1 - उपचार शब्द को उपयोग करने में बहुत सावधानी रखनी चाहिए | 2 - केवल द्रव्य आस्रव की ही बात मत सोचो , भाव आस्रव को भी याद करो | 3 - इस द्रष्टि से कर्मो की व्युच्छिति होने के बाद आगे भी परिणाम / भाव होने में बाधा नहीं है |