दशलक्षण विषय पर संत शिरोमणि आचार्य विद्यासागर जी के विचार
- दशलक्षण धर्म उस मानसरोवर में रहते हैं, जहाँ कषाय रूपी मगरमच्छ नहीं रहते, इसलिए अपने मन रूपी सरोवर को कषाय रूपी मगरमच्छ से रहित नि:शंक बनाओ तभी धर्म को प्राप्त कर पाओगे।
- दशलक्षण धर्म को अपने जीवन में धारण करने के बाद पूरा जीवन पर्वमय हो जाता है।
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