यह बात उन दिनों की है जब उसका अमूल्य समय निकल गया था। वैसे अंग्रेजी में एक कहावत है "Time is money" समय ही पैसा है। समय बीतने पर ज्ञात होता है कि बीता समय कितना मूल्यवान था।
एक सज्जन आचार्य महाराज के पास आये और हाथ जोड़कर नमस्कार की मुद्रा में निवेदन करने लगे - मेरे हाथ की अंगुली अभी कुछ दिन पहले कट गयी थी - क्या मैं आहार दे सकता हूँ। आचार्य महाराज ने उसका मन्तव्य समझ लिया और कहा - क्या आपने पहले भी आहार दिये हैं। उन्होंने नीचे गर्दन झुकाते हुये कहा - नहीं। इससे हमें यह शिक्षा मिलती है कि भैया जब तक हाथ, पैर, शरीर ठीक है, तब तक कुछ सत्कार्य कर लो वरना बाद में पछतावा ही हाथ लगेगा।
जीवन का खेत एकदम खुला पड़ा है रखवाला कोई नहीं, विषय-कषाय रूपी चिड़ियों ने बहुत कुछ चुग लिया है, चेत सको तो अभी भी चेत जाओ जिससे जो शेष बचा है उसे सुरक्षित बचाया जा सके।
Recommended Comments
There are no comments to display.
Join the conversation
You can post now and register later. If you have an account, sign in now to post with your account.