प्रमोद विषय पर संत शिरोमणि आचार्य विद्यासागर जी के विचार श्रावकों के लिए मोक्षमार्ग के प्रति एवं मोक्षमार्गी के प्रति "प्रमोदभाव" रखना चाहिए, क्योंकि यह भाव सम्यक्त्वाचरण चारित्र में बहुत बड़ा सहयोगी है।