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नव आचार्य श्री समय सागर जी को करें भावंजली अर्पित ×
मेरे गुरुवर... आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज
  • समर्पण

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    छोटी वय में

    छोटा सा निमित्त पा

    निज योग्यता जागृत करना

    अनहोनी-सी बात है

    मानो

    भव-भव के संस्कारों के

    महापुरुषार्थ ने

    जग को दे दी-जग ने दी थीं जो निधियाँ

    और

    निकल पड़े अन्तर्यात्रा पर

    अनन्त की यात्रा पर

    ज्ञान के सागर में ठहराव हुआ-गोता लगाया

    दिन-रात लुटाया करते हैं अब

    सम-शम की अविनश्वर मणियाँ…

    ऐसे अन्तर्यात्री दानवीर गोताकार

    विद्यासागर के निर्माता

    गुरुनागुरु-दादा गुरु को

    समर्पित है

    निज में समर्पित

    चेतन कृति के

    पूर्व अध्याय स्वरूप

    उनकी अपनी महाकृति


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