Jump to content
नव आचार्य श्री समय सागर जी को करें भावंजली अर्पित ×
मेरे गुरुवर... आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज
  • विदेशों में अशांति का कारण

       (0 reviews)

    किसी ने आचार्य श्री जी से पूछा कि- विदेशों में अशांति का कारण क्या है? आचार्य श्री जी ने कहा कि विदेशों में धर्म का अभाव होने से अशांति है, विदेश में एक जीवन में अनेक शादियाँ हो जाती हैं। कभी-कभी तो सुबह शादी होती है और शाम को तलाक हो जाता है। ब्रह्मचर्य शील आदि गुणों का अभाव जिस देश में भी होगा वहाँ अशांति आए बिना रह ही नहीं सकती। यह तो दुर्भाग्य है। कि विदेश के लोग भारत की संस्कृति की ओर लौट रहे हैं और भारतीय लोग विदेशी संस्कृति को अपनाने की होड़ में लगे हुए हैं। अपनी विवाहित स्त्री में संतोष रखना ही श्रावकों का शील व्रत है। इसमें कमी आती है तो घर की व्यवस्था एवं शांति गड़बड़ा जाती है। एक पत्नी के साथ सम्बंध रखना भारत में एक बहुत महत्त्वपूर्ण संस्कार है, इससे जीवन प्रारंभ से लेकर अंत तक सुखमय बीतता है। पत्नी गृहलक्ष्मी के रूप में मानी जाती है, यहाँ नारियों से मातृवत् व्यवहार किया जाता है। धर्म की मजबूती यहाँ पर है। पति के अवसान होने पर व्रत धारण करके सारे परिवार की शुभ कामना करती रहती है। आज इसे गौण किया जा रहा है जिसका दुष्परिणाम आप देख रहे हैं।

     

    किसी ने पुनः शंका व्यक्त करते हुए कहा कि शादी करने के बाद भी पाप रुकता नहीं है। यह सुनकर आचार्य श्री जी ने कहा कि शादी के उपरांत पाप पूर्णतः रुकता तो नहीं है लेकिन अनंत पाप जो समुद्र के जल के समान था अ वह चुल्लु–भर (अंजुलि भर) पानी के बराबर बचता है। वासना का यह उपक्रम भारत में लिमिटेड हो जाता है इसलिए धर्म कहलाता है।

     

    अंत में आचार्य श्री जी ने कहा कि- विदेश के लोग शांति की खोज में भारत आ रहे हैं और आप लोग धन-परिग्रह जो अशांति का कारण है उसे पाने के लिए विदेश जा रहे हैं। यदि इसी प्रकार विदेशी वस्तुओं एवं उनकी अपसंस्कृति को भारतीय अपनाते रहे तो वह दिन दूर नहीं जब भारत से भी धर्म और शांति समाप्त हो जाएगी इसलिए समय रहते अपने पूर्वजों की ओर लौट आओ। विदेशी हवा से भारतीय संस्कृति का दीपक बुझ रहा है। इस हवा को रोकने का प्रयास करो।


    User Feedback

    Create an account or sign in to leave a review

    You need to be a member in order to leave a review

    Create an account

    Sign up for a new account in our community. It's easy!

    Register a new account

    Sign in

    Already have an account? Sign in here.

    Sign In Now

    There are no reviews to display.


×
×
  • Create New...