इसी प्रकार का एक संस्मरण और है कुछ तथाकथित विद्वान यह कहते हुए पाये जाते है कि पंचम काल में यहाँ से किसी को मुक्ति नहीं मिलती इसीलिए हम अभी मुनि नहीं बनते बल्कि विदेह क्षेत्र में जाकर मुनि बनेगें इस प्रश्न का उत्तर देते हुए आचार्य श्री जी ने कहा कि- जो व्यक्ति यहाँ मुनि न बनकर विदेह क्षेत्र में जाकर मुनि बनने की बात करते हैं, वे ऐसे खिलाड़ी की तरह हैं जो अपने गाँव की पिच पर मैच नहीं खेल पाते एवं कहते है मैं तो विदेश में मैच खेलूंगा या सीधा विश्व कप में भाग लूंगा।
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