Jump to content
नव आचार्य श्री समय सागर जी को करें भावंजली अर्पित ×
मेरे गुरुवर... आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज
  • आचार्यश्री एक बार तारंगा जी में दस बजे के करीब जब चौके व आहार का टाइम होने वाला था, तब वह ऊपर से उतरकर नीचे जो तपोवन था उसकी तरफ निकल गए। तो क्या ऐसे और भी कुछ प्रसंग है उनके जीवन के?

       (1 review)

    शंका - गुरुवर के चरणों में कोटि कोटि वन्दन। आचार्यश्री के विहार के प्रसंग में आपने बहुत संस्मरण सुनाए। वह जब भी उनका मन करता है, पीछी कमण्डल उठाकर चल देते हैं। ऐसा भी प्रसंग आया है एक बार तारंगा जी में दस बजे के करीब जब चौके व आहार का टाइम होने वाला था, तब वह ऊपर से उतरकर नीचे जो तपोवन था उसकी तरफ निकल गए। तो क्या ऐसे और भी कुछ प्रसंग है उनके जीवन के?

    -डॉ.( श्रीमती ) सन्तोष गोधा, उदयपुर

     

    समाधान - देखिए ! ये प्रसंग तो कब घट जाएँ, कोई पता नहीं। यह उनका कर्म है। वह अपनी चर्या के विषय में कभी नहीं सोचते। जब निकलना होता है, निकल जाते हैं। वह यह भी नहीं देखते कि इतने बड़े संघ की व्यवस्था कैसे होगी? मैंने कल कहा था कि वह व्यवस्था की तो सोचते ही नहीं और हम लोगों से भी कहते हैं कि व्यवस्था को मत देखो, अवस्था देखो।व्यवस्था अपने आप बन जाएगी। ऐसे अनेक प्रसंग हैं। कई बार ऐसा हुआ कि लोग तो अपनी। तैयारी करते रहे और गुरुदेव चले गए, विहार कर गए। इसी तरह कई ऐसे प्रसंग हैं कि पूरा नगर सज गया दुल्हन की तरह। नगर सजा है। कि गुरुदेव इधर से निकल रहे हैं और गुरुदेव पूरे शहर को क्रॉस करके चले गए। वहाँ रुके नहीं, बाहर से ही निकल गए। उनका विहार, उनकी जो चर्या, उनकी जो क्रिया है, वह सब उनके हिसाब से होती है। उसमें किसी भी प्रकार का दबाव नहीं देखते हैं। मैंने स्वयं देखा, मण्डला शहर पूरा सजा हुआ था, गुरुदेव नहीं रुके, शहर को क्रॉस करके चले गए। उस समय तो मैं भी था। ऐसे ही तीन बार सिलवानी के बाजू से निकल गए, ऐसा होता है। यह उनकी चर्या है, यह उनकी अलौकिक वृत्ति का उदाहरण है। कई बार हम लोगों को भी उनके निकल जाने के बाद पूछना पड़ा कि गुरुजी किधर गए?


    User Feedback

    Create an account or sign in to leave a review

    You need to be a member in order to leave a review

    Create an account

    Sign up for a new account in our community. It's easy!

    Register a new account

    Sign in

    Already have an account? Sign in here.

    Sign In Now


×
×
  • Create New...