Jump to content
सोशल मीडिया / गुरु प्रभावना धर्म प्रभावना कार्यकर्ताओं से विशेष निवेदन ×
नंदीश्वर भक्ति प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता ×
मेरे गुरुवर... आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज
  • समाधान

       (0 reviews)

    उन दिनों आगम व अध्यात्म ग्रन्थों का अवलोकन चल रहा था। आचार्य महाराज जी/जैसा, समझाते/बताते थे, उसे ग्रहण करने की कोशिश रहती थी, पर कई प्रश्न जानकारी के अभाव में अनसुलझे ही रह जाते थे। एक दिन साहस करके कुछ प्रश्नों का समाधान पाने की इच्छा से हम उनके चरणों में पहुँचे। आचार्य महाराज स्वाध्याय व लेखन में लगे थे। हम प्रणाम निवेदित करके समीप ही एक ओर बैठ गए।

     

    अचानक हमें लगा कि सारे प्रश्नों का उत्तर हमें आता है। व्यर्थ ही आचार्य महाराज का समय क्यों लिया जाए। सो हम पुनः नमोऽस्तु करके जाने लगे। आचार्य महाराज ने दृष्टि उठाकर हमें देखा तो लगा जैसे कह रहे हों कि क्या बात है, कुछ पूछना था ? हम क्या कहते। श्रद्धा से विगलित, भरे कंठ से कहा कि जो प्रश्न थे वे अनायास ही आपका सामीप्य पाकर समाधान बन गए हैं। जीवन के हर समाधान आपके दर्शन से हम पाते रहें, ऐसा आशीष दें। वे मुस्कराकर अपने अध्ययन में लीन हो गए। जिनकी वीतराग-चितवन अनकहे ही हर प्रश्न का समाधान कर देती है, ऐसे आचार्य महाराज धन्य हैं। आज जब और लोगों को भी उनके श्री-चरणों में समाधान पाते देखता हूँ तो पूज्यपाद स्वामी की पंक्तियाँ याद आती हैं -

    ‘‘मुनिपरिषन्मध्ये संनिषण्णं मूर्त्तमिव मोक्षमार्गमवाग्विसर्गं वपुषा निरूपयन्तम्।।"

    मुक्तागिरि (सितम्बर, १९८o)


    User Feedback

    Create an account or sign in to leave a review

    You need to be a member in order to leave a review

    Create an account

    Sign up for a new account in our community. It's easy!

    Register a new account

    Sign in

    Already have an account? Sign in here.

    Sign In Now

    There are no reviews to display.


×
×
  • Create New...