Jump to content
नव आचार्य श्री समय सागर जी को करें भावंजली अर्पित ×
मेरे गुरुवर... आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज
  • पत्र क्रमांक - 125 - गुरु शिष्य का भ्रमण

       (0 reviews)

    Vidyasagar.Guru

    पत्र क्रमांक-१२५

    ०७-०२-२०१८ ज्ञानोदय तीर्थ, नारेली, अजमेर

     

    प्रतिपल यात्रित, ज्ञानमूर्ति परमपूज्य आचार्य गुरुवर श्री ज्ञानसागर जी महाराज के श्रीचरणों में प्रतिक्षण नमोऽस्तु करता हूँ..

    हे गुरुवर! आप ही वास्तव में चल रहे हैं, जग तो स्थिर है। इस ओर से उस ओर जाने के लिए कितने लोग पुरुषार्थ कर पाते हैं। आपके समान विरले ही हो पाते हैं। सन् १९७० में आप गुरु-शिष्यों ने मोक्षमार्ग में कितना फासला तय किया है, उसका लेखा-जोखा प्रस्तुत कर रहा हूँ, इसकी खोजबीन में मुझे रूपनगढ़ के गंगवाल जी, दूदू के उम्मेदमल जी छाबड़ा, दीपचंद जी छाबड़ा (नांदसी), रेनवाल के गुणसागर आदि से सहयोग प्राप्त हुआ है-

    160.jpg

    161.jpg

    .162.jpg

     

     

    इस तरह हे गुरुवर! जर्जरकायी चरण आपकी मोक्ष मंजिल की दूरियाँ कम करते रहे। सात राजू की दूरी में से सन् १९७० ने लगभग २६७६४८ कदमों के द्वारा २०४ कि.मी. और कम कर दिए। अनथक बढ़ते कदम एक दिन मंजिल में विश्राम पायेंगे और तब उन परमपूज्य चरणों के अनुरागी हम पोते शिष्य उनकी शाश्वत शरण में अवगाहित हो परमानन्द में निमग्न हो जायेंगे। मेरी भावना शीघ्र पूर्ण हो। इस आशा से अनन्त प्रणाम करता हुआ...

    आपका शिष्यानुशिष्य


    User Feedback

    Create an account or sign in to leave a review

    You need to be a member in order to leave a review

    Create an account

    Sign up for a new account in our community. It's easy!

    Register a new account

    Sign in

    Already have an account? Sign in here.

    Sign In Now

    There are no reviews to display.


×
×
  • Create New...