वाणी जिनकी अमृत हो,त्याग जिनका सागर से गहरा हो,चर्या जिनकी अरिहंत भगवान की हो ऐसे महान संत संत शिरोमणी आचार्य विद्यासागर जी के चरणों में कोटि कोटि नमोस्तु ।
वाणी जिनकी अमृत हो,त्याग जिनका सागर से गहरा हो,चर्या जिनकी अरिहंत भगवान की हो ऐसे महान संत संत शिरोमणी आचार्य विद्यासागर जी के चरणों में कोटि कोटि नमोस्तु ।