छपारा नगर में पंचकल्याणक के उपरान्त मंदिर का कलशारोहण होना था। कलशारोहण की सारी सामग्रियाँ जुटा ली गयी थीं। अब कलशारोहण होने जा रहा था वहाँ संघ सहित आचार्य श्री जी उपस्थित थे, वहीं आर्यिका १०५ श्री दृढ़मति माताजी ससंघ विराजमान थीं। प्रतिष्ठाचार्य ब्र0 विनय भैयाजी बण्डा वाले थे जो कि विधिवत् कलशारोहण करा रहे थे, कलश में कुछ गड़बड़ी होने से कलश व्यवस्थित नहीं बैठ रहा था, तब आचार्य गुरूदेव ने कहा आयोजकों को पहले से ही सावधानी रखना चाहिए जैसे बच्चे परीक्षा देने जाते हैं तो पूर्ण सावधानी और तैयारी के साथ जाते हैं सावधानी के साथ किया। गया कार्य ही समय पर सानंद सम्पन्न होता है।