अणुव्रत विषय पर संत शिरोमणि आचार्य विद्यासागर जी के विचार
- श्रावक मूलधन को अणुव्रत रूपी बैंक में जमा करके अच्छा ब्याज कमा सकता है।
- दिशाओं की सीमा बाँधने से अणुव्रत भी महाव्रत रूप हो जाते हैं।
- अणुव्रत महाव्रत के हेतु हैं। महाव्रती का अनुचर अणुव्रती कहलाता है।
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