नेमावर में पू0 मुनि श्री पवित्र सागर जी महाराज के पैर में एक फोड़ा हो गया उन्हें पैर में बहुत वेदना थी। आचार्य श्री जी उन्हें देखने कक्ष में आये देखकर बोले यह फोड़ा अभी पका नहीं है एकदम मत फुड़वाना। कर्म भी एकदम नहीं पकते कठिन तपस्या करना पड़ती है। आप भी कुछ तपस्या करो।