-
Posts
648 -
Joined
-
Last visited
-
Days Won
17
Content Type
Forums
Gallery
Downloads
आलेख - Articles
आचार्य श्री विद्यासागर दिगंबर जैन पाठशाला
विचार सूत्र
प्रवचन -आचार्य विद्यासागर जी
भावांजलि - आचार्य विद्यासागर जी
गुरु प्रसंग
मूकमाटी -The Silent Earth
हिन्दी काव्य
आचार्यश्री विद्यासागर पत्राचार पाठ्यक्रम
विशेष पुस्तकें
संयम कीर्ति स्तम्भ
संयम स्वर्ण महोत्सव प्रतियोगिता
ग्रन्थ पद्यानुवाद
विद्या वाणी संकलन - आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज के प्रवचन
आचार्य श्री जी की पसंदीदा पुस्तकें
Blogs
Events
Profiles
ऑडियो
Store
Videos Directory
संस्मरण Reviews posted by रतन लाल
-
-
भीतरी रस में जो शक्ति है, वह बाह्य बनावटी रस में कहॉ?
-
-
गुरु की आज्ञा पालन ही गुरु का आशीर्वाद है
-
गुरुदेव के चरणों में रात में वैय्यावृत्ति करते-करते कहा- महाराज! आपने कैसे निकाल दिया इन लोगों को? अभी तो यह बहुत छोटे हैं, आपने विहार क्यों करा दिया? गुरुदेव ने रात में इशारा करके कहा- कब तक उंगली पकड़े रहेंगे? फिर कहा- ठोक बजाकर देख लो, मैंने तैयार किया है, तब भेजा है।
-
-
हमारे यहाँ जैसे सुप्रीम कोर्ट के निर्णय का रिवीजन नहीं होता, वैसे ही हम लोग गुरुदेव के निर्णय को बदलने की भावना तक नहीं रखते। वह एक बार जो कह दें, सो कह दें। यह केवल धरती पर आचार्य विद्यासागर का कमाल है, और किसी का नहीं।
-
-
-
अपने शरीर से जितना बन सके, त्याग-तपस्या का अभ्यास करते रहना चाहिए। जितना त्याग कर सकें, जितनी तपस्या कर सकें, शरीर व साधना के मध्य सन्तुलन बनाते हुए आगे बढ़ना चाहिए। फिर जब समय आए। तो समाधि ले सकते हैं।
-
-
-
-
-
मेरी दो शंकाएँ हैं, पहली कि हम जो उन्हें रात में खाना खाने के लिए जिद करते हैं, क्या उससे हमें कोई पाप लगता है? और दूसरी कि हम और वे ऐसा क्या करें कि जिससे उनका धर्म भी चलता रहे और वह स्वस्थ भी रहें?
In स्वर्णिम यात्रा - मुनि श्री प्रमाण सागर जी
Posted
एकदम सत्य