उपकार विषय पर संत शिरोमणि आचार्य विद्यासागर जी के विचार
- इस काल में दूसरे को संभालना तूफान में दूसरे का हाथ पकड़ना है, वह तो जावेगा ही तुम भी चले जाओगे।
- आज उपकार करना बड़ा कठिन कार्य है।
- यदि हमारे उपादान में नहीं है तो देव भी कुछ भी उपकार नहीं कर सकते। देव तो मात्र निमित बन सकते हैं, आपके उपादान के अनुरूप निमित्त के रूप में काम कर सकते हैं।
- धर्म में उल्लास होने से रक्त प्रवाह बढ़ता है और हतोत्साहित होने से घटता है।
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