल पर गुरु विद्यासागर जी के भजन विधान के बीच बीच में गए / जिसके कारण विधान में चार चाँद के साथ ही अच्छा समय बंधा / श्री विपिन जैन जी ने भी बड़ी ही मधुर भाषा में विधान के आर्घ्य आदि बोले / जब वह आर्घ्य बोलते थे तो ऐसा लगता था जैसे मानो हम साक्षात् गुरुवार के चरणों में अर्घ्य चढ़ा रहे हो / श्रीमती प्रतिभा जैन ने विधान के बाद आचर्यश्री की महाआरती गाई, जिस पर सभी इंद्रा इन्द्राणियां झूमे और नाचे और पूरा मंदिर जी में भक्ति रास वर्षा दिया /इस तरह से आज का ये 64 ऋद्धि विधान और आचार्यश्री १०८ विद्यासागर जी की महाआरती कार्यक्रम पूरी धार्मिक गरिमा और प्रभावना के साथ कल्याण के जैन मंदिर में संपन्न हुआ /
इस तरह से सयंम स्वर्ण महोत्सव के अंतर्गत कल्याण जैन समाज के द्वारा किया गया 64 ऋद्धि विधान और आचार्यश्री १०८ विद्यासागर जी की महाआरती के साथ संपन्न हुआ /
आचार्यश्री के चरणों में कोटि कोटि नमन और नमोस्तु / जय जय गुरुदेव
आयोजक - सांस्कृतिक समिति श्री १००८ चंद्रप्रभु दिगंबर जैन मंदिर, कल्याण
In संयम स्वर्ण महोत्सव के कार्यक्रमों की तसवीरें
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कल्याण में 64 ऋद्धि विधान और आचार्यश्री की महाआरती कार्यक्रम संपन्न हुआ /
कल्याण में दिनांक १५/०७/2018 दिन रविवार को आचार्यश्री विद्यासागर जी के 50 वें मुनि दीक्षा सयंम स्वर्ण महोत्स्व के समापन और 51 वें में मुनि दीक्षा में प्रवेश के उपलक्ष्य में 64 ऋद्धि विधान और आचार्यश्री १०८ विद्यासागर जी की महाआरती का आयोजन श्री १००८ चंद्रप्रभु दिगंबर जैन मंदिर,ठाणगेवाड़ी, कल्याण (प) में बड़े ही धूमधाम और पूरी भक्ति और धार्मिक गरिमा और हर्ष उल्लहास के साथ संपन्न हुआ /
विधान और महाआरती का आयोजन सांस्कृतिक समिति और ट्रस्ट मंडल के द्वारा किया गया था / श्री संजय जैन जो की विद्यासागर जी पर काफी भजन लिखते है और गाते है , इस विधान में उन्होंने भी अपनी गायन शैली में नई नई गीतों की चल पर गुरु विद्यासागर जी के भजन विधान के बीच बीच में गए / जिसके कारण विधान में चार चाँद के साथ ही अच्छा समय बंधा / श्री विपिन जैन जी ने भी बड़ी ही मधुर भाषा में विधान के आर्घ्य आदि बोले / जब वह आर्घ्य बोलते थे तो ऐसा लगता था जैसे मानो हम साक्षात् गुरुवार के चरणों में अर्घ्य चढ़ा रहे हो / श्रीमती प्रतिभा जैन ने विधान के बाद आचर्यश्री की महाआरती गाई, जिस पर सभी इंद्रा इन्द्राणियां झूमे और नाचे और पूरा मंदिर जी में भक्ति रास वर्षा दिया /इस तरह से आज का ये 64 ऋद्धि विधान और आचार्यश्री १०८ विद्यासागर जी की महाआरती कार्यक्रम पूरी धार्मिक गरिमा और प्रभावना के साथ कल्याण के जैन मंदिर में संपन्न हुआ /
इस तरह से सयंम स्वर्ण महोत्सव के अंतर्गत कल्याण जैन समाज के द्वारा किया गया 64 ऋद्धि विधान और आचार्यश्री १०८ विद्यासागर जी की महाआरती के साथ संपन्न हुआ /
आचार्यश्री के चरणों में कोटि कोटि नमन और नमोस्तु / जय जय गुरुदेव
आयोजक - सांस्कृतिक समिति श्री १००८ चंद्रप्रभु दिगंबर जैन मंदिर, कल्याण