विश्वास विषय पर संत शिरोमणि आचार्य विद्यासागर जी के विचार
- जो विश्वास समय पर सक्रिय हो वही सही विश्वास है।
- जिसे नरकों के दुखों पर विश्वास नहीं होता वही व्यसन और पाप करता है।
- मोक्षमार्ग में सबसे पहले विश्वास रखने की बात हुआ करती है।
- विश्वास की नींव पर ही उन्नति का विशाल महल खड़ा होता है।
- निराकुल सुख में जिसकी आस्था नहीं है, उसे कभी भी मुक्ति नहीं मिल सकती।
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