असंज्ञी विषय पर संत शिरोमणि आचार्य विद्यासागर जी के विचार असंज्ञी कौन ? जो सुनकर भी, उपदेश पाकर भी हेय-उपादेय का विवेक नहीं रखता। आगम को अच्छे ढंग से जानने वाला ही व्यवहार कुशल हो सकता है।