भव विषय पर संत शिरोमणि आचार्य विद्यासागर जी के विचार
- अनंत भव गँवा दिये, इस भव में मोक्षमार्ग की भूमिका बना लो यह भव सार्थक हो जायेगा और इतिहास के पृष्ठों पर स्वर्ण के अक्षरों से अंकित हो जायेगा।
- संसार के भोग औपचारिक हैं, इन औपचारिक भोगों के पीछे ही संसार में प्राणी इतना कष्ट उठा रहा है। ज्ञानी यह समझकर इन भोगों को छोड़ देता है।