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नव आचार्य श्री समय सागर जी को करें भावंजली अर्पित ×
मेरे गुरुवर... आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज

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Blog Entries posted by Vidyasagar.Guru

  1. Vidyasagar.Guru

    प्रतियोगिता सुचना
    वतन की उड़ान विजेता पुरस्कार वितरण समारोह
    77 विजेताओं की सूची
     
    ऑनलाइन वतन की उड़ान संघोष्टी प्रारंभ
    https://vidyasagar.guru/blogs/entry/3294-post/
     
     
     
    प्रतियोगिता प्रारंभ हो चुकी हैं , आप सभी इसमे 16 अगस्त तक भाग ले सकते हैं  प्रतियोगिता ओपन बुक हैं - आप पुस्तक से पढ़ कर उत्तर दे सकते हैं 
    अब एक अतिरिक्त दिन आपके पास 
     
    गूगल फ़ॉर्म लिंक जिस पर आपको उतर देने हैं उत्तर प्राप्त सूची पंजीकरण करें अगर नहीं किया  हो   
    पुस्तक पढ़ने व डाउनलोड करने के लिए लिंक 
     
    वेबसाईट से पढ़े pdf डाउनलोड करें  
     
    भाग लेने की विधि - कुछ प्रश्नों के उत्तर 
     
     
    प्रतियोगिता जानकारी
    भारत को भारत ही बोलो, इंडिया नहीं का नारा देने वाले राष्ट्रहित चिंतक आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज की महती कृपा एवं आशीर्वाद से ७७ वें स्वतंत्रता दिवस पर जन-जन में भारतीय इतिहास एवं भारतीयता के प्रति जागरूकता लाने के साथ-साथ राष्ट्र के प्रति समर्पण, सजगता एवं सदभावना बढ़ाने के उद्देश्य से आयोजित हो रही हैं "सोने की चिड़िया एवं लुटेरे अंग्रेज" (लेखक सुरेन्द्र नाथ गुप्ता) पर आधारित विशेष ओपन बुक प्रतियोगिता
     
    वतन की उड़ान  प्रश्न प्रतियोगिता
     
    जिसके माध्यम से प्रत्येक भारतीय को मिलेगा
    भारत का इतिहास किस प्रकार से रचा गया एवं किस प्रकार लोगों ने अपना सर्वस्व न्यौछावर किया को जानने का सुनहरा अवसर
     

     
    पुस्तक कैसे पढे ?
     
    वेबसाईट से पढ़े ( in process) pdf डाउनलोड करें पुस्तक मँगवाएँ  ( बड़ा फॉन्ट a 4 साइज़ )  
    वतन की उड़ान ओपन बुक प्रश्न  प्रतियोगिता हेतु 
    पुस्तक- सोने की चिड़िया व लुटेरे अंग्रेज  प्राप्ति स्थान 
    आप निम्न स्थानों से पुस्तक ले सकेंगे ( 27 / 28 जुलाई से )
     
    अतिशय क्षेत्र चन्द्रगिरि डोंगरगढ़ 94255-63160  मोनू पंच मेठ औषधि रायपुर 96444-06022 डा० विशाल • डेंटल कालेज बिलासपुर 9893271003 पंच वालयति मंदिर ए.वी. रोड इंदौर 8989505108 उदासीन आश्रम एम०जी० रोड  इंदौर 94254 78846 वर्षी गुरुकुल मढ़िया के सामने ब्र जिनेश जबलपुर 9424690607 नंदीश्वर जिनालय लाल घाटी भोपाल  इंजी. पंकज  94253 74897 मुनि श्री अजित  सागर जी ससंघ / मुनि श्री निर्दोष सागर जी ससंघ / जैन विद्यापीठ भाग्योदय तीर्थ सागरअमित  भैय्या 9340464632  वेबसाईट विद्यासागर डाट गुरु (डिजिटल कौशल) सौरभ जैन जयपुर 96940-78989 विराजमान अक्षय सागर मुनि संघ मीरा रोड भायंदर मुम्बई वेस्ट, ब्र. जय वर्मा भैया    70288-49108 विराजमान  प्रमाणसागर मुनि संघ गुणायतन संजय कुमार सम्मेद शिखर जी  89692-74940 विराजमान नि. पू. सुधासागर जी क्षु.गंभीर सागर जी चातुर्मास स्थल एम.डी. कालेज हरी पर्वत आगरा 9897958176 (राजेश) आर्यिका पूर्णमति माता जी ससंघ चातुर्मास स्थल अहमदाबाद कमल जी कोठारी 9351468484  
     
     
     
       
     
     
     
  2. Vidyasagar.Guru
    प्रतिदिन इसी लिंक पर आएगी नई प्रतियोगिता 
    गूगल फॉर्म पर मिलेगा स्वाध्याय का लिंक 
     
    Live Kahoot quiz की जानकारी
     
    28  सितंबर 2023
    उत्तम ब्रह्मचर्य धर्म विलक्षण प्रतियोगिता
    गूगल फॉर्म प्रश्न पत्र लिंक
     
    27  सितंबर 2023
    उत्तम आकिंचन धर्म  विलक्षण प्रतियोगिता
    गूगल फॉर्म प्रश्न पत्र लिंक
     
    26  सितंबर 2023
    उत्तम त्याग  धर्म विलक्षण प्रतियोगिता
    गूगल फॉर्म प्रश्न पत्र लिंक
     
    25  सितंबर 2023
    उत्तम तप धर्म विलक्षण प्रतियोगिता
    गूगल फॉर्म प्रश्न पत्र लिंक
     
    24 सितंबर 2023
    उत्तम संयम धर्म  विलक्षण प्रतियोगिता
    गूगल फॉर्म प्रश्न पत्र लिंक
     
    23  सितंबर 2023 
    उत्तम सत्य धर्म  विलक्षण प्रतियोगिता 
    गूगल फॉर्म प्रश्न पत्र लिंक
     
    22 सितंबर 2023 
    उत्तम शौच धर्म  विलक्षण प्रतियोगिता 
    गूगल फॉर्म प्रश्न पत्र लिंक
     
    21 सितंबर 2023 
    उत्तम आर्जव  धर्म  विलक्षण प्रतियोगिता 
     
    गूगल फॉर्म प्रश्न पत्र लिंक
     
    20 सितंबर 2023 
    उत्तम मार्दव धर्म  विलक्षण प्रतियोगिता 
    गूगल फॉर्म प्रश्न पत्र लिंक
     
    19 सितंबर 2023 
    उत्तम क्षमा धर्म विलक्षण प्रतियोगिता
    गूगल फॉर्म प्रश्न पत्र लिंक
     
    आज तीन बजे Kahhot PIN / Zoom लिंक यही पर अपडेट होगा 
     
    18 सितंबर 2023 
    पर्व भूमिका विलक्षण प्रतियोगिता लिंक 
    इस पतियोगिता मे 19 सितंबर 2023 रात्री 11  बजे तक तक भाग ले सकते हैं 
    सिर्फ यह प्रतियोगिता 2 दिन तक भर सकते हैं, सभी प्रतियोगिता में एक दिन का समय मिलेगा 
     
     
     
    17 सितंबर 2023 
    दस लक्षण पर्व प्रतियोगिता जानकारी 
    18  सितंबर से 28 सितंबर 2023 
     
    Whatsapp समूह से जुड़ें
     
    आचार्य श्री विद्यासागर मोबाईल ऐप्प पर करना होगा स्वाध्याय 
    डाउनलोड / इंस्टॉल करें 
    Androd app ios apple store  
     
    प्रतियोगिता स्वरूप 
     
    1 प्रतिदिन 7 बजे से गूगल फॉर्म पर प्रतियोगिता (स्वाध्याय कर रात्री तक  देने होंगे उत्तर ) 2  Live KAHOOT ( 3 बजे से 5 बजे तक ) Zoom पर   

  3. Vidyasagar.Guru

    प्रतियोगिता सुचना
    16 सितंबर 2023 
    प्रतियोगिता समाप्त 
     
    13 सितंबर 2023 
    प्रतियोगिता की अंतिम तिथि एक दिन के लिए बढ़ाई गई - अब 15 सितंबर तक भाग ले सकते हैं 
     
    11 सितंबर 2023 
    उत्तर प्राप्त सूची 
    https://docs.google.com/spreadsheets/d/1vw_9pBuyLQtW4g5WVfmZdFJA5XrtIFzhR9pP7-4GbhA/edit?usp=sharing
     
     
     
    10 सितंबर 2023 
     
    प्रतियोगिता प्रारंभ : प्रतियोगिया गूगल फॉर्म पर आयोजित हैं 
    गूगल फॉर्म लिंक : जहां पर आप उत्तर भेजेंगे 
    👇👇👇👇👇
    https://docs.google.com/forms/d/e/1FAIpQLScpyB0ivCuFiP287htMMReuU4AGVi7kE2k8UUImbV0A3IcBXA/viewform?usp=sf_link
     
    प्रश्न पत्र अलग से डाउनलोड भी कर सकते हैं 
    👇👇👇👇👇
    https://vidyasagar.guru/files/file/389-भाषा-और-माध्यम-प्रतियोगिता-के-प्रश्न/
     
    आज ही पंजीकरण कराएँ पुस्तक pdf डाउनलोड करें पुस्तक मँगवाए ( online order) पुस्तक प्राप्ति स्थान भाषा ओर माध्यम.pdf व्हाट्सप्प समूह से जुड़ें  
     
     
     
    test 
  4. Vidyasagar.Guru
    प्रतियोगिता मे भाग लेने की अंतिम तिथि 
    28 आकटूबर 2023 क्योंकि विदेश मे भी भाग लिया जा रहा हैं - भारतीय समय अनुसार 29 आकटूबर  प्रातः  5 बजे तक भाग ले सकेंगे 
     
     
    प्रतियोगिता प्रश्न पत्र ( गूगल फॉर्म ) जिसपर आप उत्तर लिखेंगे  उत्तर खोजने के लिए प्रश्न पत्र pdf   उत्तर प्राप्त सूची पंजीकरण लिंक pdf डाउनलोड करें  
    z
     

  5. Vidyasagar.Guru
    आगे की सुचना इस लिंक पर उपलब्ध रहेगी
    https://vidyasagar.guru/blogs/entry/1434-post/
     
    19 जनवरी 2019 
    रात्री विश्राम -  बंट
    कल आहार चर्या जरुआखेड़ा में ही संभावित
     
    4 PM  पूज्य गुरुदेव ने बढ़ाये अपने कदम सिमरिया से भी आगे बंट की ओर।
    1 45 PM परम पूज्य आचार्य श्री 108 विद्यासागर जी महाराज का खुरई से सागर की ओर हुआ विहार।
     
     

    ओह गज़ब अनियतविहारी का विहार गज़ब गज़ब गज़ब
    अविश्वसनीय
    लेकिन..... हमारे गुरुदेव तो अनियतविहारी जो ठहरे..... क्या भरोसा ऐसे निर्मोही, वीतरागी, चौथे काल के इन महासन्त का
    🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻
     
    8 जनवरी 2018
    परम पूज्य आचार्यश्री विद्यासागर जी महाराज ससंघ खुरई में विराजमान हैं |
    जब भी विहार होगा - यहाँ अपडेट कर दिया जायेगा 
     
    20 दिसंबर 2018
    परम पूज्य आचार्यश्री विद्यासागर जी महाराज ससंघ खुरई में विराजमान हैं |
    जब भी विहार होगा - यहाँ अपडेट कर दिया जायेगा 
     
    19 दिसम्बर, 2018
    परम पूज्य आचार्यश्री विद्यासागर जी महाराज ससंघ का खिमलासा से हुआ मंगल विहार...
    रात्रि विश्राम त्योरा जहाँ से खुरई मात्र 9 किलोमीटर है सुबह प्रातःकाल में होगा भव्य प्रवेश
     
    सम्भावित दिशा - खुरई
    20 दिसंबर को  आहारचर्या "खुरई" में होने की सम्भावना 
       
    7 दिसम्बर, 2018
    पूज्य आचार्यश्री विद्यासागर जी महाराज ससंघ का मंगल विहार अपडेट-
    ● रात्रि विश्राम- निवारी ग्राम
    ● कल आहार चर्या- खिमलासा।
     
    16 दिसंबर 2018
    *●रात्रि विश्राम-ग्राम-भानगढ़*_
    _*●कल की आहारचर्या-भानगढ़*_
    _*●कल रात्रिविश्राम- दाङ 9km /निवारी 11km*_
     
     
    15 दिसम्बर 2018
    आज दोपहर 1:40 बजे पूज्य गुरुदेव ससंघ के मुंगावली से हुआ  विहार 
     
     
    *परम पूज्य आचार्यश्री विद्यासागर जी महाराज ससंघ 32 मुनिराज का मुंगावली से हुआ  मंगल विहार।*
    सम्भावित दिशा- कंजिया,  खिमलासा
    रात्रि विश्राम-ग्राम- कंजिया 12km*_ कल की आहारचर्या-भानगढ़ 07km*_  
    पूज्य मुनिश्री समयसागर जी महाराज 14 पिच्छी मुंगावली में ही विराजमान हैं।
     
     
     
     
    –-------
     
    आचार्य श्री की हुई मुंगावली में भव्य आगवानी
     
     
     
    moongavli_Medium.mp4
     
     
     
    moongavli 2_Medium.mp4
     
     
    ४ दिसंबर 2018
    आज  दोपहर उपरान्त मुंगावली में भव्य अगवानी संभावित
     
     
    3 दिसंबर 2018
    आचार्य भगवन श्री विद्यासागर जी महामुनिराज का अभी अभी देवगढ़ (जिला - ललितपुर) से हुआ विहार
    संभावित दिशा - नदियों के रास्ते(कच्चा मार्ग)..मुगरौली होते हुवे मुंगावली
     
     
    2 दिसंबर 2018 
    *आचार्य गुरुवर 108 विद्यासागर जी महाराज का मंगल विहार  जाखलौन (जिला ललितपुर) से हुआ*
    *विहार दिशा - देवो के गढ़ देवगढ़ तीर्थ*
    *४ बजे होगा मंगल प्रवेश*
     आचार्य श्री ससंघ का हुआ मंगल प्रवेश अतिशय क्षेत्र देवगढ़ जी,में 
     
     
     
    दिनांक - 1 दिसम्बर 2018 1:30 P.M.
    पंचकल्याणक महोत्सव के उपरान्त हुआ मंगल विहार 
    संभावित दिशा - देवगढ़ 
     
    आचार्य श्री ससंघ, समय सागर जी ससंघ (नव दीक्षित मुनिराज )  का 
     
    ●आज रात्रिविश्राम- *ग्राम- बछलापुर 10km* ●कल की आहारचर्या- *ग्राम- जाखलौन(बछलापुर से 13km)* ■ जाखलौन से देवगढ़ जी 15km■  
     
     

     
     
  6. Vidyasagar.Guru
    प्रतियोगिता के उत्तर गूगल  फ़ॉर्म पर देने होंगे 
    अंतरराष्ट्रीय मूकमाटी प्रश्न प्रतियोगिता गूगल फ़ॉर्म प्रश्न पत्र लिंक
     

     
     
    मूकमाटी प्रश्न प्रतियोगिता पंजीकरण प्रारंभ 
     

     
    जिन्होंने प्रतियोगिता भर दी हैं उनकी सूची 
     

     
    पंजीकरण के बाद आपको whatsapp समूह का लिंक मिलेगा, जिसके माध्यम से आप समूह में जुड़ पाएंगे 
     
     
     
     

     
    https://youtu.be/QHcuD9mqbRc
  7. Vidyasagar.Guru
    अपडेट :  सभी का स्वाध्याय अच्छे से हो इसलिए प्रतियोगिता को एक दिन के लिए बढ़ा दिया हैं अब आप प्रतियोगिता मे आप 23 नवंबर तक भाग ले सकते हैं 
    आगे नहीं बढ़ाया जाएगा । 
     
    प्रतियोगिता प्रश्न पत्र (गूगल फॉर्म ) इसी पर आपको उत्तर प्रेषित करने हैं : पहले उत्तर खोज लें फिर एक साथ भर दें 
    https://docs.google.com/forms/d/e/1FAIpQLSff4hG2Ff4quhNRgETBZSACiLEwlHZmztzPhrdPCLOon_x_WA/viewform?usp=sf_link
     
    उत्तर प्राप्त सूची ( गूगल शीट ऐप्प में खोलें )
    https://docs.google.com/spreadsheets/d/1vy8B5oOxN8WfzLQ4-NWqF1pqVsNWXR37awsVpa6h6wE/edit?usp=sharing
     
    प्रतियोगिता  के लिए पंजीकरण करें  
    https://docs.google.com/forms/d/e/1FAIpQLSdud4Y_SyS5kTL5kyQBMIkjXK2fSVaM42Bdr5X_nXdXVhRKZA/viewform
     
    हम पीडीएफ के बजाय वेबसाइट से पढ़ने की सलाह देते हैं
     
    पुस्तक वेबसाईट से निम्न लिंक से पढ़ें
    https://vidyasagar.guru/pathyakram/pranamanjali/
     
    पुस्तक की pdf निम्न लिंक से डाउनलोड करें 
    https://drive.google.com/drive/folders/1tRelQtfljT7gEOI9Uslwb1OK9_VcjKR9?usp=sharing
     
     
    जयपुर अजमेर डोंगरगढ़ आगरा  मे पुस्तक उपलब्ध 
     
    ऑनलाइन ऑर्डर समाप्त 
     
    https://store.vidyasagar.guru/
     
    वेबसाईट से कैसे पढ़े 
     
     

  8. Vidyasagar.Guru
    प्रतियोगिता प्रारंभ  
    प्रतियोगिता का समय बढ़ाया गया : 20 मई  प्रातः 8 बजे तक भाग ले सकते हैं 
    प्रतियोगिता में भाग लेने का लिंक ( प्रश्न पत्र ) खोलें 
    👇👇👇👇👇
    https://docs.google.com/forms/d/e/1FAIpQLSdu2ZruSYmhK8FCubpJJumzoJPFzyA6MBppxT_SjEQUtJlZaQ/viewform
     
    उत्तर प्राप्त सूची 
    https://docs.google.com/spreadsheets/d/1jh5TQa-MmLD8Ow_-UmNrAITyb6CP2Vc_tvKqCD4Gb2Q/edit#gid=0
     
     
    प्रतियोगिता मे आप 19 मई  रात्री 10 बजे तक भाग ले सकेंगे 
    महाकवि आचार्य ज्ञान सागर जी के 51 वें समाधि दिवस के उपलक्ष्य में आचार्य ज्ञान सागर जी प्रश्न प्रतियोगिता का हो रहा हैं आयोजन  प्रतियोगिता का स्वरूप ऑनलाइन होगा  प्रतियोगिता में शामिल होकर जीत सकते हैं आकर्षक उपहार  24 मई 2023 श्रुत पंचमी को डोंगरगढ़ ( छत्तीसगढ़ ) में होगा विजेताओं का सम्मान एवं पुरस्कार वितरण समारोह, जहां विराजमान हैं युग के महान आचार्य विद्यासागर जी महाराज  प्रत्येक प्रश्न पर दिया हुआ हैं - किस संस्मरण / विषय का स्वाध्याय करना हैं   
     
    whatsapp समूह से जुडने के लिए निम्न फोटो पर क्लिक करें 
     

     
    प्रतियोगिता में भाग लेने का लिंक खोलें 
    https://docs.google.com/forms/d/e/1FAIpQLSdu2ZruSYmhK8FCubpJJumzoJPFzyA6MBppxT_SjEQUtJlZaQ/viewform
     
     
    उत्तर प्राप्त सूची 
    https://docs.google.com/spreadsheets/d/1jh5TQa-MmLD8Ow_-UmNrAITyb6CP2Vc_tvKqCD4Gb2Q/edit#gid=0
     
     
  9. Vidyasagar.Guru
    प्रतियोगियों के प्रमाण पत्र 
    निम्न लिंक से डाउनलोड करें : Google sheet ऐप्प का इस्टमाल कर सकते हैं 
     👇👇👇👇👇
    https://docs.google.com/spreadsheets/d/18rwDzUFj_DqONTBs9ilf96kug9LaZjN0NuS0xDSvQD0/edit#gid=1942297306
     
    प्रतियोगिता की उत्तर पुस्तिका ( Answer key)
     👇👇👇👇👇
    QA Nandishwar bhakti pratiyogita.pdf
     
    सभी के अंक : pdf डाउनलोड करें 
     👇👇👇👇👇
    अंक तालिका नंदीश्वर भक्ति प्रतियोगिता परिणाम.pdf
     
    प्रतियोगिता परिणाम pdf  ( ७ अप्रैल को होगा कुंडलपुर में  पुरस्कार वितरण समारोह)
    👇👇👇👇👇
    नंदीश्वर भक्ति प्रतियोगिता परिणाम वेबसाईट.pdf
     
     
    प्रतियोगिता में भाग लेने की 30 मार्च तक बढ़ा दी गई हैं
    प्रतियोगिता पुरस्कार वितरण समारोह कुंडलपुर में आचार्य श्री विद्यासागर महाराज जी संघ के सानिध्य में 7अप्रैल को  होगा 
     
    प्रतियोगिता लिंक 
    https://docs.google.com/forms/d/e/1FAIpQLSeVv4hqRaPljvonK9oC9Mib2qdKy92IGkKc5SVym533OjeMSw/viewform?usp=sf_link
     
    स्वाध्याय का लिंक गूगल फॉर्म पर दिया गया हैं 
     
    उत्तर प्राप्त सूची (प्ले स्टोर से गूगल शीट ऐप्प इंस्टॉल करें)
    https://docs.google.com/spreadsheets/d/1-GEX6jLfZxEUO9ZjW0FkVP-oifTrvVoaKIZYaG90A24/edit?usp=sharing
     
     

     
    *"नंदीश्वरभक्ति" के माध्यम से अध्ययन और भक्ति का अनूठा अवसर*
    आचार्य श्री विद्यासागर जी द्वारा अनुवादित  "नंदीश्वरभक्ति" के गाथाओं पर आधारित प्रतियोगिता में आपका स्वागत है। 108 विशेष प्रश्नों के साथ इस  के अध्ययन की यात्रा पर चलें।
    *कैसे भाग लें*:
    *गाथा 1 से शुरू करें:* "नंदीश्वरभक्ति" की पहली गाथा का अध्ययन करें।
    *प्रश्न का उत्तर दें:* प्रत्येक गाथा पर चिंतन करते हुए उससे संबंधित प्रश्न का उत्तर दें।
    *क्रमशः आगे बढ़ें:* इसी प्रकार, सभी गाथाओं और प्रश्नों को क्रमानुसार हल करें।
     
    *अष्टान्हिका पर्व विशेष:*
    अष्टान्हिका पर्व के दौरान "नंदीश्वरभक्ति" के अध्ययन की अनुशंसा की जाती है। यह पहल आपको पर्व को अर्थपूर्ण तरीके से मनाने का मौका देती है।
     
    *गुरुवर के प्रति विनयांजलि:*
    इस प्रतियोगिता में भाग लेना गुरुवर के द्वारा रचित इस भक्ति को पढ़ने की दिशा में एक विनयांजलि है।
     
    *प्रतियोगिता विवरण:*
    शुरुआती तिथि: 21 मार्च २०२४ 
    समाप्ति तिथि: 30 मार्च २०२४ 
    अपने स्वाध्याय और भक्ति के माध्यम से आप न केवल अध्यात्मिक ज्ञान प्राप्त कर सकते हैं बल्कि हमारे द्वारा आयोजित इस प्रतियोगिता में विजेता बनकर उपहार भी प्राप्त कर सकते है
     
    प्रतियोगिता लिंक 
    https://docs.google.com/forms/d/e/1FAIpQLSeVv4hqRaPljvonK9oC9Mib2qdKy92IGkKc5SVym533OjeMSw/viewform?usp=sf_link

     
  10. Vidyasagar.Guru
    6 जुलाई 22 
     आज आचार्यश्री ससंघ का रात्रि विश्राम ➡️ जल शुद्धिकरण केंद्र, हिरंगी, कारंजा लाड-मालेगाव रोड पर, जिला वाशिम में हो रहा है 
    🌏हिरंगी की गूगल मैप लिंक
    👇🏽👇🏽👇🏽
    Hirangi
    https://maps.app.goo.gl/NYUoh2ysmLNimvNN6
    🌳 कल ०७/०७/२०२२ को आचार्यश्री ससंघ की आहार चर्या ➡️ शिवाजी हायस्कूल, किन्हीराजा, कारंजा लाड-मालेगाव रोड पर, जिला वाशिम में होने की संभावना है 
    🌏किन्हीराजा की गूगल मैप लिंक
    👇🏽👇🏽👇🏽
    Kinhiraja
    https://maps.app.goo.gl/9VYvGWbyVxxgvE8B6
    ➡️👣⛳संभावित विहार दिशा
    🛕अतिशय क्षेत्र शिरपुर जैन, तहसील मालेगांव, जिला वाशिम, महाराष्ट्र की ओर
    🌏शिरपुर जैन की गूगल मैप लिंक
    👇🏽👇🏽👇🏽
    Shirpur (Jain)
    https://maps.app.goo.gl/w6dyxKePsjjeTF396
     
     
    4 जुलाई 22
        🍄आज रात्री विश्राम🍄
             🍄पहुर🍄
          जिला जळगाव महाराष्ट्र
    ➖➖➖➖➖➖➖➖ 
     ☘️कल की आहार चर्या☘️
              🌱राजकुंवर विद्यालय धावडा 🌱
                जिला जळगाव
                    (संभावित)
     
    3 जुलाई 22 
        🍄आज रात्री विश्राम🍄
      🍄जि. प.स्कूल, खेर्डा🍄
             जिला वाशिम
                 (महाराष्ट्र)
    Z.p.school kherda bk
    https://maps.app.goo.gl/kqyP2VhyvwgfpAEF6
    ➖➖➖➖➖➖➖➖
           🍁कल की आहारचर्या🍁
            🍁वेअर हाउस 🍁
        खेर्डा -कारंजा लाड रोड पर
          कारंजा लाड से 6 km पहले
                 जिला वाशिम
                  (संभावित)     
    ➖➖➖➖➖➖➖➖
      संभावित विहार दिशा:- 🔻कारंजा लाड/ अंतरिक्ष पार्श्वनाथ शिरपुर जैन🔺
     
     
    2 जुलाई 22 
    रात्री विश्राम 
    म्हसला, तालुका कारंजा, जिला वाशिम , महाराष्ट्र
    https://www.google.com/maps?q=20.6624283,77.523655&z=17&hl=en
     
    29 जून आहारचर्या
    Ameavati midc  https://maps.app.goo.gl/K3AzvaP9SLY5a7vQA
     
     
    27 जून 22 
         🍄आज रात्री विश्राम🍄
             🍄नांदगाव पेठ 🍄
          (जिल्हा परिषद माध्य. शाळा व कनिष्ठ महाविद्यालय )
             जिला अमरावती
                 (महाराष्ट्र)
    https://maps.app.goo.gl/XNYgRPSUVHQMTAtG9
    ➖➖➖➖➖➖➖➖
           🍁कल की आहारचर्या🍁
                 🍁अमरावती 🍁
         (संत निरंकारी सत्संग भवन)
                 जिला अमरावती
                   (संभावित)
    Sant Nirankari Satsang Bhavan
    https://maps.app.goo.gl/fJZM2eWmqZwFHez58
     
     
    24 जून 
    संभावित आहारचर्या 
    https://www.google.com/maps/place/21°19'03.7"N+78°00'04.1"E/@21.3177929,77.999569,17z/data=!4m5!3m4!1s0x0:0xca147318dcc0b455!8m2!3d21.3176983!4d78.0011417?hl=en
    23 जून 22 
    ➖➖➖➖➖➖➖➖
         🍄आज रात्री विश्राम🍄
    🍄श्रीधर सोलो फार्म, बारगाव🍄
             जिला अमरावती
                 (महाराष्ट्र)
    Bargaon
    https://maps.app.goo.gl/mHSFxKwbhDuU919o9
    ➖➖➖➖➖➖➖➖
           🍁कल की आहारचर्या🍁
     🍁प्राथमिक शाळा, उमरखेड़🍁
                 जिला अमरावती
                   (संभावित)
    Umarkhed
    https://maps.app.goo.gl/VsMeM3xRgBpcEYRw9
     
    22 जून 22
    आज आचार्यश्री ससंघ का रात्रि विश्राम रामदेव बाबा मंगल कार्यालय, वरुड ग्राम, जिला अमरावती में हो रहा है 
    🌏रामदेव बाबा मंगल कार्यालय की गूगल मैप लिंक
    👇🏽👇🏽👇🏽
    Ramdevbaba Mangalam, Warud
    https://maps.app.goo.gl/4Pho2c4rHyMJxFb8A
    🌳 कल २३/०६/२०२२ को आचार्यश्री ससंघ की आहार चर्या प्रतापसिंह देशमुख आय.टी.आय. विद्यालय, जरुड ग्राम, जिला अमरावती में होने की संभावना है 
    🌏प्रतापसिंह देशमुख आय.टी.आय. विद्यालय की गूगल मैप लिंक
    👇🏽👇🏽👇🏽
    स्व.प्रतापसिह देशमुख आय.टी.आय. जरुड
    https://maps.app.goo.gl/BKowppkhqEBTGaAd7
     
    21 जून  2022
       🍄आज रात्री विश्राम🍄
    🍄वन विभाग रेस्टहाउस, पंढरी🍄
             जिला अमरावती
                 (महाराष्ट्र)
    https://maps.app.goo.gl/MZ49SQu3Gs7QM6Au5
    ➖➖➖➖➖➖➖➖
           🍁कल की आहारचर्या🍁
                 🍁पुसला🍁
                 जिला अमरावती
    https://maps.app.goo.gl/mj12KuKGJz6fWXyj8
    ➖➖➖➖➖➖➖➖➖
     
    18 जून 
    🎪आचार्यश्री ससंघ काआज का रात्रि विश्राम और कल प्रातः 5:30 बजे विहार होने का स्थान:- सनफ्लॉवर स्कूल मोहगांव, ब्लॉक सौसर जिला छिन्दवाड़ा
    🔜प्रातः विहार दिशा पांढुर्णा
    https://www.google.com/maps?q=21.6427234,78.7491469&z=17&hl=en
     
    17 जून 2022 
    🏮आज का रात्रि विश्राम 
    माहेश्वरी मंगल भवन , रामकोना जिला छिन्दवाड़ा
    👣कल प्रातः 5:30 बजे विहार यहीं से होगा 
     
    17 जून आहार चर्या स्थान 
    https://www.google.com/maps?q=21.7544498,78.834484&z=17&hl=en
     
     
     
    14 जून 22  रात्रि विश्राम अभिषेक हंडई में होगा
    इसके 2 किलोमीटर आगे से दो रास्ते कटते हैं एक रास्ता नागपुर होकर जाता है और दूसरा रास्ता बैतूल रोड पर जाता है मुक्तागिरी रोड अब देखिए कल किस और आहार होते हैं 

     
    13 जून 2022 
    छिंदवाड़ा में भव्य अगवानी १३ जून २०२२
     
    8 जून 2022 
     *आज आहार चर्या *  *जमुनिया*
      छिंदवाड़ा रोड  (छिंदवाड़ा की दूरी अब मात्र-60कि. मी.               
       *लोकेशन*👇
    https://www.google.com/maps?q=22.4555718,79.1977198&z=17&hl=en
     
     
    7 june 2022

    आज गुरुदेव का रात्रि विश्राम जहां पर हो रहा सतपुड़ा के जंगलों मैं बसी घाटी जिसको दूल्हादेव जी कहा जाता है बताया जा रहा है कि 8 KM के अंतराल मैं  ये एक ही जगह है जहां पर 2 - 3 घर बने हुए ओर पूज्य गुरुदेव यही पर रात्रि विश्राम करेंगे
     
    धन्य हो गुरुदेव आप ओर आपका त्याग🙏
     
    5 जून  रात्री विश्राम    *हर्रई *(स्कूल में) छिंदवाड़ा रोड          
    https://www.google.com/maps?q=22.6236783,79.2192967&z=17&hl=en
     
    3 जून रात्रि विश्राम*-ग्राम डूंडा- स्कूल में  नरसिंगपुर म.प्र.-से 30 km.आगे  छिंदवाड़ा रोड                 
       
                         *लोकेशन*👇
    https://www.google.com/maps?q=22.7555954,79.2222113&z=17&hl=en
     
    3 जून  आहार स्थान 
    https://www.google.com/maps?q=22.7766295,79.2271968&z=17&hl=en
     
    2 जून 2022  रात्री विश्राम 
    https://www.google.com/maps?q=22.8240766,79.2401796&z=17&hl=en
    अ स्थाई व्यवस्था 

     
     
    2 जून  2022  आहारचर्या स्थान 
    https://www.google.com/maps?q=22.8558815,79.2244259&z=17&hl=en
     
    31 मई 2022  आज की आहारचर्या स्थान 
    https://www.google.com/maps?q=23.0214903,79.1347391&z=17&hl=en
     
    30 मई 2022  रात्री विश्राम 
    https://www.google.com/maps?q=23.0598948,79.172616&z=17&hl=en
     
     
    30 may 2022  आज की आहारचर्या स्थान 
    https://www.google.com/maps?q=23.0939815,79.1752808&z=17&hl=en
     
    २९ मई २०२२
    आहारचर्या संभावित स्थान
    संभावित दिशा जबलपुर
     
    Sarasdol/ Sarsala
    https://maps.app.goo.gl/mqV7r77UgRPYG4PCA
     
     
     
     
     
     
     
    28 मई 2022 
     
    कुइयां सुआतला से अभी-अभी आगे की ओर हुआ बिहार शुरू
    28 मई को रात्रि विश्राम राजमार्ग चौराहा 5 किमी आगे,
    29 मई को आहारचर्या, नरसिंहपुर जिले के नर्मदा नदी के किनारे स्थित बरमान के आसपास
    बरमान से करेली की दूरी 16 किमी है
     
     
     
     
    👣 *मंगल विहार*👣
    दिनांक :- 27 मई 2022 ,शुक्रवार
    💫युग शिरोमणि आचार्य प्रवर श्री १०८ *विद्यासागरजी* महाराज ससंघ 【5 पिच्छी】 का मंगल विहार अभी अभी *महाराजपुर,सागर* से हुआ ।।
    ★सम्भावित दिशा :- *करेली,मप्र की ओर*
    आगामी दिशा - केवली भगवान जाने
     
     
     
     
    26 मई  2022
     
    आज आचार्यश्री ससंघ का रात्रि विश्राम महाराजपुर से ३ km पहले रीछाई ग्राम, जिला सागर में हो रहा है  कल २७/०५/२०२२ को आचार्यश्री ससंघ की आहार चर्या महाराजपुर, जिला सागर में ही होने की संभावना है   
     
     
    25 मई  2022
    ◆ आज रात्रि विश्राम  -
          राजोला बीना बारहा टिगड्डा।
    ◆ कल की संभावना-
          देवरी / बीना बारहा क्षेत्र/ महाराजपुर
     
     
    24 मई 
     
     
    23 may 2022
     
    अभी अभी 
    आचार्य श्री विद्यासागर महाराज का पटना गंज रहली से हुआ मंगल विहार दिशा चांदपुर - बीना बारह (संभावित )
     
    विहार अपडेट इस लिंक पर होता रहेगा 
     

     
     
     
     
     

     
     
  11. Vidyasagar.Guru
    22 जुलाई 2021 संध्याकाल
    ÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷
    पूज्य गुरुदेव ससंघ के बढ़ते हुए कदम  तिलवारा घाट जबलपुर की ओर...!!
    अब तिलवारा, जबलपुर दूरी मात्र लगभग 16 किमी।
    ● आज रात्रि विश्राम-
       बिछुआ ग्राम, मुख्य सड़क (Main Road)
    ● कल की संभावित आहार चर्या-
       बिछुआ ग्राम से लगभग 8 किमी आगे,
      
    विशेष खबर- पूज्य आचार्यसंघ का मंगल प्रवेश कल 23 जुलाई को दोपहर बाद लगभग 4:30 बजे तिलवारा घाट, जबलपुर में होने की पूर्ण सम्भावना।
     
    *बिहार अपडेट 21 जुलाई 2021*
                  👣
               👣👣 
               👣👣
           *(5 पिच्छी)*
    *आचार्य श्री 108 विद्यासागर महाराज का ससंघ मंगल विहार जबलपुर की ओर चल रहा है*
    *22 जुलाई को आहारचर्या "सोमती या घोघरी ग्राम" में होगी।*
    *21 जुलाई को रात्रि विश्राम तपस्वियों की धर्म नगरी, जहां से 4 आर्यिका माताजी आचार्य संघ में साधनारत है ऐसे चरगुवां ग्राम के शास उच्च मा स्कूल में हो रहा है यहाँ से प्रतिभास्थली जबलपुर की दूरी मात्र 31 किमी है। आचार्य श्री जी अब तक नेमावर से 342 किमी का बिहार 29 दिन में कर चुके है*
    ▶️ *बिहार दिशा- दयोदय गौशाला, प्रतिभास्थली, पूर्णायु चिकित्सालय परिसर जबलपुर*
    *संभावित प्रवेश जबलपुर 〽️ 23 या 24  जुलाई 21* 

    🙏🙏🙏🙏🙏
     
    20 जुलाई 2021 संध्याकाल
    ÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷
    पूज्य गुरुदेव ससंघ के बढ़ते हुए कदम ...
    ● आज रात्रि विश्राम-
       लाटगाँव फाटा, रेलवे क्रासिंग पार, गोटेगांव
       जैन मंदिर से डेढ़ किमी आगे, चरगुवा रोड
    ● कल की संभावित आहार चर्या-
       गोटेगांव से लगभग 7 किमी बाद,
       जबलपुर की ओर।
    विहार दिशा - जबलपुर अब लगभग 45 किमी।
       
     
     *बिहार अपडेट 19 जुलाई शाम 5 बजे*
                  👣
               👣👣 
               👣👣
           *(5 पिच्छी)*
    *आचार्यश्री 108 श्री विद्यासागर महाराज का ससंघ मंगल विहार गोटेगांव की ओर चल रहा है*
    *19 जुलाई को दोपहर में विहार गोटेगांव की ओर हुआ,रात्रि विश्राम मानेगांव तिराहे में हुआ। रात्रि विश्राम स्थल से गोटेगांव की दूरी 12 किमी और जबलपुर की दूरी 58 किमी शेष, आज दिनांक तक आचार्य श्री जी नेमावर से 315 किमी का बिहार 27 दिन में कर चुके हैं*
    ▶️ *20 जुलाई को आहारचर्या इमलिया में होने की संभावना* ◀️
    ▶️ *बिहार दिशा- दयोदय गौशाला, प्रतिभास्थली, पूर्णायु चिकित्सालय परिसर जबलपुर*
    🙏 *संभावित प्रवेश जबलपुर - 25 जुलाई 2021* 🙏
     
     
    .       *आचार्यश्री जी विहार अपडेट-*
                  18, जुलाई : प्रातःकाल

    *परम पूज्य आचार्यश्री विद्यासागर जी महाराज ससंघ* 5 मुनिराज
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    ◆ *आज की आहार चर्या-* 
         संत निरंकारी सत्संग भवन,
         भारत पेट्रोल पंप के सामने,
         (नरसिंहपुर से 6 किमी पहले)
    ÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷
    *दिशा : गोटेगांव, जबलपुर।
    *विशेष:* आगामी 2-3 दिन में मिल सकता है गोटेगांव समाज को दर्शन लाभ।
    *
     
           
    .         *आचार्यश्री जी विहार अपडेट-*
                  16, जुलाई : संध्याकाल 
     
    *परम पूज्य आचार्यश्री विद्यासागर जी महाराज ससंघ*
    __________________
    ◆ *आज रात्रि विश्राम-*
    रेवाश्री पब्लिक स्कूल, करेली बायपास रोड।
    __________________
    ◆ *कल की संभावित आहार चर्या-* 
    रात्रि विश्राम स्थल से लगभग 4-5 किमी आगे।
    _________________
    *दिशा : जबलपुर*
    ÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷
    *विशेष -* गुरुवर विहार कर रहे बायपास होकर। न करेली और न नरसिंहपुर। अब सीधे जबलपुर।
     
     
     
    15, जुलाई : संध्याकाल 
     
    परम पूज्य आचार्यश्री विद्यासागर जी महाराज ससंघ का चल रहा मंगल विहार : आज का अपडेट-
    ______
    ◆ आज रात्रि विश्राम-
    शास. उच्च.माध्यमिक विद्यालय करपगाँव
    (करेली लगभग 8 किमी)
    ______
    ◆ कल की संभावित आहार चर्या- 
    रात्रि विश्राम स्थल से लगभग 5 किमी आगे (करेली से 3 किमी पहले)
    _______
    दिशा : करेली, नरसिंहपुर, जबलपुर
    ÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷
    विशेष - पूज्य निर्यापक श्रमण मुनिश्री योग सागर जी महाराज 5 मुनिराज का मंगल विहार गुरु आज्ञा से कुंडलपुर की ओर हुआ।
     
    *बिहार अपडेट 11 जुलाई 21*
                  👣
               👣👣 
            👣👣👣
         👣👣👣👣
    *संत शिरोमणि आचार्य श्री विद्यासागर महाराज  का ससंघ मंगल विहार करेली जिला नरसिंहपुर की ओर चल रहा है*
    *11 जुलाई को आचार्य संघ की आहारचर्या व रात्रि विश्राम तपोवन स्कूल सालीचौका रोड में हुआ। (आज शाम का बिहार नहीं हुआ)  गाडरवारा की दूरी यहां से 5 किमी है*
    *12 जुलाई को आचार्य संघ का गाडरवारा में प्रवेश संभव*
    *गाडरवारा से करेली की दूरी 35 किमी हैं।*
    *
     
    *बिहार अपडेट 10 जुलाई 21*
             👣
          👣👣 
       👣👣👣
    👣👣👣👣
    *संत शिरोमणि आचार्य श्री विद्यासागर महाराज  का ससंघ मंगल विहार ------- की ओर चल रहा है*
    *10 जुलाई को आचार्य संघ का रात्रि विश्राम अधिवक्ता प्रशांत अग्रवाल के फॉर्म हाउस सालीचौका से तीन किलोमीटर आगे हुआ। यहां गाडरवारा की दूरी 12 किमी है*
    *11 जुलाई को आहार चर्या गाडरवारा रोड स्थित नांदनेर ग्राम के पास आहारचर्या संपन्न होगी* 
    *12 जुलाई को आचार्य संघ का गाडरवारा में प्रवेश संभव*
    👇
     
     
     
    7 जुलाई 21
    आज रात्रि विश्राम गन्ना के खेत में बने एक किसान के भवन मैं बनखेड़ी रोड में होगा 
    8 जुलाई को आहार चर्या वनखेड़ी ग्राम में होगी .  
     
     
         *बिहार अपडेट..5 जुलाई 21* 
    👣👣👣👣👣👣
    *संत शिरोमणि आचार्य श्री विद्यासागर महाराज  का ससंघ मंगल विहार जबलपुर की ओर चल रहा है* 
    *5 जुलाई को आचार्य संघ का रात्रि विश्राम पंचायत भवन शोभापुर मैं होगा* 
    *6 जुलाई को आहारचर्या निधि मैरिज गार्डन सोहागपुर रोड पिपरिया में होगी* 
    *यहां से पिपरिया की दूरी मात्र 4  किमी है*
     
       
     *मंगल विहार : अपडेट-*
                3 जुलाई 2021 संध्याकाल

    _*परम पूज्य आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज ससंघ* का चल रहा मंगल विहार।_
    ● *आज रात्रि विश्राम-*
       _शासकीय प्राथमिक शाला, काछीपुरा,_
       _ग्राम- सेमरी हरचंद, तहसील-सुहागपुर_
       _जिला- होशंगावाद_
       
    ● *कल की संभावित आहार चर्या-*
        _श्री गजानंद शिक्षा कॉलेज, ग्राम बहोरीखुर्द_
         _जिला होशंगावाद_
    ÷
    __________________________________
     
     
    1 जुलाई 2021 संध्याकाल
    〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️
    _आज दोपहर, निमसाड़िया पेट्रोल पंप परिसर से हुआ मंगल विहार।_
    ● *आज रात्रि विश्राम-*
       _हाई स्कूल भवन, आँचलखेड़ा_
      
    ● *कल की संभावित आहार चर्या-*
        _बाबई ( विश्राम स्थल से लगभग 7किमी)_
        _पिपरिया रोड।_
     
    *बिहार अपडेट....29 जून 21*
                     👣
                  👣👣
    *चातुर्मास कलश स्थापना समारोह 23 जुलाई 2021, स्थान............*
               👣👣👣
            👣👣👣👣
    *संत शिरोमणि आचार्य श्री विद्यासागर महाराज का ससंघ मंगल विहार नेमावर से चल रहा है।*
    *29 जून को रात्रि विश्राम अरविंदो स्कूल बुधनी में हो रहा है।* 
    👍 *टर्निंग प्वाइंट... 30 जून सुबह*
    *बुधनी से दो रास्ते हैं* 
    ■ पहला रास्ता *बुधनी से होशंगाबाद 8 किमी है,यहां से बाबई, सोहागपुर, पिपरिया, गाडरवारा, करेली, नरसिंहपुर, गोटेगांव, जबलपुर (कुल दूरी 270 किमी)*
    ■ दूसरा रास्ता *बुधनी से शाहगंज बकतरा बाड़ी बरेली लगभग 90 किलोमीटर है वरेली से सीधा जबलपुर 180 किमी और बरेली से सागर 100 किमी है*
    ✍🏻 *मुकेश जैन ढाना*
          *एमडी न्यूज सागर*
     
     
        *🗓२८,जून,२०२१ सोमवार🗓*
    *परम पूज्य संत शिरोमणि*
    *आचार्य श्री १०८ विद्यासागर जी महाराज ससंघ का मंगल विहार ग्राम - सलकनपुर से  बुधनी रोड़ ( मध्यप्रदेश ) से हुआ है*
    ● *आज रात्रि विश्राम-*
    *सतपालसिंह जाट कृषि फॉर्म हाउस  (सलकनपुर से 7 किमी बाद)*
    *◆कल आहारचर्या* - संभावित
    *होलीपुरा हाई स्कूल  (बुधनी से 8 किमी पहले)*
    ◆ *आगामी सम्भावित विहार दिशा-* कुंडलपुर , जबलपुर , सागर या किसी ओर के भाग्य खुलते है
     
     
    *बिहार अपडेट....27 जून 21*
                     👣
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    *चातुर्मास कलश स्थापना समारोह 23 जुलाई 2021*
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    *संत शिरोमणि आचार्य श्री विद्यासागर महाराज का ससंघ मंगल विहार नेमावर से बुंदेलखंड की ओर चल रहा है।*
    *27 जून को रात्रि विश्राम रेहटी में हुआ। रेहटी से सलकनपुर तिराहा 5 किमी है* 
    👍 *टर्निंग प्वाइंट... 29 जून सुबह*
    *सलकनपुर से दो रास्ते हैं ■ पहला रास्ता बुधनी 26 किमी वहां से होशंगाबाद 8 किमी है,यहां से बाबई, सोहागपुर,वनखेड़ी, पिपरिया, गाडरवारा, करेली, नरसिंहपुर, गोटेगांव, शहपुरा भिटौनी, जबलपुर (कुल दूरी 300 किमी) ■ दूसरा रास्ता जबकि रेहटी से अब्दुल्लागंज 37 किमी, अब्दुल्लागंज से सुल्तानपुर तिराहा 37 किमी, सुल्तानपुर चौराहा से नकतरा तिगड्डा (सागर भोपाल मार्ग) 27 किमी, नकतरा तिगड्ढा से गैरतगंज 40 किमी, वहां से बेगमगंज 25 किमी और वहां से सागर 60 किमी (कुल दूरी 216 किमी) है*
    👍 *देखिए किस शहर के भाग्य जागते हैं प्रयास तो सभी कर रहे हैं परंतु पुण्य किसका है यह महत्वपूर्ण है*
    🙏🙏🎤🎤🙏🙏
    ✍🏻 *मुकेश जैन ढाना*
          *एमडी न्यूज सागर*
     
     
     
    *परम पूज्य आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज ससंघ का मंगल विहार- अपडेट-*

    26 जून 2021, शनिवार
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    *आज रात्रि विश्राम-*
    शासकीय उ.मा. विद्यालय सतराणा
    *कल की सम्भावित आहार चर्या-*
    सतराणा से 5 किमी (सतराणा से रेहटी के मध्य) गांव का नाम अभी स्पस्ट नही।
    *आंशिक परिवर्तन संभव
     
     
     
     
    25 जून को रात्रि विश्राम नसरुल्लागंज में हुआ। गुरुदेव का ससंघ आगे का इस विहार नसरुल्लागंज से रेहटी 20 किमी, रेहटी से सलकनपुर 11 किमी होने की सम्भावना है 
     

    24 जून 2021
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    *परम पूज्य आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज ससंघ के बढ़ते कदम-*
    ● *आज रात्रि विश्राम-*
       नयागांव (विहार 6.5 किमी)
    ● *कल की सम्भावित आहार चर्या-*
        बोरखेड़ा ग्राम
    ● *विशेष- कल दोपहर विहार कर पूज्य आचार्यश्री जी ससंघ  संध्या पूर्व पहुंच सकते हैं- "नसरुल्लागंज"*
    (विहार के दौरान परिस्थितियों बस रात्रि विश्राम एवम आहार चर्या स्थान में आंशिक परिवर्तन संभव है।)
     
     
     
     
    23 जून 2021
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    ● आज रात्रि विश्राम-
    महाराजा सूरजमल इंटरनेशनल स्कूल, बोरदा।
    (गोपालपुरा से 3 किमी पहले)
    ● कल की सम्भावित आहार चर्या-
    गोपालपुरा से 3 किमी आगे इटावा गार्डन ... स्थान पर।
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    ● पूज्य मुनिश्री सम्भवसागर जी महाराज ससंघ
    ● पूज्य मुनिश्री अक्षयसागर जी महाराज ससंघ
    ● पूज्य मुनिश्री विशदसागर जी महाराज ससंघ
    नेमावर जी मे विराजमान हैं
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    ● पूज्य मुनिश्री सौम्यसागर जी महाराज ससंघ
    ● पूज्य मुनिश्री दुर्लभसागर जी महाराज ससंघ
    ● पूज्य मुनिश्री निरापदसागर जी महाराज ससंघ
    ● पूज्य मुनिश्री निर्दोषसागर जी महाराज ससंघ
    का खातेगांव से कन्नौद की ओर हुआ विहार।
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    मौसम खराब - पूज्य आचार्यश्री संघ का जहां रात्रि विश्राम हो रहा है इस क्षेत्र में आज मौसम बहुत खराब है। जबरदस्त आंधी आने से जगह-जगह पेड़ टूटे पड़े हैं।
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    (विहार के दौरान परिस्थितियों बस रात्रि विश्राम एवम आहार चर्या स्थान में आंशिक परिवर्तन संभव है।)
     
     
     

    *पूज्य आचार्य संघ मंगल विहार अपडेट*
    22 जनवरी 2021
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    ● *आज रात्रि विश्राम-*
    संत सिंघा जी कॉलेज (नेमावर जी से 9 किमी)
    ● *कल की आहार चर्या-*
    पीपल्या नानकर में सम्भावित।
    (प्रातः कालीन विहार 5.5 किमी)
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    परम पूज्य आचार्यश्री विद्यासागर जी महाराज ससंघ का मंगल विहार, सिद्धोदय सिद्धक्षेत्र श्री नेमावर से हुआ।
    विशेष- पूज्य मुनिश्री संभवसागर जी महाराज जी सहित 9 महाराज जी नेमावर जी रुक रहे हैं यहाँ बेदी प्रतिष्ठा आदि कुछ मांगलिक कार्यक्रम होना है।
     
    पूज्य आचार्य भगवन के चरण ज्यों ज्यों  आगे बढ़ते जाएंगे रास्ते मे कुछ नए उपसंघों के विहार नई दिशाओं की ओर होते जाएंगे। 
     
     
    22 जून 
    प्रातः स्मरणीय संत शिरोमणि आचार्य गुरुदेव श्री विद्यासागर महाराज का मंगल विहार नेमावर से अभी-अभी 3.40 बजे हुआ
    आचार्य श्री जी नेमावर तीर्थक्षेत्र में पिछले 27 नवम्बर 21  से विराजमान थे।

     
     
     
    अभी अभी 

     
     
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  12. Vidyasagar.Guru
    मान, सम्मान, बहुमान और अपमान
    मैंने देखा- एक अंगीठी सुलग रही थी। लाल-लाल अंगारे उसमें दमक रहे थे। इसी मध्य एक अंगार के मन में ख्याल आया कि जब मैं इतना कान्तिमान, इतना द्युतिमान हूँ। मुझमें इतनी आभा, प्रकाश और तेज है तो मैं इस अंगीठी में क्यों रहूँ? और इसी विचार से क्या था, थोड़ी ही देर में उस अंगारे की चमक, कान्ति फीकी पड़ने लगी। उसके ऊपर राख की परत जमने लगी। देखते ही देखते उसका दम घुट गया और मुँह काला हो गया। जो अभी तक अपनी कान्ति को बिखेर रहा था अब वह कालिमा से ग्रस्त हो गया। बंधुओं! आज के संदर्भ में ये बात बहुत उपयोगी है। जब तक वह अंगारा अगौटी में था तब तक उसमें चमक थी, दमक थी, कांति थी, प्रकाश था और आभा भी थी पर जैसे ही वह अंगीठी से अलग हुआ उसकी सारी शोभा, उसका सौंदर्य, उसकी चमक फीकी पड़ गई |
     
    सन्त कहते हैं यदि अपने जीवन की शोभा को बढ़ाना चाहते ही अपने जीवन की चमक को वृद्धिगत करना चाहते हो तो साथ रहने का अभ्यास करो। अकड़ने की कोशिश कभी मत करो। एक है समष्टि एक है व्यष्टि। अगर हम अपने आपकी ही सोचते हैं तो हम अपनी क्षमताओं को सीमित करना शुरु कर देते हैं और अपने साथ औरों के विषय में भी सोचने लगते हैं तो हमारी क्षमताएँ बडने लगती हैं। आज मार्दव धर्म का दिन है।मृदोभवि: मार्दवम्। मृदुता के भाव का नाम मार्दव है जो हमारे अंदर के अहं के विसर्जन के बाद प्रकट होता है। अहम् नहीं हम का भाव
     
    ये अहं क्या है। थोड़ा इसे समझे। जिस अहं के अभाव में हमारे भीतर की मृदुता प्रकट होती है वह अहं क्या है। अपने आप को सच्चा और अपने आप को अच्छा मानने की वृत्ति, अपने ही विषय में सोचने की वृत्ति, अपने ही आप को प्रदर्शित करने की प्रवृत्ति ये सब अहं है।
     
    मनुष्य के मन में जब तक 'मैं' भरी रहेगी तब तक वह अपना उत्थान नहीं कर सकता। संत कहते हैं- जिस मनुष्य के हृदय में जो अपने अहं को विसर्जित कर लेता है उसकी चेतना का उत्थान होने लगता है। आज मैं आप से चार बाते कहना चाहता हूँ। वैसे देखा जाए तो दसलक्षण धमों में से प्रारम्भ के चार धर्म हमारी चार कषायों के अभाव में प्रकट होने वाले गुण के रूप में होते हैं। कल हमने क्षमा की चर्चा की थी जो क्रोध के अभाव में प्रकट होती है। आज मार्दव धर्म की चर्चा है जो मान के अभाव में प्रकट होता है।
     
    हम समझें ये मार्दव है क्या? चार बातें और उस संदर्भ में आज की उपयोगी चर्चा। मान, सम्मान, बहुमान और अपमान। ऐसा कोई मनुष्य नहीं जिसके मन में मान न हो। हर व्यक्ति के भीतर मान है। बिना मान के कोई जीता नहीं। कर्म शास्त्र की भाषा में अगर हम बात करें तो मनुष्य के अंदर सबसे ज्यादा मान की बहुलता होती है। क्रोध मान माया लोभ ये चार कषाय हैं। इनमें से नारकियों में क्रोध की बहुलता होती है। मनुष्यों में मान की, तिर्यच्चों में माया की और देवों में लोभ की। मान है तो सबके अन्दर पर हीनाधि क रूप में हो सकता है। मान चाहते भी सब हैं पर मैं आप से कहता हूँ कि मान की एक सीमा बांधे कि मान क्या है? आप उसे कितना जिएँ और कितना त्यागें ये आज हमें समझना है।
     
    संत कहते हैं- मान से बचो। मान का मतलब है अपने अंदर अतिरिक्त समान की चाहत जिसे गर्व, घमण्ड और मद के रूप में जाना जाता है। ऐसा व्यक्ति जिसके मन में ऐसा विचार आता है अपने आप को श्रेष्ठ बनाने और बताने की जिसके अंदर प्रवृत्ति होती है वह मान का अविकसित रूप है।
     
    लोग आपका आदर करे, सत्कार करे, सम्मान करे, वहे अलग बात लेकिन लोग मुझे ही आदर दें, मुझे ही सम्मान दें, मेरा ही =त्कार करें -ये अलग बात। लोग आपको अच्छा मानें ये अलग बात पर मैं ही अच्छा हूँ ये अलग बात। लोग आपको श्रेष्ठ बताएँ अलग बात पर मुझसे श्रेष्ठ कोई नहीं ये अलग बात। आज बचना है मान के उस विकृत रूप से जो मनुष्य को सबसे अलग-थलग कर देता है। वह क्या है? अपने आप को ऊँचा मानने की प्रवृत्ति बाकी सबको ओछा साबित करने की दृष्टि -ये मान का एक बड़ा विकृत रूप है।
     
    अपने अंदर झाँककर देखो कि ऐसा कोई मान आपके भीतर जो नहीं है जिसे दूसरे शब्दों में गुमान भी कहा जाता है। मुझसे अच्छा इस दुनिया में कोई नहीं यदि ये परिणति है तो समझ लेना दुम धर्म को क्षेत्र से बहुत दूर हो।
     
    सन्त कहते है जो अपने आप को बड़ा मानता है परमार्थ की निगाह में वह सबसे छोटा होता है। बड़ा मानने से कोई बड़ा नहीं होता; बडप्पन के कार्य करने से ही इंसान बड़ा होता है। मैं आपसे कहना चाहता हूँ कि ये मत सोचो कि मैं सबसे बड़ा हूँ ऐसा कुछ करो कि दुनिया खुद तुम्हें बड़ा मानने को तैयार हो जाए। मानी (मान से युक्त) व्यक्ति की प्रवृत्ति कुछ अलग प्रकार की होती है। उसके मन में ऐसी लालसा और ललक होती है कि सारी दुनिया मुझे अपने सिर पर बैठाए।
     
    सन्त कहते है जो दुनिया के सिर पर बैठने की चाहत रखते हैं दुनिया उन्हें पाँव तले रौद डालती है। दुनिया के सिर पर बैठने की कोशिश करने की जगह ऐसे कर्म करो कि लोग तुम्हें सिर पर बैठाने के लिए लालायित हो उठे। किसी के सिर पर बैठने की कोशिश करोगे तो नियमत: दबा दिए जाओगे और उच्च आचरण करोगे तो दुनिया तुम्हें अपने आप सिर पर बैठा लेगी। जो अपने कार्य करता है दुनिया उसे कभी भूलती नहीं।
     
    अच्छा कर्म करो परिणाम अपने आप अच्छा मिलेगा। मान मत करो माननीय बनने का यत्न करो। तुम्हारे अंदर कितनी भी अच्छाई हो, कितने भी गुण हों, कितनी भी शक्ति और साधन हो कभी भी उनका मान मत करो क्योंकि तुम्हारी अच्छाईयाँ, तुम्हारे गुण, तुम्हारी शक्ति और तुम्हारे साधन मान करने लायक हैं ही नहीं।
     
    किनका मान करते हो आप? मेरे पास पैसा है इसका मान, मेरा रूप है इसका मान, मेरे पास शक्ति है इसका मान, मेरी प्रतिष्ठा है इसका मान, अगर साधक जीवन हो गया तो मैं बड़ा तपस्वी हूँ इसका मान, थोड़ा ज्ञान पा लिया तो मैं ज्ञानी हूँ इसका मान? यही न मान के रूप और आधार हैं?
     
    पैसे का मान करते हो? पैसा किसी के भी साथ स्थायी नहीं रहा। आज तक किसी की सम्पदा किसी के साथ स्थायी नहीं रही। चक्रवर्तियों को भी इस दुनिया से खाली हाथ जाना पड़ा। तुम किसका मान करते हो? ये तो कर्म के उदय से अनुकूल संयोग तुम्हें मिले हैं इसलिए ये सब तुम्हारे पास है। जब तक कर्म की अनुकूलता है जब तक ये सब चीजें हैं। जिस दिन कर्म करवट बदलेगा सब "क-दफा हो जाएगा। टायर के अंदर जब तक हवा भरी रहती है जब तक वह बजन उठाने में समर्थ होता है। 50-50 टन तक का वजन उठाने में ट्रक का टायर समर्थ रहता है। लेकिन कब तक? जब तक उसमें हवा हो। टायर वजन उठाते समय यह भ्रम पाल ने कि मैं कितना ताकतवर हूँ, इतना-इतना वजन उठाने की क्षमता = पास है तो इसे टायर का भ्रम ही कहा जाएगा क्योंकि वजन टायर अपने दम पर नहीं उठा पा रहा है वह तभी उठा रहा है जब तक कि उसमें हवा है।
     
    बंधुओं मैं भी आपसे कहता हूँ तुम्हारे ठाट-बाट तभी तक हैं जब तक अनुकूल संयोंगों की हवा है। हवा बदलते ही तुम्हारी हवा डिस्क जाएगी। कब किसके साथ क्या हो जाए इसका कोई भरोसा नही है जो इस सच्चाई को जानते हैं वे कभी मान नहीं करते हैं।
     
    मान करने योग्य है ही नहीं। किसका मान करूं? जिसका मैं मान करता हूँ वह मेरा है ही नहीं। ये सब कर्म के संयोग से प्राप्त परिणतियाँ हैं जो तुम्हें प्राप्त हुई; तुम उनका मान करते हो। ये मान करने योग्य ही नहीं है। इसमें किसी प्रकार का मान करना भी नहीं चाहिए |
     
    अहम से मान 
    एक बार कागज का एक टुकड़ा हवा के वेग से उड़ा और चवत के शिखर पर जा पहुँचा। पर्वत ने उसका आत्मीय स्वागत किया और कहा- भाई! यहाँ कैसे पधारे? कागज ने कहा- अपने दन पर। जैसे ही कागज ने अकड़कर कहा अपने दम पर और तभी डवा का एक दूसरा झोंका आया और कागज को उड़ा ले गया। अगले ही पल वह कागज नाली में गिरकर गल-सड़ गया। बन्धुओं जो दशा एक कागज की है वही दशा तुम्हारी है। पुण्य की अनुकूल वायु का वेग आता है तो तुम्हें शिखर पर पहुँचा देता है और पाप का झोंका आता है तो रसातल पर पहुँचा देता है।
    किसका मान? किसका गुमान? संत कहते हैं जीवन की सच्चाई को समझो। संसार के सारे संयोग मेरे अधीन नहीं हैं। कर्म के अधीन हैं और कर्म कब केसा करवट बदल ले भरोसा नहीं। इसलिए कर्माधीन परिस्थितियों का मान केसा?
     
    मान अज्ञानता की पहचान है। जिसके हृदय में अज्ञान होता है वही मान करता है। जो वास्तविकता जानता है वह कहता है किसका मान करूं? राजा को रंक और रंक को राजा बनते, करोड़पति को रोड़पति और रोड़पति को करोड़पति बनते, पंडित को पागल और मूर्ख को पंडित बनते, रूपवान को कुरूप और कुरूप को रूपवान बनते देर नहीं लगती। ये दुनिया है, पल-पल बदलती है। कब किसके साथ क्या हो जाए कहा नहीं जा सकता। कब किसकी लॉटरी खुले और कब किसकी लुटिया डूबे कोई गारंटी नहीं। खेल है। चक्र है, चल रहा है। तुम किसका अभिमान करते ही दुनिया में बहुत सारे लोग हैं जो वैभव के शिखर पर पहुँचे पर फिर भी वह उनके साथ नहीं रहा। उन्हें अपने जीवन में दुर्दिनों का सामना करना पड़ा। जिन्होंने खूब अच्छा रूप पाया लेकिन वे भी विद्रुप हो गए।
     
    मानव के जीवन में बहुत सारी चीजें होती है। आज मुझे चार बाते करनी हैं। पहली बात जिन संयोंगों के कारण आप मान करते हो उनमें मान करने जैसा कुछ भी नहीं और जो आज स्वयं को बड़ा मान रहे हो कल छोटा बनने में देर नहीं लगेगी। जो आज तुम्हें छोटा दिखाई पड़ रहा है कल वह तुमसे भी उच्च बन सकता है।
     
    सड़क के किनारे एक पत्थर पड़ा था। पत्थर के बगल में गुलाब का फूल था, गुलाब का फूल हमेशा उस पत्थर का उपहास करता, मजाक करता- तुम्हारी भी क्या जिंदगी है, तुम्हें कोई पूछता भी नहीं। बस एक जगह ठहर कर ही रह गए हो। ज्यादा से ज्यादा लोग तुम पर आकर बैठ जाते हैं। इसके अलावा तुम्हारा कोई उपयोग नहीं। गुलाब की बात सुनकर पत्थर मन मसोसकर रह जाता। एक दिन एक राहगीर की नजर उस पत्थर पर पड़ी। वह राहगीर एक शिल्पी था। उसने उस पत्थर की सलीके से निकाला, अपने घर लाया और घर लाकर उसे तरासना शुरू कर दिया। तरासते-तरासते उसे सुंदर प्रतिमा का रूप प्रदान कर दिया। उस भव्य प्रतिमा में भगवान का रूप मानकर उसने अपने पूजा घर में उसे विराजमान किया। अगले दिन जब पूजा के लिए भगवान के चरणों में जो फूल-चढ़ाया गया वह वही फूल था जो कुछ दिन पहले तक उस पत्थर का उपहास कर रहा था। पत्थर की प्रतिमा ने उस फूल को देखा तो मुस्कुराकर रह गई। बंधुओं! यह कहानी, हर एक इंसान की कहानी है।
     
    जो आज एक अनाथ है नर-नाथ कल होता वही। जो आज उत्सव मग्न है कल शोक कर रोता वही।
    जितने भी संयोग हैं वे सभी नश्वर हैं। रूपवान कुरूप बन सकता है, धनवान निर्धन बन सकता है, और जिसका रसूख है, साख है, रुतबा है ऐसा नामचीन व्यक्ति भी गुमनामी का शिकार बन सकता है। यह सब कर्म का खेल है। किस पर भरोसा और किसका मद? ये तुम्हारे अज्ञानता की पहचान है।
     
    दो मित्र थे। एक बहुत गोरा और रूपवान था तथा दूसरा काला और कुरूप था। दोनो के स्वभाव में भी बड़ा अंतर था। जो सुंदर गोरा था वह बड़ा अभिमानी था और जो काला था वह बड़ा विनम्र था। गोरा जब भी काले से मिलता तो उसका उपहास करता, मजाक उड़ाता और कभी उसका वास्तविक नाम लेकर भी नहीं बुलाता। हमेशा कालिया-कालिया कहकर पुकारता। लेकिन काला गोरे की सब बातों को बहुत सहज भाव से स्वीकार कर लेता। दोनों में परस्पर विरुद्ध विचार होने के बाद भी दोनों की मित्रता चलती रही। इस मित्रता का मूल कारण काले की विनम्रता थी। लेकिन एक दिन गोरे ने काले से कहा कि तुम मेरे साथ मत रहा करो। बोला क्यों? क्योंकि तुम मेरे साथ रहते हो तो मेरा सौंदर्य प्रभावित हो जाता है। तुम बड़े कुरूप हो। मेरे साथ मत रहा करो।
     
    गोरे की बात सुनकर काले ने जो बात कही वह बहुत गम्भीर और महत्वपूर्ण है। उसने कहा- भाई ठीक कहते हो, यदि मेरे और तुम्हारे साथ रहने से तुम्हारा सौंदर्य प्रभावित होता है तो मैं ऐसा नहीं करूंगा। अब अलग रहा करूंगा। लेकिन एक बात मुझे समझ नहीं आती तुम कहते हो कि मैं तुम्हारे साथ रहता हूँ तो तुम्हारा सौंदर्य बिगड़ता है जबकि मेरी धारणा ये है कि मेरे तुम्हारे साथ रहने से तुम्हारा सौंदर्य और निखरता ही है। अपितु तुम मेरे साथ रहो तो मेरा सौंदर्य बिगड़ सकता है। गोरा तमतमा गया। ये क्या बकते हो? बदसूरत सी शकल और ऊपर से मुँह लड़ाते हो। शर्म नहीं आती। उसने कहा ऐसी बात नहीं है। दरअसल बात ये है कि तुम्हारे गोरे बदन पर मेरे शरीर का एक छोटा सा कण भी लग जाएगा तो तिल बनकर तुम्हारा सौंदर्य निखार देगा लेकिन तुम्हारे गोरे शरीर का एक कण मेरे काले शरीर में लग जाए तो कोढ़ बनकर मेरे सारे सौंदर्य को नष्ट कर देगा।
     
    बंधुओं बात बहुत सोचने की है। ये गोरा-काला चलता रहता है। किसका मद करना? कर्म के संयोग को समझने वाले व्यक्ति के मन में मान नहीं होता। दूसरी बात मान करने वाला सदैव अज्ञानी होता है। आप जिस किसी भी चीज का मान करते हो वह बाह्य संयोगों का मान है। ये अज्ञानता की ही तो पहचान है। ये तो ठीक वैसा है जैसे किसी व्यक्ति ने किसी से कहा कि भैया ये मेरा पस पकड़ी; मैं अभी पूजा में बैठ रहा हूँ जब आऊँगा तो वापिस लौटा बात मान लो उसने उसमें कुछ बहुमूल्य जेवर और कुछ रुपए रखे | दस-बीस लाख रुपए उस आदमी को सम्हालने के लिए मिले था किन्तु वह तो अपने आप को उसका मालिक मान बैठा और अभिमान करने लगा कि मेरे पास इतना माल है। उस आदमी को आप क्या कहोगे जो ऐसा सौच कर अभीमान करने लगे कि देखो मेरे पास इतना धन है, मेरे पास इतना पैसा है, मेरे था ये साधन हैं। उस व्यक्ति को आप पैसे वाला बोलोगे या मूर्ख बोलोगे |
     
    कहा है वह मुर्ख? वह मुर्ख कौन है? तुम्हारे पास जो भी दौलत है जितनी भी शोहरत है और तुम्हारी जो ये सेहत है किसने दी? या बाह तुम्हारी है? किसकी है? ईमानदारी से बोलो तो ये सब था कम की धरोहर है। किसी की धरोहर को अपना मानकर उस या वाचमान करना कौन सी बुद्धिमत्ता है? यह अज्ञानता का परिचय जो बुरा तो नहीं लगेगा?
     
    अपनी मुर्खता पर तनिक विचार करो। अपनी अज्ञानता के बारे बाचो इस नादानी पर सोचो। ये नादानी जिस मनुष्य के मन या बाइनो है वह कभी अपने जीवन का कल्याण नहीं कर सकता। याजक पदार्थ कर्म के संयोग हैं, पुण्य की धरोहर हैं और नश्वर ड को भी नष्ट हो जाने वाले हैं। संसार में देखें तो मुझसे भी बाड-बड़े लोग बैठे हैं, मैं तो बहुत छोटा हूँ यदि ये बात तुम्हारे या में आ जाए तो तुम्हारे मन में कभी मान प्रकट नहीं होगा।
     
    चार बातों से मान का शमन होता है। संसार के सभी संयोगों कर्मायत(कर्म को अधीन) मानो, संसार को सभी संयोगो कर्म को धरोहर मानो संसार के सारे संयोगों को नश्वर मानो और या ने पास जो है उसे अपने से अधिक वालों से मिलाकर देखो जी तो समझ में आएगा कि औरों के सामने तो मैं बहुत कम हूँ। मेरे पास कितना सा धन है? इस दुनिया में मुझसे बड़े-बड़े धनवान चक्रवर्ती जैसे आए और चले गए। मेरा क्या रूप है? मुझसे भी बड़े-बड़े रूपवान इस दुनिया में आकर चले गए और आज भी रहते हैं। मेरे पास ज्ञान का कितना सा अंश है? मुझसे भी बड़े-बडे ज्ञानवान इस दुनिया में हैं। मैं जितना मशहूर हूँ उससे भी ज्यादा प्रतिष्ठित लोग इस दुनिया में हैं। मेरा जितना नाम है उससे ज्यादा नामचीन लोग इस दुनिया में हैं। मुझे तो बहुत थोड़े लोग जानते हैं, दुनिया में ऐसे लोग भी हैं जिनको सारे लोग जानते हैं पर दुनिया कितना भी जाने और कितना भी पहचाने कोई सदा के लिए टिकने वाला नहीं है। यदि चार बातों को ध्यान में रखोगे तो मन में कभी मान नहीं आएगा।
     
    बंधुओं! मान से बचिए। मान व्यक्ति के रग-रग में भरा हुआ है। मान का ही एक विरोधी पक्ष है जिसको बोलते है दीनता। मान और दीनता दोनों मन के विकार हैं। न मान करो, न अभिमान करो और न ही दीनता का भाव मन में आने दो। अभिमान मनुष्य की सोच को संकीर्ण बनाता है और दीनता के कारण मनुष्य के मन में हीन भावना आती है। अभिमानी व्यक्ति दूसरों का अनादर और तिरस्कार करता है तथा दीन-हीन व्यक्ति अपने आप में बहुत हीन-भावना से ग्रसित हो जाता है। मनोविज्ञान की भाषा में दो शब्द हैं- सुपीरियारिटी कॉम्प्लेक्स और इन्फीरियारिटी कॉम्प्लेक्स। ये कॉम्प्लेक्सही ग्रंथियाँ हैं। शाखा ग्रंथि और राघव ग्रंथि। सुपीरियारिटी का भाव ही अभिमान है और इन्फीरियारिटी का भाव ही दीनता है। दोनों खतरनाक हैं।
     
    तुम सोचो धन का मद उन्हें होता है जिनके पास धन है; तो निर्धन को मद रहित होना चाहिए। उनके अंदर मार्दव धर्म आ जाना चाहिए। ज्ञान का मद उन्हें होता है जिनके पास ज्ञान है तो फिर अज्ञानियों को मद होना ही नहीं चाहिए। ज्ञान का मद ज्ञान से होता है या अज्ञान से होता है? सच्चे अर्थों में ज्ञानी को मद नहीं होता अज्ञानी ही मद करता है। ये हीन भावना भी एक प्रकार की नकारात्मक विचारधारा है। जो मनुष्य को अंदर से कमजोर करती है। इससे भी अपने आप को बचाकर रखना चाहिए।
     
    व्यक्ति के पास दो आँखें होती हैं। किसी की आँखे ऐसी होती हैं जो पास का देखती हैं दूर का नहीं देख पातीं और किसी की आँखे ऐसी होती हैं जो केवल दूर का देखती हैं पास का नहीं देख पातीं। मैं समझता हूँ अभिमानी की आँखे पास का देखती हैं दूर का नहीं देख पातीं। वह खुद को देखता है और अपने आस-पास की दुनिया को नहीं देख पाता। जो आत्मविमुग्धता में जीता रहता है वह अभिमानी है। दीन व्यक्ति की आँखें केवल दूर का देखती हैं पास का नहीं देख पातीं। उसे दूसरे लोगों की चीज दिखती है, दूसरे लोगों की सफलताएँ दिखती हैं, अपने अतीत की बातें दिखती हैं, अपने भविष्य की बातें दिखती हैं, वर्तमान की नहीं दिखतीं इसलिए वह हीनता की ग्रंथि से ग्रसित हो जाता है।
     
    मार्दव धर्म को प्राप्त करने का मतलब अपनी आँख में एक का भी दिखा सके और पास का भी दिखा सके। जब आत्मविमुग्ध ता की भावना आए तो औरों को देखकर विचार करो कि उनके आगे मैं बहुत छोटा हूँ और जब मन में हीनता की भावना आने लगे तो अपने भीतर के गुणों को देखो मैं तो अनंतगुणों का धाम हूँ पर मैं नश्वर हूँ। मुझमें कोई अंतर नहीं है तथा मैं समान हूँ। आपके अंदर की हीनता की ग्रंथि भी खत्म होगी और अभिमान भी नष्ट होगा। मान मत करो। जब-जब मान करोगे तो दुखी होगे। मानवजीवन के दु:ख का कारण मान ही है। मनुष्य अपने मान के कारण ज्यादा दुखी होता है।
     
    अब मैं आपसे कह रहा हूँ मान की सीमा कितनी बड़ी होती है। जो चार बातें अभी मैंने आपसे कहीं यदि आप उन्हें विचारपूर्वक अपने हृदय में स्थापित कर लोगे तो मन शांत होगा। फिर भी यदि आपके अंदर मान है तो मान को सीमित करो। मान के लिए एक शब्द चल पड़ा 'ईगो'(अह) हर बात में ईगो प्रॉब्लम्। सभी व्यक्तियों के बीच ईगो प्रॉब्लम् आ जाती है।
     
    सन्त कहते हैं ईगो प्रॉब्लम् नहीं, ईगो ही प्रॉब्लम् है। छोटी-छोटी बातों पर मन में जो प्रॉब्लम् आती है वह ईगो के कारण आती है। मैं आपको कुछ सीमा बाँधने के लिए कहता हूँ। जिस जगह आपके संबंध खराब होने लगें वहाँ अपने मान की तिलांजलि देना शुरु कर दी। संबंध खराब हों इससे अच्छा है आप अपने मान को तिलान्जलि दे दो। पिता–पुत्र की बात हो, पति-पत्नी की बात हो, भाई-भाई की बात हो और अड़ोसी-पड़ोसी की बात हो, समाज में किसी भी व्यक्ति की बात ही आप उसकी शांत करो। क्या करें? मनुष्य के मन की दुर्बलता है। कोई बात हो जाए तो हम कैसे कहें? हम नहीं कह सकते। व्यक्ति खोटा बनने को तैयार है पर छोटा बनना नहीं चाहता। मैं कैसे कहूँ ये बात छोड़ी। अगर कहीं कुछ गड़बड़ है तो तुरंत उसका समाधान निकाल लो, संबंध खराब मत करो। अपने थोड़े से मान की पुष्टि के पीछे अपने संबंध बिगाड़ रहे हो तो समझ लो अपने जीवन को बर्बाद कर रहे हो। जिनसे मेरे संबंध हैं उनके आगे मैं मान को आड़े नहीं आने दूँगा। यदि मुझे अपने मान को विसर्जित करना पड़े तो मैं विसर्जित करूंगा पर अपने संबंध बिगाड़ने की कोशिश नहीं करूंगा।
     
    महाराज! ऐसा करने में बड़ी तकलीफ होती है। एक पति-पत्नी थे। संयोग ऐसा कि पत्नी का पैकेज ज्यादा था पति का पैकेज कम। जब दोनों जॉब वाले, नौकरी पेशा वाले हों तो उन लोगों की हालत बड़ी खराब हो जाती है। पति-पत्नी का सम्बन्ध नितांन भावात्मक सम्बन्ध होना चाहिए। लेकिन वहाँ दोनों के बीच पैसा आ गया।
     
    पत्नी कुछ इगोइस्ट(घमण्डी) हो गई। कोई भी बात हो तो कहती मैं तुमसे कम थोड़ी हूँ। वह पत्नी हमेशा अपने पति को कमतर औाँकने की कोशिश करती पर पति ऐसा था कि वह अपने आपको कभी भी कम साबित नहीं होने देता, सदा पत्नी पर हावी रहने की कोशिश करता। एक बार किसी मुद्दे पर दोनों के बीच में बड़ी तकरार हो गई और तकरार ऐसी हुई कि दोनों की बातचीत तक बंद हो गई।
     
    दोनों धार्मिक थे। एक दिन पति ने एकांत में मुझसे कहा- महाराज जी! आप थोड़ा मेरी धर्मपत्नी को समझाओ कि पत्नी का धर्म क्या होता है। मैंने कहा- भैया! ये तेरा धर्म नहीं की तुम मुझसे अपनी पत्नी की शिकायत करो। तुम कहते हो पत्नी का धर्म क्या होता है। मैं तो तुम्हें अभी तुम्हारा धर्म समझाता हूँ कि पति का धर्म क्या होता है। पहला धर्म तो पति का यह है कि पत्नी की शिकायत किसी के पास न करे और तू मेरे पास आया है कि पत्नी का धर्म बताओ क्या बात है?
     
    महाराज! हर चीज में बहस करती है और जो मन में आए बोल देती है। कुछ दिनों से जब वह इस तरह की बातें ज्यादा करने लगी तो मैंने बात करना बंद कर दिया। मैंने कहा- भैया! समाध न करो, आपस में बात करो। पति-पत्नी हो, जिंदगी भर लड़ने के लिए थोड़ी न शादी किए हो, जीवन को अच्छे से जीने के लिए शादी किए हो, आपस में निभाओ। बोला- महाराज! मैं सोचता तो हूँ पर मन में ये बात आ जाती है कि मैं क्यों जाऊँ वह आ जाए। मैं बोला- अशांत तुम ज्यादा हो कि वह? बोला- महाराज! वह तो बड़ी मस्त दिखती है, अशांति मुझे होती है। महाराज! क्या करूं बहुत सारे काम ऐसे हैं जो उसके बिना होते ही नहीं हैं। मैंने कहातो जाकर बात कर ली। बोला महाराज! मैं क्यों जाऊँ उसके पास? हमने कहा- समाधान चाहिए तुझे और आए वह। ये कैसे होगा? मैंने उसे समझाया- एक बात बताओ यदि कोई जेबकतरा तुम्हारी जेब काट ले तो समाधान के लिए तुम जेबकतरे के पास जाओगे कि उल्टा जेबकतरा तुम्हारे पास आएगा। क्या करोगे आप? जेबकतरे के पास भागोगे कि जेबकतरा आपके पास आएगा। जिसे समाधान चाहिए उसे सामने वाले के पास जाना चाहिए। मैंने उसे समझाया और कहा- जाओ जाकर अपनी धर्म पत्नी से क्षमा माँगों और कही गुस्से में मैंने जो कुछ कह दिया सो कह दिया। ठीक है तुम्हारी सैलरी(तनख्वाह) अधिक है, तुम्हारा पैकेज अधिक है और तुम मेरा बहुत ध्यान भी रखती हो। मैं आज से तुम्हें श्रेष्ठता प्रदान करता हूँ और अपनी लघुता को स्वीकार करता हूँ।
     
    काम हो सकता है पर बहुत कठिन है। अहंकार साधना के लिए तैयार हो जाएगा पर समर्पण के लिए तैयार नहीं होता। महाराज! आप कोई व्रत उपवास बता दी, कोई नियम दे दो वह हम निभा लेंगे लेकिन सामने वाले के आगे झुकेंगे नहीं। झुकना बहुत मुश्किल है। ध्यान रखना झुकोगे तो मजबूत बनोगे और अकड़ोगे तो टूट जाओगे।
     
    जहाँ संबंध खराब होने लगें वहाँ अपने अभिमान को गौण कर दो। लेकिन क्या करें 'मैं' तो आज कल बच्चे-बच्चे में भरा पड़ा है। छोटा सा बच्चा भी बड़ा इगोइस्ट(घमण्डी) होता है। उसके मन के विरुद्ध कुछ कर दो तो देखो बच्चा कैसे पैतरा बदलता है। एक बच्चा अचानक रोना शुरु कर दिया और रोया तो माँ ने पूछा- बेटा क्यों रो रहे हो? बोला मैं गिर गया था। कब गिरा था? 9 बजे। तो अभी क्यों रो रहे हो? बच्चा बोला- उस समय कोई देखने वाला नहीं था। बच्चा तभी रोता है जब कोई देखने वाला होता है।
     
    ये मान बहुत खतरनाक होता है। इससे अपने आप को बचाना चाहिए। जहाँ मन की शांति भंग होने लगे वहाँ अहंकार की पुष्टि मत करो। धर्म का कार्य जहाँ करना हो वहाँ अहंकार को पुष्ट मत करो। यदि सम्बन्धों में खलल आए तो अहकार को तिलांजलि दे दो, मन की शांति खण्डित होने लगे तो अहकार को तिलांजलि दे दी, धर्म कार्य में बाधा आने लगे तो अहकार को तिलांजलि दे दो। यदि इन तीन जगह में आप अपने अहम की पुष्टि बंद कर दोगे तो आपके जीवन में बहुत बड़ा परिवर्तन घटित हो सकता है।
     
    हम से सम्मान
    पहली बात कभी मान न करें। दूसरा है सम्मान। सम्मान मतलब आदर। क्या करें मार्दव धर्म कहता है औरों का सम्मान करो, खुद सम्मान की चाह मत करो। दूसरों का सम्मान करना मतलब आदर करना, विनय करना। यदि कोई तुमसे छोटा भी हो पर किसी तरह किसी गुण में तुमसे श्रेष्ठ है तो विनम्र बन जाओ, उसका सम्मान करो, उसका सत्कार करो, उसका आदर करो। जो महान लोग होते हैं वे खुद का कभी मान नहीं करते। चाहे कितने ऊँचे क्यों न हो जाएँ पर दूसरों का सदैव सम्मान करते हैं। सम्मान करना विनम्रता की पहचान है। जो एक अच्छे मनुष्य के भीतर अनिवार्यत: होती है।
     
    मान नहीं करना और सम्मान में पीछे नहीं हटना। खुद का सम्मान नहीं चाहना, औरों का सम्मान करना। ध्यान रखना सम्मान देने वाला खुद सम्मानित हो जाता है लेकिन सम्मान की चाह रखने वाले को कोई नहीं चाहता। अत: गुणवानों का सम्मान करो। किसी के अंदर कोई गुण है तो उसका आदर करो, उसका सत्कार करो, उसे प्रोत्साहित करो चाहे वह छोटा हो तो और बड़ा हो तो। दूसरों को श्रेय देने की आदत अपनाइए। दूसरों को क्रेडिट(श्रेय) देने का स्वभाव बनाइए। अहकारी व्यक्ति कभी किसी को श्रेय नहीं दे सकता। वह सारा श्रेय अपने ऊपर लेना चाहता है। कभी-कभी तो उसकी स्थिति बड़ी हास्यास्पद हो जाती है। अहम को पुष्ट करने के लिए तरह-तरह कर लेता है।
     
    एक पिता अपने बेटे के साथ माउंट आबू गया। दोनों सनसेट पॉइन्ट पर थे। सूरज डूबने ही वाला था। पिता बड़ा अभिमानी था उसने अपने चार साल के बेटे से कहा- बेटा! देख मेरी ताकत देखना चाहता है? बेटा बोला- दिखाइए न पापा। मेरी ताकत देखना चाहता है न? देख सामने सूरज है न, अभी मैं उससे कहूँगा डूब जाओ तो सूरज डूब जाएगा। बेटे को बड़ा अच्छा लगा मेरे पिता जी इतने शक्तिसम्पन्न हैं कि सूरज को भी डुबा सकते हैं। वह बोला- पापा करके बताओ। सूरज डूबने वाला था, पिता ने दूर से कहा 'go dwon' और इतना कहते ही सूरज डूब गया। पिता ने बड़े अभिमान से अकड़ते हुए कहा- बेटा देख ली मेरी ताकत। बेटे ने कहा हाँ पापा बहोत अछि ताकत है Please ones again, Please Try ones again दुबारा करके बताओ। अब पिता क्या बताए? सब धरा रह गया।
     
    इसलिए कभी भी अभिमान मत करो और सम्मान में कभी चूक मत करो। छोटा बच्चा हो या बड़ा व्यक्ति यदि किसी में कोई गुण है तो उस गुण का मूल्यांकन करो, किसी के द्वारा कोई भी अच्छाई दिखती है तो उसका क्रेडिट उसको दो। क्रेडिट खुद मत लो हमेशा दूसरों को दी। श्रेय लेने वाले को कोई नहीं पूछता और श्रेय देने वाले के सब कायल हो जाते हैं।
     
    मैं एक स्थान पर था। वहाँ के एक प्रमुख कार्यकर्ता की एक बड़ी अच्छी विशेषता देखी कि वह छोटे से छोटे कार्यकर्ताओं को लेकर हमारे पास आते, परिचय कराते और कहते महाराज ये आदमी बहुत अच्छा काम करता है। प्रोत्साहन और श्रेय देते और कहते ये काम इसके द्वारा हुआ, ये काम इसके द्वारा हुआ और ये काम इसके द्वारा हुआ। यद्यपि सबको पता है कि सब कार्यों में केन्द्रीय भूमिका किसकी है लेकिन वह सारा क्रेडिट(श्रेय) औरों को बांटता।
     
    औरों को बांटने का नतीजा ये निकलता कि उन सबकी क्रेडिट इस अकेले को मिल जाती। जो बाँटता है वह पा जाता है और जो बटोरता है उसका सब लूट लिया जाता है। अत: क्रेडिट देना सीखिए घर परिवार से लेकर समाज तक। आपके परिवार में चार सदस्य हैं। मानता हूँ परिवार के संचालन में तुम्हारी केन्द्रीय भूमिका होगी लेकिन कितनी भी कोन्द्रीय भूमिका हो, कितनी भी बडी भूमिका क्यों न हो, उस भूमिका के मध्य भी आप इतने मतवाले मत बनिए कि जो कुछ हूँ सो मैं ही हूँ। जो कुछ हूँ सो मैं ही हूँ ये अज्ञान है। 'मैं' के साथ 'भी' लग जाए तो ज्ञान होगा। मैं नहीं तुम भी।
     
    मैं तो बहुत छोटा हूँ और लोग भी हैं, मुझे सबको देखना है और सबके साथ चलना है। ये परिणति अपने अंदर होनी चाहिए। यदि आप दूसरों को श्रेय बाँटोगे तो लोग आपके कायल बनेंगे, आपके प्रशंसक बनेंगे। और यदि सारा श्रेय खुद लूटने की कोशिश करोगे तो लोग कहेंगे बड़ा विचित्र आदमी है, करते हम हैं और माला खुद पहनते हैं।
     
    जीवन में ऐसा काम करो कि लोग तुम्हें माला पहनाने के लिए पागल हो जाएँ। ध्यान से सुनना जीवन में ऐसा काम करो कि लोग तुम्हें माला पहनाने के लिए पागल हो उठे पर ऐसा काम कभी मत करो कि लोग तुम्हें माला पहनाएँ। लोग मुझे माला पहनाएँ इस भाव से काम कभी मत करो ऐसा काम कर दो कि लोग पागल हो उठे माला पहनाने को। बहुत अंतर है। माला पहनने की चाह रखोगे तो लोग माला भी पहनाएँगे और गाली भी देंगे। दूसरों को श्रेय देने वाले को खुद श्रेय मिलता है और सारा श्रेय खुद ले लेने वाले लोग प्राय: आलोचना के पात्र बनते हैं।
     
    एक स्थान पर चातुर्मास चल रहा था। चातुर्मास में बहुत सारे कार्यकर्ताओं की जरूरत पड़ती है। यहाँ भी पूरी टीम लगी हुई है, सैकड़ों लोग लगे हुए हैं तब ये सारी व्यवस्था है। नजर में तो दो-चार लोग ही आ रहे हैं। ये मत सोचना कि जो दो चार लोग सामने नजर आ रहे हैं उनके बलबूते सारा काम हो रहा है। मार्गदर्शन उनका है, उनकी केन्द्रीय भूमिका है लेकिन बहुत सारे लोग मिलते हैं तब कोई कार्य सम्पन्न होता है। उस स्थान की चातुर्मास कमेटी के अध्यक्ष के मन में एक भावना जगी कि मुझे इस चातुर्मास में सम्मानित किया जाए। दरअसल वह किसी जगह गए थे तो वहाँ देखा कि वहाँ के मुख्य व्यक्ति ने बहुत अच्छा काम किया तो वहाँ की पूरी स्थानीय समाज ने मिलकर उनका बहुमान किया, सम्मान किया। उसे देखकर एक भावना उनके मन में आ गई कि मेरा भी सम्मान होना चाहिए।
     
    जिसको सम्मान की चाह है वह बहुत बड़ा मानी है। मानी की दो पहचान हैं- जो सम्मान की चाह करे वह मानी और जो थोड़ा भी अपमान बर्दाश्त न कर सके वह भी मानी। सम्मान की चाह रखने वाला मानी है। उनके मन में यह चाहत थी। अब वह चाहे कि यहाँ भी वैसा ही एक कार्यक्रम हो पर अपने मुँह से कैसे कहें? अपने एक साथी से कहा कि महाराज से कहो कि ऐसा कार्यक्रम यहाँ रखा जाए। मैं देखता था कि इस आदमी में क्या दुर्बलता है। इस कार्यक्रम की यहाँ आवश्यकता नहीं क्यों कि यह व्यक्ति उस लायक नहीं है इसलिए मैंने बात टाल दी। तीन-चार दिन बाद पिच्छी परिवर्तन का कार्यक्रम था। वह आदमी चाहता था कि उस आयोजन में मेरा सम्मान हो। अब तो उसने खुद ही आकर बोल दिया। मान में आदमी को शर्म नहीं लगती। जिसको मान की चाह होती है वह अपना अपमान खुद करवा लेता है। और बोलते-बोलते बोल दिया महाराज लोग मुझे बहुत चाहते हैं। आप अभी हमको जानते नहीं हैं। मैंने कहा- अभी तक तो नहीं जानता था पर आज जान गया। आपको कार्यक्रम कराने की इच्छा है करा लीजिए पर मेरा सोचना तो ये था कि आप आयोजक हैं; आपको पहले औरों को श्रेय देना चाहिए, औरों का सम्मान कराना चाहिए और फिर उस दिन इतना समय नहीं रहेगा इसलिए फिर किसी दिन ऐसा आयोजन करके अपने सारे कार्यकर्ताओं का सम्मान करो, तुम सम्मान दो; सम्मान लो मत। बात जैंची नहीं और उन्होंने येन-केन उपायेन अपना कार्यक्रम जुड़वा लिया। मैं भी न्यूट्रल (तटस्थ) हो गया। आप सुनकर ताजुब्ब करोगे दस हजार लोगों की उपस्थिति में उस व्यक्ति का सम्मान किया गया पर एक आदमी ने भी उस व्यक्ति के सम्मान में ताली नहीं बजाई। अब बताओ ये सम्मान था कि अपमान?
     
    सम्मान करोगे सम्मानित होओगे। सम्मान चाहोगे अपमानित होना पड़ेगा। सूत्र अपने जीवन में ले लो- श्रेय बाँटोगे तो तुम्हें भी श्रेय मिलेगा और सारा श्रेय खुद लेने का प्रयास करोगे तो सब चला जाएगा। सीख लो आज से चाहे समाज की बात हो या घर परिवार की परिवार में अगर कोई काम हो तो में कुछ नहीं करने वाला करने वाला तो ये है | चाहे तुम्हारे भाई बंदु हो, चाहे तुम्हारे बेटे हो, चाहे तुम्हारी बहु हो, चाहे तुम्हारी बेटी हो, चाहे कोई भी हो | इनने किया में तो बस पीछे रहा , श्रेय दुसरो को दो देखो कितना मजा आता है | सामने ओ का तुम्हारे प्रति द्रष्टिकोण ही बदल जायेगा और सब र लोगे तू वो लोग र्तुम्हारे सामने कुछ नहीं बोले पर पिट पीछे कोसने में चुकेंगे नहीं बन्दुओ मेने कहा मान कभी नहीं करना, सम्मान की अपेक्षा मत करना और ओरो के सम्मान में कभी पीछे नहीं रहेना |
     
    करी विनय बहुगुण बड़े जन की 
    नम्बर तीन बहुमान। मान सम्मान बहुमान। बहुमान का मतलब उत्कृष्ट आदर, सर्वोच्च विनय। बहुमान किनका, गुरुजनों का, माता-पिता का और जिन्होंने जीवन में तुम्हें आश्रय दिया उनका। इन तीन का पूर्णत: बहुमान करो, सपने में भी इनका अनादर न हो ऐसी प्रतिज्ञा मन में रखो ये बहुमान है। क्योंकि उनका तुम्हारे जीवन पर बड़ा उपकार है। माँ-बाप नहीं होते तो आज तुम्हारे जीवन में जो कुछ भी है वह होता? तुम चाहे कितने भी ऊँचे क्यों न बन जाओ माँ-बाप को कभी मत भूलना, सदैव उनका बहुमान करना क्योंकि बच्चा चाहे कितना भी बड़ा क्यों न हो जाए माँ-बाप के सामने तो बच्चा ही है। उनका बहुमान करो, उन्हें कभी भूलों मत, उन्हें किसी प्रकार का कष्ट मत होने दो और अपने जीवन में होने वाली बड़ी से बड़ी उपलब्धि को भी उनके चरणों में अर्पित करते हुए यह कहो- ये आपकी कृपा से मुझे मिला है। ये आपके आशीर्वाद का फल है। आप आशीर्वाद दें कि मैं ऐसे ही आपके नाम को रोशन करता चलें। ये बहुमान का भाव माँ-बाप के प्रति है। अपने अंदर भाव जगाओ जिसने तुम्हें आश्रय दिया, जिसके निमित से तुमने व्यापार किया, कारोबार किया, अपने परिवार को चलाने में सक्षम कितने भी बड़े क्यों न बन जाओ।
     
    मैं एक ऐसे व्यक्ति को जानता हूँ जो आज अरबपतियों में शुमार हैं। एक दिन वह व्यक्ति एक व्यक्ति को मेरे पास लाए और कहामहाराज जी! मेरे पिता जी इनके पिता जी के यहाँ नौकरी करते थे, इनका बड़ा उपकार है हमारे परिवार। पर हम लोग देश से यहाँ आए; अगर इनका परिवार नहीं होता तो आज हमारे पास कुछ भी नहीं होता। आज अरबपति बना हुआ है और जिस व्यक्ति से मेरा परिचय करा रहा है उस व्यक्ति की साधारण सी हालत। आज वह खुद नोकरी कर रहा है लेकिन सामने वाला अपना बड़प्पन दिखाते हुए कहे रहा है की महाराज हमारे पिताजी ने इनके यहाँ नोकरी करते हुए अपने कैरियर की शुरुआत की थी। आज हम जो कुछ भी हैं इनकी बदौलत हैं। की बात तो जाने दो अगर तुम्हारा कोई सगा भी होगा और यदि वह कमजोर हो गया तो बहुमान करने की बात तो बहुत दूर है, पहचानने में भी तुम पीछे हट जाओगे। बहुमान करो उनका जिनका तुम्हारे जीवन के निर्माण में किचित भी योगदान है। ये हमारा धर्म है। ये हमारा कर्तव्य है। ऐसी भावना हृदय में विकसित होनी चाहिए।
     
    गुरुजनों का बहुमान। गुरुओं का बहुमान क्या है? उनकी जय-जयकार करो, उनकी पूजा करो, उनकी भक्ति करो, उनके आगे-पीछे फिरो? गुरु का ये बहुमान नहीं है। ये बड़ा उथला बहुमान है, ऊपरी बहुमान है। गुरु का सच्चा बहुमान ये है कि गुरु के द्वारा दिए गए निर्देशों के विरुद्ध कोई आचरण मत करो। ये है गुरु का सच्चा बहुमान। तुम्हारे मन में गुरु के प्रति बहुमान है तो हमेशा इस बात का मन में भाव होना चाहिए कि मैं कोई काम करूं और बात गुरु के पास पहुँचे तो उनको अच्छा न लगे ऐसा काम मैं नहीं करूंगा। मेरे किसी कृत्य से मेरे गुरु को कोई तकलीफ हो ऐसा कोई भी काम मैं नहीं करूंगा। ऐसा कोई काम नहीं करूंगा कि मेरे गुरु के पास जाकर किसी को कहना पड़े कि वह व्यक्ति आपका बहुत भक्त बनता है न, वह ऐसा काम कर रहा है।
     
    मैं एक स्थान पर था। दिन में शादी, दिन में भोज का कार्यक्रम घोषित किया गया। पूरी समाज ने दिन में शादी, दिन में भोज, सारे वैवाहिक कार्यक्रम दिन में सम्पन्न करने का निर्णय लिया। निर्णय के एक माह बाद मैं बगल के गाँव में था जिसकी अध्यक्षता में ये सारा कार्यक्रम सम्पन्न हुआ उसके पोते का जन्मदिन था और उसने रात्रि-भोज दिया। कार्ड बंट गए। मेरे पास एक युवक आया। उसने कहा- महाराज! आपने इतना अच्छा नियम बनवाया और पूरे समाज में इसको लेकर बहुत अच्छी प्रतिक्रिया है। लेकिन महाराज जी! शायद आपने सुना होगा, नहीं सुना हो तो ये कार्ड मैं आपको दिखा रहा हूँ देखिए ये अध्यक्ष जी आपके बड़े भक्त माने जाते हैं, उनके घर का कार्यक्रम है। वह अपने बेटे के जन्मदिन पर रात्रि में भोज दे रहे है। मैंने कार्ड पढ़ा। मुझे थोड़ा अचम्भा हुआ कि ऐसा होना तो नहीं चाहिए पर मैं देख रहा हूँ। संयोगत: थोड़ी देर बाद वह सज्जन मेरे पास आए। मैंने उस कार्ड को उनकी तरफ रखते हुए कहा- ये कार्ड तुमने छपवाए? जी महाराज छपवाए तो हैं। तो क्या तुम्हारे यहाँ ऐसा आयोजन है? दोनों हाथ जोड़कर बोले महाराज! आयोजन तो था पर अब नहीं होगा। मैंने पूछा- बात क्या है? बोले महाराज जी! बिल्कुल सही बात है। पोते के जन्मदिन का कार्यक्रम था और बेटा माना नहीं। उसने कार्ड छपा लिए मुझे तो बाद में मालूम पड़ा। पोते और बेटे, दोनों ने यही कहा कि विवाह के भोज के लिए प्रतिबंध है जन्मदिन के लिए थोड़ी है। इसलिए ये कार्य कर लेंगे। लेकिन महाराज जी! ये बात आप तक पहुँच जाएगी मुझे इसकी कल्पना भी नहीं थी। मैं आज आपके पास आया हूँ जिस कार्य से मेरे गुरु को तकलीफ हो वह कार्य मैं सपने में भी नहीं करूंगा। ये कार्ड निरस्त करता हूँ।
     
    पाँच दिन बाद कार्यक्रम था। उस व्यक्ति ने कहा कि मैं प्रेस विज्ञप्ति जारी करके अखबारों में विज्ञापन देकर इस कार्यक्रम को चेंज करूंगा(बदलेंगा)। कार्यक्रमस्थल बदल दिया, उसका समय बदल दिया और सफलता पूर्वक उनका आयोजन सम्पन्न हो गया। ये होता है गुरु का बहुमान। मुझे कहना भी नहीं पड़ा केवल उन्हें कार्ड दिखाना पडा। मैंने केवल इतना ही कहा कि ये आपका कार्ड है और इस कार्ड को अभी एक युवा लेकर आया है। तुम सोच लो तुम्हें क्या करना है। पल में परिवर्तन कर दिया। गुरु के प्रति तुम्हारे मन में बहुमान होगा तो एक इशारे पर जान देने को तैयार हो जाओगे और गुरु के प्रति तुम्हारे मन में सच्चा बहुमान नहीं होगा तो इधर से सुनोगे उधर से निकाल दोगे। कर कुछ भी नहीं पाओगे। गुरु को मानो या न मानो पर गुरु की जरूर मानो, उनका सच्चा बहुमान करो। यही तुम्हारे जीवन के गौरव को बढ़ाने वाला है। मान बिल्कुल मत करो। सम्मान औरों को दो और बहुमान उनका करो जिन्होंने तुम्हारे जीवन का निर्माण किया। चाहे माता-पिता हों या जीविका–दाता हो या गुरु हो।
     
    महाभारत के वृक्ष उगे अपमान के छींटो से
    चौथी बात अपमान किसी का मत करो। जीवन में कभी किसी का अपमान मत करो। तुम किसी का सम्मान न कर सको, चलेगा लेकिन कभी किसी का अपमान मत करो क्योंकि कोई मनुष्य एक बार अपमानित हो जाता है तो गांठ बाँध लेता है बैर की, विरोध की और फिर प्रतिहिंसा और प्रतिशोध की भावना से झुलस कर वह सर्वनाश करने पर उतारू हो जाता है। दुर्योधन थोड़ी देर के लिए अपमानित हुआ महाभारत मच गया।
     
    वह महाभारत तो कुरुक्षेत्र की भूमि में लड़ा गया। अठारह दिन में खत्म हो गया। उसका जो अंजाम था लोगों ने एक बार देख लिया और भोग लिया पर तुम अपने इस प्रकार के व्यवहार के कारण रोज अपने घर में कितनी बार महाभारत मचाते ही इसका कुछ अंदाज है। तय करो हम किसी को अपमानित नहीं करेंगे। किसी के साथ ऐसा व्यवहार नहीं करेंगे जिससे सामने वाला तिरस्कृत, अनादृत, उपेक्षित या अपमानित महसूस करे।
     
    मनुष्य कब अपने आप को अपमानित महसूस करता है। जब उसकी संवेदनाओं पर गहरा आघात पहुँचता है। बड़े पद पर हैं लेकिन उनकी प्रवृत्ति में विनम्रता झलकती है, ऐसे लोग नौकर-चाकरों से भी जी लगाकर बोलते हैं। बंधुओं भद्रपुरुष की पहचान यही होती है। जिसकी भाषा में नम्रता और व्यवहार में विनम्रता हो वह व्यक्ति भद्र व्यक्ति कहलाता है। वह व्यक्ति किसी का भी अपमान नहीं करता। और जो भी व्यक्ति मिलता है उसका सम्मान करता है। अपमान से बचो और सम्मान में लगी। ये तुम्हारे जीवन का सबसे अच्छा सूत्र है। कभी किसी का अपमान मत करो और यदि कोई तुम्हारा अपमान कर भी दे तो अपने आप को अपमानित महसूस मत करो। लेकिन लोग हैं जो अपने आप को बड़ा मानते हैं, दूसरे को अपमानित करने में ही स्वयं को गौरवान्वित समझते हैं।
     
    पिता अपने बेटे को पीट रहा था। गुस्से में गालियाँ देते हुए बोला- बेटा मैं तुझे इसलिए पीट रहा हूँ क्योंकि मेरे मन में तेरे प्रति प्रेम है। बेटे ने कहा अच्छा पापा आपके पिता जी ने भी आपको पीटा था? बोले हाँ तभी तो अच्छा हूँ। अच्छा पिता जी के पिताजी ने भी पीटा था? बोले हाँ और उनके पिताजी के पिताजी के पिताजी के पिताजी के पिताजी ने भी उनको पीटा था? बोले हाँ, उनने भी पीटा था। कहते-कहते सात पीढ़ी तक चला गया। बाद में पिता ने पूछा- बेटा इतने दूर तक जाने की क्या जरूरत पडी? बोले पापा मैं तो यह देखना चाहता हूँ कि हमारे खानदान में गुण्डागर्दी कब से चली आ रही है।
     
    बंधुओं! ये प्रवृत्ति बड़ी ओछी प्रवृत्ति है। इससे अपने आपको बचाना चाहिए। मानी व्यक्ति की एक बड़ी विचित्रता होती है। अपमान होने पर वह अपमानित महसूस न करे ये बहुत दूर की बात है, कोई उसे समुचित सम्मान न दे तो भी वह अपना अपमान मान लेता है। एक कार्यक्रम में चार व्यक्तियों को आमंत्रित किया जाए और चार व्यक्तियों को सम्मान करते हुए तीन को माला पहना दी जाए और चौथे को केवल टीका लगाकर अलग कर दिया जाए तो उसे टीका करवाने की खुशी नहीं होती, मुझे माला नहीं पहनाई गई इसका कष्ट होता है। किसी के अपमान का कोई भाव नहीं है, हो सकता है व्यवस्था की कमी हो। व्यवस्था तीन की थी और आ गए चार। अब चौथी माला नहीं है। इरादतन आपके साथ ऐसा नहीं किया गया लेकिन फिर भी व्यक्ति उसे अपना अपमान मान लेता है। किसी को बुला लिया गया और बुलाने के बाद उससे कमतर व्यक्ति को पहले बुलाकर सम्मान कर दिया गया और उससे बड़े आदमी को बाद में बुलाया गया, वह उसको ही अपना अपमान मान लेता है। अरे मेरे को उसके बाद बुलाया। पहले तो बुलाया नहीं किसी ने ध्यान दिलाया तो बुलाया।
     
    एक जगह की बात है विमल जी संचालन कर रहे थे। बड़ा कार्यक्रम था। एक महानुभाव आए। देखो मानी को सदैव अपनी उपस्थिति का एहसास कराना पड़ता है। एक समाज के भारी भरकम तथाकथित बड़े आदमी आए। अच्छा आपके सामने मैं प्रश्न उपस्थित करूं आप बड़ा आदमी किसे मानते हो? बड़ा आदमी शब्द सुनते ही आपकी ऑखों के सामने एक ऐसे व्यक्ति की छवि उभरेगी जिसका बड़ा रुतबा है, जिसके पास खूब रुपया-पैसा है, बड़े ठाट-बाट हों, हाई प्रोफाईल(बड़े नाम वाले), शो कार्ड व्यक्ति को आप बड़े आदमी की निगाह से देखते हो। ठीक है न? मेरी दृष्टि में बड़ा आदमी वह नहीं है। बड़ा आदमी कौन? एक लाइन मैं बता दूँ बड़ा आदमी वह जिसके पास जाने के बाद सामने वाला अपने आप को छोटा महसूस न करे तो समझ लो वह बड़ा आदमी है। समझ में नहीं आया? जिसके पास खड़े होने के बाद तुम्हें ऐसा न लगे कि मैं छोटा हूँ समझ लो वह बड़ा आदमी है और जिसके पास जाने के बाद तुम्हें ऐसा लगे कि मैं छोटा आदमी हूँ तो समझ लेना वह रसूखदार व्यक्ति है पर उसके भीतर रस नहीं है क्योंकि बड़ा आदमी सबकी कद्र करना जानता है। छोटे को भी बड़प्पन देता है। छोटे का भी बहुमान करता है, सत्कार करता है।
     
    कार्यक्रम चल रहा था एक महाशय थोड़े लेट आए। लेट आने के बाद उन्होंने अपनी पूरी विरुदावली लिखकर एक पचीं भेजी कि मुझे बुलाया जाए। कार्यक्रम बहुत टाइट था। विमल जी पचीं लेकर मेरे पास आए, महाराज जी अमुक महानुभाव आए हैं क्या करना है? समय भी चाहते हैं। कार्यक्रम टाइट था मैंने कहा सीधे-सीध नाम लेकर बुलवा लो और कुछ नहीं करना। जैसे सब कर रहे हैं श्री फल चढ़ा लें। इन्होंने बुला लिया। अब विमल जी को तो मुझे फालो करना है(मेरी बात माननी है)। जो महाराज कहेंगे वही करना है। अब इस बात को सामने वाले ने अपनी इन्सल्ट(बेइज्जती) मान ली। अरे! हमको महत्व नहीं दिया गया। हमको सामान्य रूप से बुलाया गया जैसे और लोगों को बुलाया जाता है। क्या मैं कोई साधारण आदमी हूँ? क्या मुझे पहचानते नहीं हो? मैं कमरे में था विमल जी से बातचीत चल रही थी। मैं अन्दर आवाज सुन रहा था मैंने बुला लिया, अंदर आओ। आज तक मैं भी तुम्हें नहीं पहचानता था आज अच्छे से पहचान गया। क्या है ये? मान है। इससे अपने आपको बचाओ। तुम्हारा कहीं अपमान नहीं किया जा रहा है पर तुमने अपने मन में सम्मान की इतनी अधिक अपेक्षा पाल रखी है कि अपने आप को अपमानित महसूस कर रहे हो। बड़ी गड़बड़ियाँ होती हैं ऐसे अभिमानियों के साथ।
     
    एक बड़ा अभिमानी आदमी था। एक जगह पंगत में गया। भोजन में पापड़ परोसने का नम्बर आया। पापड परोसते-परोसते जब उसकी थाल में पापड परोसने का नम्बर आया तब एक टूटा हुआ पापड बचा तो परोसने वाले ने वही परोस दिया। अगला (व्यक्ति) पापड़ परोसकर चला गया। इस आदमी ने इसे अपना अपमान मान लिया। हूँ. मुझे टूटा हुआ पापड़ परोसा और सबको साबुत। क्या समझता है मेरे को? मैं इस अपमान का बदला लेकर रहूँगा। वहाँ से चला गया। अब दिमाग लगाया कैसे इससे बदला लिया जाए।
     
    एक दिन उसने अपने घर में भोज दिया। तीस हजार रुपया कर्जा लेकर। कर्जा लिया, भोज दिया, भोज में सबको बुलाया। गाँव भर के लोग आए जब पापड़ परोसने की बारी आई तो खुद अपने हाथ से पापड़ परोसने लगा। पापड़ परोसते-परोसते जब उस आदमी का नम्बर आया तो उसको तोडकर पापड़ दे दिया। सामने वाला सहज भाव से पापड़ खाने लगा जब देखा इसने कोई प्रतिक्रिया नहीं की तो कुछ क्षण रुककर कहा- बस आज हिसाब चुकता हो गया। तुमने मुझे टूटा पापड़ देकर मेरा अपमान किया था आज मैंने तुम्हें टूटा पापड़ देकर अपने अपमान का बदला ले लिया।
     
    उस व्यक्ति ने अपना सिर पकड़ लिया और बोला- भैया! मुझे तो पता ही नहीं कि मैंने तुम्हें कब टूटा पापड़ दिया लेकिन मेरे टूटे पापड़ से तुम्हारा अपमान हुआ मुझसे कह देते मैं उसी दिन क्षमा मांग लेता, इतनी सारी मशक्कत करने की क्या जरूरत थी। ये परिणति है मनुष्य की। अपने आपको ऐसी परिणतियों से बचाने की कोशिश कीजिए। अपमान किसी का कीजिए मत, अपने आपको कभी अपमानित मत होने दीजिए। कोई अपमान करे तो सहन करो और कदाचित उचित सम्मान न मिले तो भी इसे अपमान मत मानो क्योंकि ये प्रवृत्ति सिवाय अशांति के और कुछ भी नहीं देने वाली।
     
    आज मार्दव धर्म के संदर्भ में चार बातों को याद रखना है। मान करना नहीं। सम्मान औरों को देना। जिनका मेरे जीवन पर उपकार है, जिनका मेरे जीवन के निर्माण में योगदान है उनका बहुमान करना तथा अपमान किसी का नहीं करना और खुद को कभी अपमानित महसूस नहीं करना। यदि ये बातें जीवन में घटित हो गई तो समझ लेना आपका ये मार्दव धर्म सार्थक हो गया।
  13. Vidyasagar.Guru
    भावना योग
    तन को स्वस्थ, मन को मस्त
    और आत्मा को पवित्र बनाने का
    अभिनव प्रयोग
     
     
    तन को स्वस्थ, मन को मस्त और आत्मा को पवित्र बनाने का अभिनव प्रयोग है “भावना योग”। “यद्भाव्यते तद् भवति (हम जैसी भावना भाते हैं वैसा होता है) की प्राचीन उक्ति पर आधारित इस योग को वर्तमान में लॉ ऑफ अट्रेक्शन के रूप में जाना जाता है। आधुनिक मनोविज्ञान के अनुसार हम जैसा सोचते हैं वैसे संस्कार हमारे अवचेतन मन पर पड़ जाते हैं वे ही प्रकट होकर हमारे भावी जीवन को नियंत्रित और निर्धारित करते हैं। कहा जाता है thoughts becomes things अर्थात् विचार साकार होते हैं। भावना योग का यही आधार है। इसके माध्यम से हम अपनी आत्मा में छिपी असीमित शक्तियों को प्रकट कर सकते हैं।
     
    सोहं इत्यात्त संस्कारात् तस्मिन् भावनया पुनः।
    तत्रैव दृढ़ संस्कारात् लभते हि आत्मनि स्थितिम्।।
     
    अर्थात् मैं शुद्ध आत्मा हूँ इसकी बार-बार भावना भाने से अपनी शुद्ध आत्मा को प्राप्त किया जा सकता है। आधुनिक मनोविज्ञान के व्याख्याता इसी आधार पर लॉ ऑफ अट्रेक्शन के सिद्धांत को प्रचारित कर रहे हैं। आधुनिक प्रयोगों के आधार पर यह बात सुस्पष्ट हो चुकी है कि भावनाओं के कारण हमारी अन्त: स्रावी ग्रन्थियों पर व्यापक प्रभाव पड़ता है। इसके आधार पर अनेक गंभीर बीमारियों की चिकित्सा भी की जा रही है। यदि हम नियमित भावना योग करे तो इसका लाभ उठाया जा सकता है। इसे न्यूरो साइकोइम्युनोलॉजी के रूप में भी जाना जाता है। इसी सिद्धान्त पर विचार करते हुए मैंने भावना योग को तैयार किया है। यह वही प्राचीन वैज्ञानिक साधना है जिसे हजारों वर्षों से अपनाकर जैन मुनि अपना कल्याण करते रहे हैं। मैंने उसकी ही आधुनिक व्याख्या करके इसे जनोपयोगी बनाने का प्रयास किया है।
     
     
    Benefits
    श्रद्धापूर्वक एवं नियमित प्रयोग से पहले सप्ताह से इसके लाभ प्राप्त होने लगते हैं। प्रतिदिन भावना योग करने वालों का मानना है कि इसे करने से उनकी संकल्पशक्ति, आत्मविश्वास, inner will, self-determination में वृद्धि आई है। अपनी भावनाओं, क्रोध एवं सोच पर खुद का नियंत्रण पा उन्हें तनाव, डिप्रेशन, चिंता, डर से मुक्ति मिली जिससे उनका मन शांत हुआ और नकारात्मक सोच से सकारात्मक सोच की ओर परिवर्तन हुआ। इसके निरंतर (तीन माह+) श्रद्धापूर्वक प्रयोग से जटिल शारीरिक समस्याओं - Knee replacement हार्ट के ब्लॉकेज का निवारण भी पाया गया।  
    मंगल भावना
    भावना योग का मूल गीत
     
    मंगल - मंगल होय जगत् में, सब मंगलमय होय ।
    इस धरती के हर प्राणी का, मन मंगलमय होय ।।
     
    कहीं क्लेश का लेश रहे ना, दु:ख कहीं भी होय।
    मुन में चिन्ता भय न सतावे, रोग-शोक नहीं होय।।
    नहीं बैर अभिमान हो मन में, क्षोभ कभी नहीं होय ।
    मैत्री प्रेम का भाव रहे नित मन मंगलमय होय ||१||
    मंगल - मंगल ......
     
    मन का सब संताप मिटे अरू, अन्तर उज्ज्वल होय।
    रागद्वेष औ मोह मिट जावे, आतम् निर्मल होय।।
    प्रभु का मंगल गान करें सब, पापों का क्षय होय।
    इस जग के हर प्राणी का हर दिन, मंगलमय होय ||१||
    मंगल - मंगल ......
     
    गुरु हो मंगल, प्रभु हो मंगल, धर्म सुमंगल होय।
    मात-पिता का जीवन मंगल, परिजन मंगल होय।।
    जन का मंगल, गण का मंगल, मन का मंगल होय।
    राजा-प्रजा सभी का मंगल, धरा धर्ममय होय ||3||
    मंगल - मंगल ......
     
    मंगलमय हो प्रात हमारा, रात सुमंगल होय।
    जीवन के हर पल हर क्षण की बात सुमंगल होय।।
    घर-घर में मंगल छा जावे, जन-जन मंगल होय।
    इस धरती का कण-कण पावन औ मंगलमय होय ||४||
    मंगल - मंगल ......
     
    दोहा
    सब जग में मंगल बढे, टले अमंगल भाव ।
    है ‘प्रमाण' की भावना सबमें हो सद्-भाव ||
     
     
    भावना योग Guided Meditation के प्रारूप पर आधारित-स्तुति, प्रार्थना, कायोत्सर्ग और सामायिक का एक अनूठा संगम है। जिसके चार मुख्य स्तम्भ हैं -
    प्रार्थना inner nourishment, प्रतिक्रमण innercleaning, प्रत्याख्यान innerresolution और सामायिक inner reflection  
    इसमें सबसे पहले भगवान के प्रति आभार (gratitude) व्यक्त कर, कुछ अच्छी प्रार्थना करते हैं- अपने आपको सकारात्मक शांत और सक्षम बनाने की, इसके बाद हम अपने अतीत के दोषों को झांक करके उसे साफ करने की कोशिश करते हैं, अपनी निंदा-गर्दा करते हुए मन को साफ और स्वच्छ बनाना, फिर भावी जीवन को, आज के दिन को उत्सव की तरह से कैसे जियूं इस संकल्प को दोहराते हुए प्रत्याख्यान करते हैं। और अंत में आत्मा में लीन हो सामायिक, शुद्धोऽहम् बुद्धोऽहम् निरंजनोऽहम् मैं शांत हूँ- मैं स्वस्थ हूँ- मैं निरंजन हूँ का ध्यान करते हैं। इसके श्रद्धापूर्वक एवं नियमित प्रयोग से हम अपनी आत्मा का निर्मलीकरण कर, अपनी चेतना की विशुद्धि बढ़ा, अपने जीवन में आमूलचूल परिवर्तन ला सकते हैं।
     
    Prescribed Duration / निर्धारित समय - प्रतिदिन 30-45 मिनट
    Audience / कौन कर सकता है - हर वर्ग का व्यक्ति जो अपने जीवन में बदलाव एवं सकारात्मकता का अनुभव लाना चाहता है।
    Time / किस समय करें - सुबह का समय आत्म ध्यान एवं आत्म साधना के लिए सबसे उपयुक्त होता है, सुबह ना हो तो शाम को अपनी जीवन शैली के अनुकूल जब समय मिले भावना योग कर सकते हैं।
     

     

     

  14. Vidyasagar.Guru
    23 नवम्बर 2018
    पूज्य आचार्यश्री विद्यासागर जी महाराज ससंघ का मंगल विहार आज दोपहर, श्री क्षेत्रपाल मन्दिर ललितपुर से, पंचकल्याणक स्थल, दयोदय गौशाला की ओर हुआ। (दूरी लगभग 10 किमी)
    कल 24 नवम्बर को घटयात्रा एवम बिभिन्न कार्यक्रम के साथ, पंचकल्याणक महोत्सव आरम्भ होंगे।
     
     
    21 नवंबर 2018
    आचार्य श्री ससंघ का दि. जैन अतिशय क्षेत्र क्षेत्रपाल, ललितपुर, उ.प्र. में हुआ मंगल प्रवेश
     
     
    कल २१ नवम्बर का संभावित विहार 
    कल प्रातः काल बाँसी से विहार होगा▪
    ▪कल की आहार चर्या - आदिनाथ डिग्री कॉलेज 
    ▪बिगा महर्रा नेशनल हाईवे▪
    कल शाम को जिला ललितपुर में होगी भव्य आगवानी 
    कल का रात्रि विश्राम - ललितपुर के श्री दिगंबर जैन अतिशय क्षेत्र क्षेत्रपला जी मंदिर 
     
    20 नवंबर 2018
    न्यूज़ अपडेट
    कल शाम 21 नवंबर को आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज का  ललितपुर नगर  में मंगल प्रवेश होगा।
     
     
    20 नवम्बर 2018
    आचार्य श्री 108 विद्यासागर जी महाराज ससंघ
     का  बार से  हुआ विहार 
    आज का रात्रि विश्राम - बाँसी (जिला - ललितपुर)
     
    19 नवम्बर  दोपहर
    आचार्य श्री 108 विद्यासागर जी महाराज ससंघ  का हुआ विहार मोहनगढ़ से 
    आज का रात्रि विश्राम - (प्राथमिक विद्यालय रमपुरा)संभावित
     
    19 नवम्बर  सुबह 
    आचार्य श्री 108 विद्यासागर जी महाराज ससंघ
     का हुआ विहार बंधा जी से 
    आज की आहार चर्या - (मोहनगढ़)
     
    17 नवम्बर 
    परम पूज्य आचार्यश्री विद्यासागर जी महाराज ससंघ का हुआ मंगल विहार...!!
    आज रात्रि विश्राम- बम्होरी।
    कल की आहार चर्या- अतिशय क्षेत्र श्री बन्धा जी।
    संभावित दिशा- 
    अतिशय क्षेत्र बंधा जी एवम ललितपुर
     
    16 नवम्बर
    परम पूज्य आचार्यश्री विद्यासागर जी महाराज ससंघ का हुआ मंगल विहार, संभावित दिशा- अतिशय क्षेत्र बंधा जी एवम ललितपुर।
    आज रात्रि विश्राम  - झिलमिल गांव म.प्र.(मजना से ९ km)
    कल शुक्रवार १७/११/१८ को आहार चर्या धामना गांव(झिलमिल से ८ km) (संभावित ) में होगी 
     
    ----
    आचार्य भगवन श्री 108 विद्यासागर जी महाराज जी का हुआ  सरकनपुर  से विहार 
    आहारचर्या  मजना गांव में होने की सम्भवना है
    विहार दिशा- ललितपुर 
     
     
    15 नवम्बर
    आचार्य श्री रात्रि विश्राम सरकनपुर 
     
     
    13 नवम्बर, अपरान्ह बेला-
    पूज्य आचार्यश्री विद्यासागर जी महाराज ससंघ-
    आज मंगल विहार हुआ, छिदारी ग्राम से-
    ◆ आज रात्रि विश्राम- खैरा ग्राम (11 किमी)
    ◆ कल की आहार चर्या- खरगापुर (खैराग्राम से 11 किमी)
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    कल खरगापुर में, परम् पूज्य आचार्यश्री जी ससंघ के पावन सानिध्य में हथकरघा प्रशिक्षण केंद्र का शुभारम्भ होगा।
     
     
    12 नवम्बर 2018

    ◆ आज रात्रि विश्राम- पठादा ग्राम।
    ◆ कल की आहार चर्या- छितारी ग्राम संभावित (पठादा से 11 किमी)
    ◆ संभावित दिशा- खरगापुर 21 किमी (छितारी से)
     
     
    11 नवम्बर 2018 
    ■आ● भगवन श्री 108 विद्यासागर जी महाराज जी का डेरा पहाड़ी से ससंघ विहार हो चूका है 
    ◆ आज रात्रि विश्राम- डेरी ग्राम, स्कूल।
    ◆ कल की आहार चर्या- पहाड़ गाँव संभावित
    ◆ संभावित दिशा- खरगापुर, ललितपुर
     
    मुनि श्री योगसागर जी उपसंघ अभी डेरा पहाड़ी छतरपुर  में ही विराजमान हैं 
     
     
      छतरपुर में हुआ मुनि श्री योगसागर जी से आचार्य श्री का मिलन
    ---
    कल सुबह होगा छतरपुर में  मुनि श्री योगसागर जी उपसंघ (6 मुनिराज) का  आचार्य श्री से मिलन 
     
    पूज्य गुरुदेव का हुआ मंगल विहार।
    10 नवम्बर
    परम पूज्य आचार्य भगवन श्री विद्यासागर जी महाराज ससंघ-
    ● गंगाइच से हुआ मंगल विहार।
    ● आज रात्रि विश्राम- डेरा पहाड़ी क्षेत्र छतरपुर में मंगल प्रवेश आज लगभग 4:30 बजे होगा।
     
     
    आचार्य श्री का खजुराहो से हुआ विहार - 6 मुनिराज उपसंघ का विहार सागर की और
    दिनाँक :- 09 नवम्बर 2018 खजुराहो
    विहार की जानकारी
    सर्वश्रेष्ठ ब्रम्हचर्य के साधक मूकमाटी रचियता आचार्य श्री 108 विद्यासागर जी महाराज का मंगल विहार 09 नवम्बर 2018 को प्रातः 06:30 बजे राजनगर की ओर हुआ_
    संभावित विहार दिशा - ललितपुर 
    आहार चर्या - राजनगर संभावित  
    खजुराहो से राजनगर- लगभग 5 किमी
    आज रात्रि विश्राम   विक्रमपुर 
     

    ज्येष्ठ मुनिश्री योग सागर जी महाराज, मुनि श्री संभव सागर जी, मुनि श्री शैल सागर जी, मुनि श्री निरीह सागर जी, मुनि श्री निस्सीम सागर जी, मुनि श्री शाश्वत सागर जी सहित 6 मुनिराजों का मंगल विहार बमीठा की ओर
    विहार दिशा - सागर
     
     
     
     
     
     
     
     
     
  15. Vidyasagar.Guru
    प्रमाण पत्र निम्न लिंक से डाउनलोड कर सकते हैं 
    https://docs.google.com/spreadsheets/d/1pIJKqZm2kGplPk0UAP-oK1I4SqG0vh3NABvJaM_HIZY/edit?usp=sharing
     
    अंक सूची 
     
     
     
     
    हाइकु प्रतियोगिता परिणाम सूची डाउनलोड करें 
    आप सभी को बहुत बहुत शुभकामनाएँ 
     
    सभी के अंक 5 नवंबर के बाद इसी लिंक पर अपलोड होंगे 
     
    सभी विजेताओं को 5 नवंबर को डोंगरगढ़ से उपहार प्राप्त होंगे 
    सभी टिकट शीघ्र कराएँ 
     
     
     
  16. Vidyasagar.Guru
    संत शिरोमणि आचार्य श्री 108 विद्यासागर जी महाराज ससंघ भाग्योदय तीर्थ सागर में विराजमान हैं |
    सागर का स्टेशन कोड SGO (Saugor) हैं 
    आवास व्यवस्था - श्री देवेंद्र जैन 
    संपर्क सूत्र - 9406557744, 9589076916, ‎7582244369
     
    25 जनवरी 2019
     
     
    संत शिरोमणि आचार्य श्री 108 विद्यासागर जी महाराज  का ससंघ मंगल प्रवेश सागर शहर मे आज शाम 4 बजे (संभावित) होगा |
     
    24 जनवरी 2019
    समय दोपहर 1.45 बजे
    संत शिरोमणि आचार्य श्री 108 विद्यासागर जी महाराज  का ससंघ मंगल विहार सागर की ओर हुआ। 
    रात्रि विश्राम सागर के निकटवर्ती ग्राम में होने की संभावना है। आज रात्रि विश्राम स्थल से भाग्योदय तीर्थ परिसर सागर की दूरी सिर्फ 10 किमी है |
    25 जनवरी की शाम को गुरुदेव के भाग्योदय तीर्थ में प्रवेश की संभावना है
     
    23 जनवरी 2019
    समय दोपहर 1.45 बजे
    संत शिरोमणि आचार्य श्री 108 विद्यासागर जी महाराज ससंघ का मंगल विहार ईशुरबारा से सागर की ओर हुआ।
    रात्रि विश्राम - नरयावली में होने की संभावना है। भाग्योदय तीर्थ परिसर सागर से नरयावली की दूरी सिर्फ 18 किमी है |
     
    22 जनवरी 2019
    ईसरबारा मे हुआ मंगल प्रवेश
    आचार्य संघ का ईशुरबारा मे आगमन हुआ
    ईशुरबारा मुनि श्री सुधा सागर जी महाराज की जन्मस्थली है|

     
    22 जनवरी 2019
    परम् पूज्य आचार्यश्री विद्यासागर जी महाराज ससंघ।
    जरुआखेड़ा से हुआ मंगल विहार। संभावित दिशा- पूज्य मुनिश्री सुधासागर जी महाराज की जन्मभूमि इसुरवाडा की ओर।  
    21 जनवरी 2019
    समय दोपहर 3.30 बजे
     संत शिरोमणि आचार्य श्री 108 विद्यासागर जी महाराज  जरुआखेड़ा (सागर-बीना रोड पर सागर से 36 किमी और खुरई से 18 किमी दूर ) में विराजमान है। आज विहार नही हुआ।
     
    20 जनवरी 2019 
    समय दोपहर 2.15 बजे
     संत शिरोमणि आचार्य विद्यासागर महाराज का मंगल बिहार बनहट (खुरई) से जरुआखेड़ा (सागर) की ओर हुआ । दूरी 7 किमी
     
     
    आज आहार चर्या  बंट में ही होगी 
     
    दोपहर में विहार होने की सम्भावना 
     
    19 जनवरी 2019 
    रात्री विश्राम -  बंट
    कल आहार चर्या जरुआखेड़ा में ही संभावित
     
    4 PM  पूज्य गुरुदेव ने बढ़ाये अपने कदम सिमरिया से भी आगे बंट की ओर।
    1 45 PM परम पूज्य आचार्य श्री 108 विद्यासागर जी महाराज का खुरई से सागर की ओर हुआ विहार।

  17. Vidyasagar.Guru
    कैसे देखे अपने अंक ? कैसे डाउनलोड करें प्रमाण पत्र ? आचार्य ज्ञान सागर प्रतियोगिता
     
     
    प्रतियोगिता का लक्की ड्रॉ 44 नाम इस वीडिओ में देखें 
     
     
     
    44 नाम की pdf डाउनलोड करें 
    1    प्रथम     Sonal Abhishek Jain     Dindori     41    महिला    9424-XXX-118
    2    प्रथम     श्रीमती प्रज्ञा नवीन जैन     रहली पटनागंज जिला सागर     43    महिला    6261-XXX-571
    3    प्रथम     Alka jain w/o Arinjay jain    Muzaffarnagar    50    महिला    9897-XXX-521
    4    प्रथम     श्रीमती ज्योति जैन    कुंभराज जिला गुना    41    महिला    6265-XXX-345
    5    प्रथम     सुनीता जैन    विदिशा    60    महिला    9179-XXX-609
    6    प्रथम     मनोज जैन     गया बिहार     48    पुरुष    8271-XXX-659
    7    प्रथम     Sudesh Kumar jain    Tilda neora distt.raipur    56    पुरुष    9300-XXX-756
    8    प्रथम     nisha jain    guwahati    51    महिला    7002-XXX-896
    9    प्रथम     Vishal Jain    Greater Noida    40    पुरुष    7838-XXX-841
    10    प्रथम     deepali    kareli    40    महिला    9131-XXX-497
    11    द्वितीय     Priyanshi jain     Sanganer jaipur    19    महिला    7073-XXX-361
    12    द्वितीय     Meenal jain    Jabalpur     23    महिला    8982-XXX-211
    13    द्वितीय     Tarun jain     Damoh, madiyado     15    पुरुष    7489-XXX-544
    14    द्वितीय     Priyanka Jain    Kareli    36    महिला    7974-XXX-377
    15    द्वितीय     Shalini Jain     Hisar     40    महिला    Hisa-XXX-sar
    16    द्वितीय     Rahul jain    Bhilai     31    पुरुष    8806-XXX-691
    17    द्वितीय     Dr. Aayushi Jain     Hyderabad     31    महिला    9424-XXX-112
    18    द्वितीय     Arunlal udelal jain     Dhule    dhule    62    पुरुष    9403-XXX-902
    19    द्वितीय     Sarika Vijay Patil     Hasur tal-Shirol. Dis- Kolhapur.    43    महिला    9861-XXX-008
    20    द्वितीय     Swayam Bukharia    Hyderabad     23    पुरुष    6264-XXX-940
    21    तृतीय     Jinanshi jain      Balaghat     18    महिला    9685-XXX-165
    22    तृतीय     Aniket Jain    Indore    23    पुरुष    9074-XXX-270
    23    तृतीय     Monika Jain    Chhaprauli Baghpat Uttarpradesh    37    महिला    7078-XXX-029
    24    तृतीय     Varsha Kalashiya     Ashok Nagar     41    महिला    8815-XXX-130
    25    तृतीय     टीना जैन    कोटा महावीर नगर २ कोटा     39    महिला    9351-XXX-754
    26    तृतीय     अर्पिता सिंघई    सागर    42    महिला    9753-XXX-971
    27    तृतीय     तनु जैन    मेरठ    36    महिला    9634-XXX-312
    28    तृतीय     Megha Virendra Jain     Ajaigarh district Panna Madhya Pradesh     40    महिला    9893-XXX-388
    29    तृतीय     निधी जैन    छतरपुर (म.प्र)    40    महिला    8349-XXX-162
    30    तृतीय     नेनसी जैन    खुरई  जिला सागर    22    महिला    6267-XXX-990
    31    सांत्वना     Anand Jain    Tiruvallur    36    पुरुष    9677-XXX-666
    32    सांत्वना     जितेंद्र जैन    जयपुर    55    पुरुष    9414-XXX-351
    33    सांत्वना     अंकित जैन    बरगी जबलपुर     30    पुरुष    9302-XXX-750
    34    सांत्वना     Pravinkumar Prabhulal Benada (Jain)    Khandwa     62    पुरुष    8989-XXX-120
    35    सांत्वना     सिम्पल जैन     उदयपुर     32    महिला    7597-XXX-233
    36    सांत्वना     खुशी जैन    गुना ( मध्यप्रदेश)    18    महिला    7509-XXX-827
    37    सांत्वना     Chitra jain    Nasirabad, ajmer     36    महिला    9799-XXX-514
    38    सांत्वना     Rekha Jain     Ramganj mandi. Kota    51    महिला    9166-XXX-417
    39    सांत्वना     aashi jain (nayak)    bina (dist.sagar), m.p    24    महिला    8085-XXX-626
    40    सांत्वना     Ku. Richa Jain    Vidisha    38    महिला    7987-XXX-677
    41    प्रथम     रूपाली जैन     Atlanta, USA    37    महिला    +1-4-XXX-232
    42    द्वितीय     Shubha jain    Amsterdam  (Netherlands)    38    महिला    +316-XXX-866
    43    तृतीय     अंकित जैन    दोहा कतर    35    पुरुष    +974-XXX-281
    44    सांत्वना     Nalini Jain    New York  USA    67    महिला    9176-XXX-574
     
     
     
    Result Acharya Gyansagar pratiyogita for website.pdf
     
    ज्ञानसागर प्रतियोगिता अंक सूची एवं प्रमाणपत्र लिंक 
    https://docs.google.com/spreadsheets/d/1F3SBB7agSiCOiP3V0sZkXPGzbymJcYFzQVZ1yyiq6RM/edit?usp=sharing
     
     
    प्रमाण पत्र एवं  अपने अंक देखीं 

  18. Vidyasagar.Guru

    सूचना
    जन जन के संत विश्ववंदनिय
    गुरुवर हमारे सब के भगवान 
    परम पूज्य संत शिरोमणि आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज की रात्री 2: 30 बजे चंद्रागिरी तीर्थ डोंगरगढ़ (छ. ग.)    में समाधि हुई | 
     
    Whatsapp Channel को फॉलो करें : आगे की जानकारी उपलब्ध रहेगी 
    https://whatsapp.com/channel/0029Va9OGVc8aKvSmHkROF20
     
    ➡️डोला आज दोपहर 1 बजे
     
     

     
     

     
     

     
     
  19. Vidyasagar.Guru

    प्रतियोगिता सुचना
    प्रश्न पत्र गूगल फॉर्म पर हैं  LinkedIN एवं Facebook पर जुड़ें एवं सबको आमंत्रण दें  पीडीएफ़, औडियो बुक अथवा वेबसाईट से पढ़े    Quiz Google form
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    प्रतियोगिता परिणाम 
    https://vidyasagar.guru/files/file/401-1
     
    अपने अंक एवं गलत उत्तर 
    https://app.powerbi.com/view?r=eyJrIjoiZGZmY2JlY2YtMDhiOS00ZjU1LTk3OTctMWIzYzkwYmRhZjU4IiwidCI6ImFlMGNiMzMwLWQyMzUtNDU5MS1hZDk0LWYwOGZlYjI2MjljZSIsImMiOjEwfQ%3D%3D
     
    प्रतियोगिता लिंक 
    https://docs.google.com/forms/d/e/1FAIpQLSdavmnGhIgU64crXo5xLkHZ7ee7LygosMenbVtGZlvbUoniAA/viewform?usp=sf_link
     
    उत्तर प्राप्त सूची 
    https://docs.google.com/spreadsheets/d/11iACGUZt5YP9QCDK9S7UKrD7t5HacEslP-ubAjeThgQ/edit?usp=sharing
     
     
    वतन की कमान whatsapp चैनल 
    https://whatsapp.com/channel/0029VaEobPlCMY0N4nH8IT0R
     
    पुस्तक पीडीएफ़ PDF डाउनलोड करें 
    https://drive.google.com/drive/folders/1PFyBO9OwPLUU4aNeXIDRMRWbADZqaa45?usp=sharing
     
    पुस्तक Online Order करें 
     
    भारतीय शिक्षा के मूल तत्व (4 पुस्तकें)
    https://store.vidyasagar.guru/products/2-bhartiya-shiksha-mool-tatva-4-books
    भारतीय शिक्षा के मूल तत्व (2 पुस्तकें) 
    https://store.vidyasagar.guru/products/2-bhartiya-shiksha-mool-tatva-2-books
    भारतीय शिक्षा के मूल तत्व (1 पुस्तक)
    https://store.vidyasagar.guru/products/1-bhartiya-shiksha-mool-tatava-1-book
     
    10 पुस्तक मँगवाए 
    https://store.vidyasagar.guru/collections/vatan-ki-kamaan
     
     
     
     
     
    सभी जानकारी के लिए यह लिंक खोलें 
    https://vidyasagar.guru/vatan-ki-kamaan/


  20. Vidyasagar.Guru
    बिहार अपडेट...
    12 मार्च 22
             👣
    👣👣👣👣
    आचार्य श्री 108 विद्यासागर महाराज का ससंघ विहार चल रहा है।
    👉 12 मार्च को सुबह 7.28 बजे मंगल प्रवेश हुआ आहारचर्या- जैन तीर्थ क्षेत्र पटना गंज रहली
    🙏🙏🙏🙏🙏
     
     
     
           10 मार्च, मध्यान्ह बेला     
                      
    पूज्य आचार्यश्री विद्यासागर जी महाराज ससंघ का मंगल विहार मुहाली ग्राम से हुआ।
    सम्भावित रात्रि विश्राम :  छिरारी ग्राम (10 किमी)
    सम्भावित दिशा : पटनागंज रहली (छिरारी से 12 किमी)
     
     
    विहार अपडेट : आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज 
    8 मार्च 
     
    सम्भावित रात्रि विश्राम :  झापन (दमोह)
    GPS Location
    https://goo.gl/maps/VL2qcBRwwdmnaT2y8
     
    7 मार्च  2022 6 :pm 
     
    रात्री विश्राम : ग्राम पंचायत: इमलिया घाट  जिला दमोह
     
    GPS location
    https://goo.gl/maps/qTGrQNaaVgLGBUa48
    शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला इमलिया घाट, जिला दमोह
     
    बिहार अपडेट...
    7 मार्च 22
        👣
    👣👣
    👣👣
    संत शिरोमणि आचार्य श्री विद्यासागर महाराज का ससंघ बिहार चल रहा है। 
    7 मार्च को आहारचर्या अथखेड़ा ग्राम में हुई।
    7 मार्च को रात्रि विश्राम "इमलिया या सोमखेडा" में होने की संभावना
    संभावित 👉 8 मार्च आहारचर्या- सोमखेडा-लकलका
    👇👇👇👇👇
    आज की दिशा ग्राम टौरी, सलैया,इमलिया, सोमखेडा, ढूहली, लकलका दूरी लगभग 18 किमी
    लकलका से मुहली 16 किमी
    👉 मुहली से बीना बारह लगभग 35 किमी जंगल के रास्ते
    और 👇👇👇
    मुहली से पटनागंज रहली 24 किमी (सागर-जबलपुर मार्ग नौरादेही अभ्यारण)
    👇👇👇👇👇
    प्रसिद्ध जैन तीर्थ क्षेत्र पटनागंज रहली / बीना बारह जिला सागर की संभावनाएं बढ़ी
    🙏🙏🙏🙏🙏
    मुकेश जैन ढाना
     
    आचार्यश्री जी मंगल विहार अपडेट
    7 मार्च 
    ◆ आज की आहार चर्या- "अर्थखेड़ा"  में होगी।
    (दसोंद से लगभग 5 किमी)

    6 मार्च, रविवार प्रातःकाल

    पूज्य आचार्यश्री विद्यासागर जी महाराज
     ● मुनिश्री प्रसाद सागर जी महाराज
     ● मुनिश्री चंद्रप्रभ सागर जी महाराज
     ● मुनिश्री निरामय सागर जी महाराज
     ● ऐलकश्री सिद्धांत सागर जी महाराज
    का रात्रि विश्राम हाई स्कूल अभाना में हुआ । कस्बे से मात्र 1 किमी।
    ◆ आज की आहार चर्या- अभाना जिला दमोह में होगी।
    रात्रि विश्राम ग्राम पंचायत भवन  दसोंद में
     
    *आचार्यश्री जी मंगल विहार*
    5 मार्च, शनिवार मध्यान्हकाल

    *परम पूज्य आचार्य गुरुदेव श्री विद्यासागर जी महाराज ससंघ* का अभी अभी जुझार से मंगल विहार हुआ । 
    ◆ अभाना की ओर सम्भावित।
     
     
    5 मार्च 2022, शनिवार प्रातःकाल

    परम पूज्य आचार्य गुरुदेव श्री विद्यासागर जी महाराज का मंगल विहार हुआ ।
    *आज की आहार चर्या  *जुझार ग्राम* में होगी*
    रात्रि विश्राम स्थल से दूरी लगभग 5 किलोमीटर आगे ।(नोहटा की ओर)
     
    4 मार्च 22
    सीधे बिहार स्थल टोल प्लाजा बांदकपुर से
    👣👣👣👣👣
    संत शिरोमणि आचार्य श्री विद्यासागर महाराज का बिहार बांदकपुर
    से 10 किमी हलगंज की ओर हुआ।
    संभावित दिशा
    👉 5 मार्च शनिवार को
     हलगंज से अभाना या नोहटा लगभग 17-18 किमी 
     
    *आचार्यश्री जी विहार अपडेट-*
    4 मार्च, 8:00AM

    _*परम पूज्य आचार्य भगवन श्री विद्यासागर जी महाराज ससंघ की मंगल आहार चर्या - टोल प्लाजा (बांदकपुर से 7 किलोमीटर पहले रेलवे स्टेशन के पास) होगी।*_
    ÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷
     
    *आचार्यश्री मंगल विहार अपडेट-*
    3 मार्च, 4:45 PM

    *परम पूज्य आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज ससंघ-*
    _बांदकपुर से लगभग 7 किमी पहले, टोलनाका के पास पहुँचे। *आज का रात्रि विश्राम* यही होगा।_
    _*कल की आहार चर्या* की जानकारी सुवह दी जा सकेगी।_
    ●  *दिशा - बांदकपुर रोड ।*
    ( मुख्य दिशा अभी भी स्पस्ट नहीं , सभी के अनुमान फीके। आगे-आगे देखिए होता है क्या?)

     
    3 मार्च, प्रातः 7:30

    परम पूज्य आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज का मंगल विहार प्रातः काल की बेला में कुम्हारी से हुआ ।
    ●  दिशा - बांदकपुर ।
    ● आहार चर्या कुम्हारी से लगभग 12 किलोमीटर आगे होगी।

    अनिल जैन बड़कुल, ए बी जैन न्यूज़ समूह
     
     
    *आचार्यश्री जी का हुआ मंगल विहार-*

    *पूज्य आचार्य श्री विद्यासागर जी महामुनि राज का ससंघ मंगल विहार सिद्ध क्षेत्र श्री कुण्डलपुर जी से हुआ।*
     
     विहार दिशा
    हिनौती  ( परिवर्तन हो सकता हैं ) - गुरु जी अनियत विहारी 
    आज आचार्य संघ की आहार चर्या ग्राम कोटा में होगी कुंडलपुर से 2 km दूर
     
     
     
    इस लिंक  पर अपडेट करते रहेंगे 
    आपके पास विहार की सूचना / फोटो  हो तो आप कमेन्ट मे अपडेट कर सकते हैं 
  21. Vidyasagar.Guru
    आज बीनाबाराह में अभी अभी आचार्य भगवन ने 💫पूज्य मुनिश्री योगसागर जी💫को "संघ निर्यापक" घोषित कर दिया हैं...!! सम्भवता अब ये पक्का हो गया कि धीरे धीरे करके संघ में औऱ भी श्रेष्ठ मुनियों को संघ निर्यापक बनाने की प्रक्रिया बनी रहेंगी..!!
     
    आचार्य श्री जी ने पूर्व मे समय सागर जी महाराज जी को संघ के निर्यापक घोषित किया था आज पुनः  आचार्य श्री जी ने योग सागर जी महाराज जी को संघ के निर्यापक घोषित किया है
     
     
     
    *बीना बारहा से एक और विशेष समाचार-*
    ÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷
    *पूज्य मुनिश्री योगसागर जी महाराज भी निर्यापक मुनि घोषित।*
    ÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷
    _विगत कई दिनों से  देश भर में कयास लगाये जा रहे थे कि बीना बारहा में कुछ बड़ा होने बाला है। एक चर्चा थी कि तप कल्याणक के दिन दीक्षाएं होना सम्भावित है दूसरी ओर संभावनाएं चल रही थी कि संघ बड़ा होने के कारण व्यवस्थापन की दृष्टि से पूज्य गुरुदेव अब  कुछ और निर्यापक मुनि की घोषणा कर सकते हैं।_
    _बीना बारहा जी मे आज दोपहर *पूज्य आचार्यश्री विद्यासागर जी महाराज के द्वारा पूज्य मुनिश्री योगसागर जी महाराज को निर्यापक मुनिराज बनाये जाने संबंधी घोषणा कर दी गई।* इसके पूर्व ललितपुर में पूज्य मुनिश्री समयसागर जी महाराज को भी निर्यापक मुनि बनाया गया था। चर्चा है कि आगामी समय मे भी धीरे धीरे ऐसी ही कुछ और व्यवस्थाएं बन सकती हैं। दीक्षाओ की संभावनाएं अभी समाप्त नही हुई हैं आगामी समय मे हो सकती हैं ऐसी चर्चाएं अभी भी चल रही हैं। ऐसे परम उपकारी आचार्य भगवन एवम उनके सभी सुयोग्य शिष्यों के चरणों मे नमोस्तु, नमोस्तु, नमोस्तु।_
    ■◆●
     
  22. Vidyasagar.Guru
    9  जुलाई 2019 ,
    विश्व वंदनीय आचार्यश्री विद्यासागरजी महाराज (ससंघ) नेमावर में विराजमान हैं। हरदा (रेलवे कोड HD) से नेमावर 23 किलोमीटर की दूरी पर है।
     
    8 जुलाई, सोमवार।
              परम् पूज्य आचार्य भगवन श्री विद्यासागर जी महाराज ससंघ
    ● आज रात्रि विश्राम- सिंघी कॉलेज भवन (खातेगांव-नेमावर रोड पर)
    ✹ भव्य मंगल प्रवेश ✹
    अष्टान्हिका पर्व की अष्टमी के पावन दिवस पर, भव्य अगवानी कल श्री नेमावर क्षेत्र पर।
    9 जुलाई मंगलवार, प्रातःकाल 7:30 बजे
     
    7 जुलाई, रविवार 
     
    ❖ आज रात्रि विश्राम- नर्मदा स्कूल। (विहार मार्ग में)
    ❖ कल आहार चर्या- राँजी गाँव
    ❖ विशेष- 9 जुलाई को सिद्धोदय सिद्धक्षेत्र श्री नेमावर में मंगल प्रवेश की पूर्ण सम्भावना।
     
    6 जुलाई, शनिवार, अपरान्ह काल।
     
    आज रात्रि विश्राम - बोरखेड़ी
    कल आहार चर्या - बड़नगर

    विहार के दौरान कल बड़नगर में मनेगा दीक्षा दिवस। हजारों भक्त होंगे शामिल।

    सम्भावित विहार दिशा - नेमावर/ इन्दौर
     
     
    5 जुलाई, शुक्रवार, अपरान्ह काल।
         🥏मध्य प्रदेश मंगल विहार🥏
    🍂आचार्य भगवंत श्री विद्यासागर जी महाराज ससंघ का मंगल विहार रेहटी जिला सीहोर से नसरुल्लागंज के लिए हुआ...!!
    ⛳ आज का रात्रि विश्राम:- सतराना 10 किमी 
    🛣 कल की आहार चर्या:- नसरुल्लागंज 10 किमी
    -
    4 जुलाई, गुरुवार, अपरान्ह काल।
    परम् पूज्य आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज ससंघ का मंगल विहार
    ❖ आज रात्रि विश्राम- सलकनपुर में पुलिस थाना से थोड़ा आगे।
    ❖ कल की आहार चर्या- रेहटी ग्राम में सम्भावित।
    ❖ सम्भावित विहार दिशा-नेमावर
     
     
    3 जुलाई, बुधवार, अपरान्ह काल।

    परम् पूज्य आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज ससंघ का मंगल विहार होशंगावाद से हुआ।
    ● आज रात्रि विश्राम- अरविन्द स्कूल भवन।
    ● कल की आहार चर्या- बाया ग्राम में सम्भावित।
    ● सम्भावित विहार दिशा-नेमावर
     
     
    2 जुलाई 2019 
    आचार्य भगवंत श्री  विद्यासागर जी महाराज ससंघ का मंगल विहार होशंगाबाद की तरफ हुवा.!
    🦋☀ आज रात्रि विश्राम - नीमसारिया पेट्रोल पम्प 12km
    🦋☀ कल की आहारचर्या - होशंगाबाद 8km(सम्भावित)।
    🍁 संभावित विहार दिशा - बुधनी होकर नेमावर/ इंदौर
     
    1 जुलाई 2019 
    ● आज रात्रि विश्राम- बुधवाड़ा ।
    ● कल की आहार चर्या- बाबई।
    ● सम्भावित विहार दिशा-  इटारसी या होशंगाबाद होकर नेमावर /इन्दोर
     
    30 जून 2019  5 :00 PM
     
    🛣विश्व पूज्यनीय,जैनाचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज ससंघ का मंगल विहार करनपुर से होशंगाबाद की ओर हुआ..!!🛣
    ●संभावित रात्रिविश्राम- श्री ज्ञानसागर जी स्कूल 09km
    ● कल की आहरचर्या- सेमरी स्कूल भवन 09km
      🌈आगामी दिशा- श्री नेमावर जी / इंदौर 🌈
     
     
    29 जून 2019  4: 33 PM
    🎪आचार्य भगवन श्री १०८ विद्यासागर महाराज ससंघ का मंगल विहार अभी अभी पिपरिया से हुआ ।।
    🌠आज रात्रि विश्राम - रानी पिपरिया 
     🍂कल की आहारचर्या - करनपुर मे होने की संभावना
     
    28 जून 2019  5: 05 PM
     
    आचार्य भगवंत श्री विद्यासागर जी महाराज ससंघ का मंगल विहार बनखेड़ी से पिपरिया के लिए हुआ...!!
    ⛳ आज का रात्रि विश्राम:- अंजनी नदी के पास    https://goo.gl/maps/zZSyBpsYRn8NZM9U6
    🛣 कल की आहार चर्या:- पिपरिया 11km

     
     
    27 जून 2019  4 : 40 PM
    आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज ससंघ का मंगल विहार पोडार से होशंगाबाद की ओर हुआ...
    रात्रि विश्राम - माला हनवारा 8km
    कल की आहरचर्या - बनखेड़ी 08km
     
     
    26 जून 2019  4 : 36 PM
     
    🍂आचार्य भगवंत श्री विद्यासागर जी महाराज ससंघ का मंगल विहार गाडरवारा से ठीक 4:36 बजे  पिपरिया के लिए हुआ...!!
    _⛳ आज रात्रि विश्राम:- कमटी स्कूल 06km*
    🛣 कल की आहार चर्या:- पुडार 10km 
     
    25 जून 2019  4 : 30 PM

    🛣विश्व पूज्यनीय, आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज ससंघ का मंगल विहार ककराघाट से गाडरवाड़ा की ओर हुआ..!!🛣
    ● रात्रि विश्राम- पेट्रोलपम्प पर 8km
    ● कल की आहरचर्या- गाडरवाडा 8km
     
     
    24 जून 2019  4 : 30 PM
     
    विश्व पूज्यनीय, आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज ससंघ का मंगल विहार तेंदुखेंडा से गाडरवाड़ा की ओर हुआ..!!
    ● रात्रि विश्राम- गुआरी  8 km
    ● कल की आहरचर्या- ककराघाट/नर्मदा नदी 8 km
     
     
    23 जून 2019  4 : 10 PM
    राजमार्ग से हुआ  विहार 
    ⛳ आज रात्रि विश्राम:- गुटौरी 9 km 
    कल की आहारचर्या - तेंदूखेड़ा (संभावित)
     
    22 जून   2019
    ● आज  रात्रि विश्राम- कुम्हरोड़ा ।
    ● कल की आहार चर्या- राजमार्ग चौराहा ।

     
    कुम्हरोड़ा
     
    🎷विशेष - पूज्यगुरुदेव की मंगल आगवानी करेगी आर्यिका माँ अनंतमति माताजी , आर्यिका माँ भावना मति माताजी , आर्यिका माँ अकम्पतिमति माताजी , आर्यिका माँ उपशांतमति माताजी ससंघ करेगी मंगल आगवानी🎷
     
     
     
     
     
     
     
     
    *⛳मध्यप्रदेश विहार सूचना⛳*
    *🗓२१/०६/२०१९, शुक्रवार🗓* 
     
               
    👣➡⛳ 
    *आचार्यश्री विद्यासागर जी महाराज ससंघ* का आज सुबह विहार नहीं हुआ
    🌳
    आज आचार्यश्री ससंघ की *आहार चर्या मेरेगांव, जिला जबलपुर, मध्यप्रदेश* में हुई
    👣➡⛳ 
    *आचार्यश्री विद्यासागर जी महाराज ससंघ* का आज आहार एवं सामयिक के बाद *मेरेगांव* से *🌳वर घटिया जंगल🌳* की ओर विहार हुआ (७ km)
    🌌
    आज आचार्यश्री ससंघ का *रात्रि विश्राम 🌳वर घटिया जंगल🌳 जिला नरसिंहपुर, मध्यप्रदेश* में *🎪अस्थाई तंबुओं में🎪* हो रहा है 
    🌳
    कल *२२/०६/२०१९* को आचार्यश्री ससंघ की *आहार चर्या जंगल में स्थित सरसला वन ग्राम, जिला नरसिंहपुर, मध्यप्रदेश* में *🎪अस्थाई तंबुओं में🎪* होने की संभावना है (८ km)
    ➡👣⛳
     
     
    20   जून 
    आहार चर्या - बेलखेड़ा ग्राम
    आज रात्रि विश्राम:- मेरे गाँव (संभावित)
     

     
     
     
    दिनांक - 19 जून 2019
    रात्रि विश्राम सम्भावित - मनकेड़ी 5.1 किमी
    कल की आहार चर्या - बेलखेड़ा ग्राम में सम्भावित।
     
     

    दिनांक - 18 जून 2019
    दिन - मंगलवार, अपरान्ह काल।
    परम् पूज्य आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज ससंघ का मंगल विहार सहजपुर से हुआ।
    रात्रि विश्राम- राजदीप पब्लिक स्कूल शहपुरा भिटौनी।
    सम्भावित आहारचर्या - लम्हेटा से 2 किमी आगे करैया ग्राम मे | 
     


    (
     
    दिनांक - 17-जून-2019
    समय -  दोपहर 04:30  बजे 
    अभी अभी परम पूज्य आचार्य श्री 108 विद्यासागर जी महाराज ससंघ का तिलवारा घाट जबलपुर से हुआ विहार।
    प्रतिभास्थली दयोदय जबलपुर में आचार्य संघ का प्रवेश 21 मार्च को हुआ था, कुल 88 दिन का प्रवास यहाँ हुआ।
     
    आज सम्भावित रात्रि विश्राम - राजदीप स्कूल शहपुरा
     


     
     
    acharya shri vihar 2019-06-17 at 17.49.51.mp4
     
     
    विहार .mp4

     
     
  23. Vidyasagar.Guru
    प्रतियोगिता क्रमांक 3 में भाग लेने के लिए निम्न लिंक पर क्लिक करें 
    https://docs.google.com/forms/d/e/1FAIpQLSe30NtnNsj5gZh5eJrPddUmZ5MsuzMu22WV_VsVp7rwhZsr4Q/viewform?usp=sf_link
     
    प्रतियोगिता क्रमांक 3 में जिनके उत्तर  प्राप्त हो चूकें हैं - अपने नाम निम्न लिंक पर देखे 
     
    https://docs.google.com/spreadsheets/d/1WSTfen2N3Jy604007h5p1WIqCkdZ4XfXSaHoU1LqVcY/edit?usp=sharing
     
     
     
    प्रतियोगिता क्रमांक 3  का परिणाम 
     
     
     
     
    प्रतियोगिता क्रमांक 2    में भाग लेने के लिए निम्न लिंक पर क्लिक करें 
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    प्रतियोगिता क्रमांक 2 में जिनके उत्तर  प्राप्त हो चूकें हैं - अपने नाम निम्न लिंक पर देखे 
    https://docs.google.com/spreadsheets/d/1e4rUyRP1r6NrotXAgIi_y2qRavwMombQ8-rlmo7_sbg/
     
    प्रतियोगिता क्रमांक 2  का परिणाम 
     
     
     
     
    प्रतियोगिता क्रमांक 1   में भाग लेने के लिए निम्न लिंक पर क्लिक करें 
     
    https://docs.google.com/forms/d/e/1FAIpQLSeJFGQaqe9tH6P8FcWwuny6isZOqjIqQUNSe9s2BlP0K76tzQ/viewform
     
    प्रतियोगिता क्रमांक 1 में जिनके उत्तर  प्राप्त हो चूकें हैं - अपने नाम निम्न लिंक पर देखे 
    https://docs.google.com/spreadsheets/d/1zcYVVvaOnCN5eiwtoIOUcofVFvLvGhPYD4BnO2lJboI/edit?usp=sharing
     
    प्रतियोगिता क्रमांक 1 का परिणाम 
     
     
  24. Vidyasagar.Guru
    भोर से पहले रात्रि के अंतिम पहर में करीब 2 व 2.30 के करीब सभी दीक्षार्थियों का हुआ केशलौंच   ----- *दीक्षार्थी बिनोली मार्ग-*   _सभी दीक्षार्थी भैयाजियों की मेहंदी एवम गोद भराई की रश्म गौशाला परिसर में ही सम्पन्न हुई।_ _*अब बिनोली की तैयारी पूर्ण। 15 मिनिट में श्री क्षेत्रपाल मन्दिर से बिनोली निकलेगी एवम अटा मन्दिर जी पहुचेगी। केश लॉन्च प्रभात पूर्व होने की संभावना।*_ ■ 8:00PM   न्यूज़ अपडेट    कल ललितपुर के लिए ऐतिहासिक दिन, होंगी भव्य मुनि दीक्षाएं
    कल बुधवार को ललितपुर में नया इतिहास बनने जा रहा है, महोत्सव में तप कल्याणक (दीक्षा कल्याणक)  के दिन आचार्य श्री विद्यासागर जी मुनिराज अपने कर कमलों से साधनारत ब्रह्मचारी भैयागणों को दीक्षाएं प्रदान करने जा रहे हैं। शाम तक मात्र कयास ही लगाए जा रहे थे क्योंकि आचार्यश्री कभी भी दीक्षाओं के लिए पूर्व से तिथि निश्चित नहीं करते हैं। ये खबर दिनभर चर्चाओं में रही। सभी कयासों पर विराम उस समय लग गया जब रात्रि में दीक्षार्थियों की गोद भराई ( विनोली) की रस्म होने लगी।  कार्यक्रम का सीधा प्रसारण पारस और जिनवाणी चेनल पर किया जाएगा। ललितपुर के इतिहास में कल का दिन स्वर्णिम होने जा रहा है। कयास यह भी लगाया जा रहा है कि नगर के एक-दो भाइयों की भी दीक्षा हो सकती है। 
    संलग्न चित्र :  दीक्षार्थी ब्रह्मचर्य भाइयों की गोद भराई की और मेहदी की रस्म गौशाला परिसर में होते हुए।
    प्रेषक : डॉ सुनील जैन संचय
      ---- जिन ब्रह्मचारी भैया लोगो को दीक्षाये मिलने के संकेत हैं उनका परिचय संभावित सूचि १० -  अभी तक ..... आकाश भैया सागर पिंकेश भैया इंदौर दीपक भैया हरदा अर्पित भैया इंदौर मनीष भैया इंदौर श्रेयांश भैया बुढ़ार अभिषेक भैया (मोनू भैया पनागर) मोनु भैया पथरिया (विपेन्द्र भैया) नितेन्द्र भैया नरसिंहपुर सतीश भैया खुरई  
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
    गोद भराई की रसम और मेंहदी भैया लोगो की चालू हो गयी है
     

     
     
    6 PM
    कल ललितपुर में दीक्षाएं होने जा रहीं हैं, विनोली का कार्यक्रम कुछ देर बाद शुरू हो रहा है।
     
     
    2:15 PM
    ललितपुर में दीक्षा की संभावना बढ़ी। हलचल तेज़।
    परमपूज्य आचार्यश्री विद्यासागर जी महाराज के हस्तकमलों से ललितपुर में आयोजित पंचकल्याणक महोत्सव में जैनेश्वरी दीक्षा प्रदान की जाने की संभावनाएं प्रबल हो गई हैं।
     
    अभी अभी लगभग 2:15 बजे ब्रह्मचारी गण द्वारा आचार्यश्री जी के कक्ष में जाकर दीक्षा प्रदान करने हेतु श्रीफल समर्पित किया।
     
     
  25. Vidyasagar.Guru
    9 दिसम्बर २०२२ 
    युग श्रेष्ठ, संत शिरोमणि
     आचार्य श्री १०८ विद्यासागर जी महामुनिराज
    💫निर्यापक श्रमण मुनिश्री १०८ प्रसाद सागर जी महाराज 
    💫मुनि श्री १०८ चंद्रप्रभ सागर जी महाराज
    💫मुनि श्री १०८ निरामय सागर जी महाराज 
                   ससंघ का
              आज दोपहर
      💫सामयिक उपरांत💫
             👣मंगल विहार👣  
             🔻कालगाव🔺
                     से हुआ।        
    ➖➖➖➖➖➖➖➖➖
       🍄आज रात्री विश्राम🍄
            🍄खंडळा🍄
              जिला हिंगोली
    Khandala
    https://maps.app.goo.gl/WjquuyQF6NE6TgRg7
    ➖➖➖➖➖➖➖➖➖
      🍁कल की आहारचर्या🍁
            🍁माळशेलु🍁
               जिला हिंगोली
      Malselu
    https://maps.app.goo.gl/FLthP4sLr8SQtRrk6  
             (संभावित)
    ➖➖➖➖➖➖➖➖➖
    संभावित विहार दिशा:-
    🛕अंतरिक्ष पार्श्वनाथ शिरपूर जैन🛕     
    ➖➖➖➖➖➖➖➖➖
     
     
     
     
     
    5 दिसम्बर 22 
     
    आज रात्री विश्राम🍄
         🍄येहळेगाव सोळंके🍄
                जिला हिंगोली
    Yehalegaon
    https://maps.app.goo.gl/4SvrX7gpxoBfTSpa7
    ➖➖➖➖➖➖➖➖➖
      🍁कल की आहारचर्या🍁
     🍁दिग्रस कऱ्हाळे फाटा🍁
               जिला हिंगोली
                  (संभावित)
    ➖➖➖➖➖➖➖➖➖
         🔮भव्य मंगल प्रवेश🔮
           कल दोपहर ४ बजे
              🛕हिंगोली🛕 में
     
     
     
    4 दिसम्बर  2022 दिन रविवार
    ✨✨✨✨✨✨✨
    युग श्रेष्ठ, संत शिरोमणि
     आचार्य श्री १०८ विद्यासागर जी महामुनिराज
    💫निर्यापक श्रमण मुनिश्री १०८ प्रसाद सागर जी महाराज 
    💫मुनि श्री १०८ चंद्रप्रभ सागर जी महाराज
    💫मुनि श्री १०८ निरामय सागर जी महाराज 
                   ससंघ का
                  अभी -अभी
      💫सामयिक उपरांत💫
             👣मंगल विहार👣  
        🔻अतिशय क्षेत्र शिरड शहापुर🔺
                   (महाराष्ट्र)
                     से हुआ।        
    ➖➖➖➖➖➖➖➖➖
    संभावित विहार दिशा:-
    🍁हिंगोली🍁
     
     
     
     
     
    30  नवंबर 22 
    आज रात्री विश्राम🍄
               🍄हट्टा🍄
                जिला हिंगोली
    Hatta
    https://maps.app.goo.gl/nzPonryW1sRiT4o48
    ➖➖➖➖➖➖➖➖➖
      🍁कल की आहारचर्या🍁
           🍁कळंबा फाटा🍁
               जिला हिंगोली
                  (संभावित)
    ➖➖➖➖➖➖➖➖➖
      संभावित विहार दिशा:- 
    🛕अतिशय क्षेत्र शिरड शहापुर🛕
     
     
    29 नवंबर 22 
    युग श्रेष्ठ, संत शिरोमणि
     आचार्य श्री १०८ विद्यासागर जी महामुनिराज
    💫निर्यापक श्रमण मुनिश्री १०८ प्रसाद सागर जी महाराज 
    💫मुनि श्री १०८ चंद्रप्रभ सागर जी महाराज
    💫मुनि श्री १०८ निरामय सागर जी महाराज 
                   ससंघ का
      💫पंच कल्याणक उपरांत💫
             👣मंगल विहार👣  
            🔻परभणी🔺
                     से हुआ।        
    ➖➖➖➖➖➖➖➖➖
         🍄आज रात्री विश्राम🍄
    कै.गणपतराव पाटील माध्यमिक विद्यालय
           🍄आसोला फाटा🍄
                जिला परभणी
    Ganpatrao Renge Patil Madhyamik Vidyalaya
    https://maps.app.goo.gl/m5yHyV31JAVx42Hu6
    ➖➖➖➖➖➖➖➖➖
      🍁कल की आहारचर्या🍁
            🍁नांदगाव खुर्द🍁
               जिला परभणी
                  (संभावित)
    Nandgaon kh.
    https://maps.app.goo.gl/rMDuaYdVrYyPKQn49              
    ➖➖➖➖➖➖➖➖➖
     
    22 / 11/ 22
     
     
    आज आचार्यश्री ससंघ का रात्री विश्राम झरी गांव, जिला परभणी में हो रहा है 
    🌏झरी गांव की गूगल मैप लिंक
    👇🏽👇🏽👇🏽 
    Zari
    https://maps.app.goo.gl/NXg8weiAnWN6NPvW7
    ➡️👣⛳कल २३/११/२०२२ को आचार्यश्री ससंघ आहार चर्या टाकळी कुंभकर्ण गांव, जिला परभणी में होने की संभावना है
    🌏टाकळी कुंभकर्ण गांव की गूगल मैप लिंक
    👇🏽👇🏽👇🏽 
    Takli Kumbhakarna
    https://maps.app.goo.gl/brerBNvA5ECkWb3i8
     
     आचार्य श्री १०८ विद्यासागर जी महामुनिराज ससंघ का
                    अभी 
       💫सामायिक उपरांत💫 
            👣मंगल विहार👣  
             🛕बोरी 🛕
                 (महाराष्ट्र)
                  से हुआ।        
      ➖➖➖➖➖➖➖
      संभावित विहार दिशा:- 🔻परभणी
     
     
     
    21 नवंबर 22 
     
    आज दोपहर में
      💫 सामायिक उपरांत💫
             👣मंगल विहार👣  
              🔻जिंतुर 🔺
                     से हुआ।        
    संभावित दिशा:- परभणी
     
     
     
    युग श्रेष्ठ, संत शिरोमणि
     आचार्य श्री १०८ विद्यासागर जी महामुनिराज
    💫निर्यापक श्रमण मुनिश्री १०८ प्रसाद सागर जी महाराज 
    💫मुनि श्री १०८ चंद्रप्रभ सागर जी महाराज
    💫मुनि श्री १०८ निरामय सागर जी महाराज 
                   ससंघ का
               अभी अभी
           👣मंगल विहार👣  
     🔻अतिशय क्षेत्र नेमगिरी🔺
                  से हुआ।        
    ➖➖➖➖➖➖➖➖➖
         🍄आज की आहारचर्या🍄
                🍄जिंतूर🍄
                  जिला परभणी
     
     
    18 नवंबर 22 
    नेमगिरी में हुआ मंगल प्रवेश
    परम पूज्य आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज ससंघ का भव्य मंगल प्रवेश आज प्रातः काल की बेला में श्री नेम गिरी तीर्थ क्षेत्र पर हुआ।
     
     
     
    14 november 22
    आज दोपहर में
      💫 सामायिक उपरांत💫
             👣मंगल विहार👣  
              🔻हराळ🔺
                     से हुआ।        
    ➖➖➖➖➖➖➖➖➖
         🍄आज रात्री विश्राम🍄
    संत नामदेव महाराज विद्यालय 
               🍄वाघजळी🍄
                  जिला हिंगोली
     Waghjali
    https://maps.app.goo.gl/pe8Kjhcaw3D21rfF8
     
     
    13 नवंबर 22 
    आचार्य श्री १०८ विद्यासागर जी महामुनिराज     ससंघ का
               आज दोपहर में
      💫 सामायिक उपरांत💫
             👣मंगल विहार👣  
              🔻रिसोड🔺
                     से हुआ।        
     
      🍄आज रात्री विश्राम🍄
     श्री. सिद्धेश्वर माध्यमिक विद्यालय प्रा.इंग्लिश स्कूल, 
                  🍄सवड🍄
                  जिला वाशिम
     Sawad
    https://maps.app.goo.gl/8DeNqSbcUExH3jgo9
    ➖➖➖➖➖➖➖➖➖
      🍁भव्य मंगल प्रवेश एवं आहारचर्या🍁
         कल १४ नवंबर २२ को
             🍁हराळ🍁
               जिला वाशिम
                  (संभावित)
     Haral
    https://maps.app.goo.gl/De3xUQLuHHwwDBMi8
     
     
    12 नवंबर 2022 
    पूज्य आचार्य भगवान का अभी अभी गोभणी से हुआ मंगल विहार विहार दिशा रिसोड
     
     
      🍄आज रात्री विश्राम🍄
      🍄कृषि विज्ञान केंद्र, करडा🍄
                  जिला वाशिम
     Karda
    https://maps.app.goo.gl/SEq1Q5aYXs5JdSTRA
    ➖➖➖➖➖➖➖➖➖
      🍁कल की आहारचर्या🍁
             🍁रिसोड🍁
               जिला वाशिम
                  (संभावित)
     Risod
    https://maps.app.goo.gl/8WEeKxx1RFLAQ4b26
     
     
    11  नवंबर 2022 
     
    युग श्रेष्ठ, संत शिरोमणि
     आचार्य श्री १०८ विद्यासागर जी महामुनिराज
                   ससंघ का
      💫पंचकल्याणक उपरांत💫
             👣मंगल विहार👣  
                 अभी-अभी
            🛕डोणगाव🛕
             जिला बुलढाणा
                  से हुआ।      
     
         🍄आज रात्री विश्राम🍄
                🍄वडजी🍄
                   जि.प. शाळा
                  जिला वाशिम
     Wadji
    https://maps.app.goo.gl/ZEavpms3aBjqc8B97
    ➖➖➖➖➖➖➖➖➖
      🍁कल की आहारचर्या🍁
             🍁गोभणी🍁
               जिला वाशिम
                  (संभावित)
     Gobhani
    https://maps.app.goo.gl/dbs9THHiU4o2EPyg6
     
     
     
     
     
     
    2 नवंबर 2022
     
    👣➡️⛳आज दोपहर ३:३० बजे आचार्यश्री ससंघ का भव्य अगवानी के साथ डोणगांव, जिला बुलढाणा में हुआ प्रवेश
    📝विशेष सूचना
    डोणगांव, जिला बुलढाणा, महाराष्ट्र अंतरिक्ष पार्श्वनाथ जी से २६ किलोमीटर दूर जालना रोड पर स्थित है जहां आचार्यश्री ससंघ के सानिध्य में ६ से १२ नवम्बर २०२२ तक  पंचकल्याणक गजरथ महोत्सव होने वाला है। आचार्यश्री ससंघ १२ नवम्बर २०२२ तक डोणगांव, जिला बुलढाणा में विराजमान रहेंगे
    🌏डोणगांव, जिला बुलढाणा की गूगल मैप लिंक
    👇🏽👇🏽👇🏽
    Dongaon
    https://maps.app.goo.gl/uksRLGZTsz8K9paJ9
     
     
     
     
    1 november 2022
     
    युग श्रेष्ठ, संत शिरोमणि आचार्य श्री १०८ विद्यासागर जी महामुनिराज
    💫निर्यापक श्रमण मुनिश्री १०८ प्रसाद सागर जी महाराज 
    💫मुनि श्री १०८ चंद्रप्रभ सागर जी महाराज
    💫मुनि श्री १०८ निरामय सागर जी महाराज 
                   ससंघ का
               चातुर्मास उपरांत
             👣मंगल विहार👣  
      🛕अंतरिक्ष पार्श्वनाथ शिरपूर जैन🛕
                से हुआ।        
    ➖➖➖➖➖➖➖➖➖
         🍄आज रात्री विश्राम🍄
                🍄चांडस🍄
              जि.प.वरिष्ठ प्रा.स्कुल
                  जिला वाशिम
                   (महाराष्ट्र)
    https://maps.app.goo.gl/CqD2qVFouUauCBxJ6
    ➖➖➖➖➖➖➖➖➖
      🍁कल की आहारचर्या🍁
             🍁केनवड🍁
              माध्यमिक स्कूल
             जिला वाशिम
               (संभावित)
    https://maps.app.goo.gl/fpbkoM4GzFxw7STY8
    ➖➖➖➖➖➖➖➖➖
     
     
     
     
    आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज ससंघ का अंतरिक्ष पार्श्वनाथ शिरपुर जैन से हुआ मंगल विहार 
     
     
    आगे विहार संबंधी सूचना इस लिंक पर उपलब्ध होती रहेगी 
     

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