शंका - महाराज जी! नमोऽस्तु! आपने कल बताया था कि आचार्यश्री के सामने लोग बहुत-बहुत देर तक बैठते हैं, वह नजर उठाकर भी नहीं देखते हैं। मगर महाराज जी! ऐसा कौन सा सौभाग्य है कि मैंने जब बहुत पहले, पहली बार उन के दर्शन किए तो उनकी छवि मेरी आँखों में कैद हो गई। णमो आइरियाणं में मुझे आचार्यश्री ही नजर आते हैं और महाराज जी! जब भी मुझे मौका मिला, शायद 5 या 6 बार आचार्यश्री ने कर व नयन उठाकर आशीर्वाद दिया है, तो मैं सोचती हूँ कि मेरा यह कौन सा पुण्य है या ब्रह्मचारी जी साथ थे, उनका निमित्त था। समाधान कीजिए।
- श्रीमती ज्योति जैन, उदयपुर
समाधान - यह आपका बहुत अच्छा सौभाग्य है कि आपको आशीर्वाद दिया। उन्होंने आप पर कर भी उठाया और नयन भी उठाए। लेकिन मुझे इस बात का आश्चर्य है कि इतनी बार आशीर्वाद दे दिया, आप उठ क्यों नहीं पाए? आगे बढ़ो और अपने जीवन को व्रती बनाने के रास्ते पर चलो, लक्ष्य वही बनाओ।