प्रसंग उन दिनों का है
जब चौथी कक्षा में
अध्यापक ने हल करने
दिया गणित का सवाल,
तभी तीक्ष्ण बुद्धि से झट हल कर
पहुँचे गुरू के पास
सारे विद्यार्थियों के समक्ष
कह दिया गुरू ने
गलत है तुम्हारा हल,
लेकिन था पूर्ण विश्वास
ऐसा हो नहीं सकता
सो
समय के हाथों छोड़ सब कुछ
बैठे शांति से चुप्पी साधे…
इतने में ही अध्यापक
दूसरे विद्यार्थियों का देख गलत हल
सोचने लगे...
पूरी कक्षा में
सही है मात्र विद्याधर का ही हल
पुनः जाँचकर
गिनी से बोले
शाबाश!
बनाये रखना ऐसा ही दृढ़ विश्वास।