रस विषय पर संत शिरोमणि आचार्य विद्यासागर जी के विचार इस जीव को जब तक पुद्गल में रस आ रहा है, तब तक आत्मा का रस नहीं आ सकता। संसार के विषयों में रस लेने वाले को समयसार का रस नहीं आ सकता।