तेरा शुक्रिया है बहुत शुक्रिया है.
मैं आ तो गया हूँ मगर जानता हूँ तेरे दर पे आने की काबिल नहीं हूँ
मुझे तुम गुरुवर बहुत कुछ दिया है तेरा शुक्रिया है तेरा शुक्रिया है
तेरी मेहेरबानी का है बोझ इतना, उसे मैं निभाने के काबिल नहीं हूँ
मैं आ तो गया हूँ मगर जानता हूँ तेरे दर पे आने की काबिल नहीं हूँ
तुमने अदा की मुझे जिंदगानी मगर तेरी महिमा नहीं मैंने मानी - २
करजदार तेरी दया का हूँ इतना, मैं कर्जा चुकाने के काबिल नहीं हूँ
मुझे तुम गुरुवर बहुत कुछ दिया है तेरा शुक्रिया है तेरा शुक्रिया है
ये माना की दाता हो तुम दो जहाँ के, मगर कैसे आऊं मैं झोली फैला के -२
जो पहले दिया वही कम नहीं है, उसे मैं उतने के काबिल नहीं हूँ
मुझे तुम गुरुवर बहुत कुछ दिया है बहुत शुक्रिया है तेरा शुक्रिया है
चाहता हूँ चरणों मे सर को झुका कर गुनाह जो किये हैं वो माफ़ करा लूँ -२
सिवा ह्रदय के टुकड़े के ओ मेरे गुरुवर मैं कुछ भी चढ़ाने के काबिल नहीं हूँ
मुझे तुम गुरुवर बहुत कुछ दिया है तेरा शुक्रिया है तेरा शुक्रिया है
आसरा इस जहां का मिले न मिले-2
मुझको तेरा सहारा सदा चाहिए
चाँद तारे फलक पर दिखें न दिखें-2
मुझको तेरा नजारा सदा चाहिए
आसरा..................
यहां खुशियाँ हैं कम और ज्यादा हैं गम-2
जहां देखो वहीं है, भरम ही भरम
मेरी महफिल में शमाँ जले न जले-2
मुझको तेरा उजाला सदा चाहिए।
आसरा..............
कभी वैराग्य है कभी अनुराग है-2
यहाँ बदले है माली वहीं बाग है।
मेरी चाहत की दुनिया बसे न बसे-2
मेरे दिल में बसेरा तेरा चाहिए।
आसरा.........................
मेरी धीमी है चाल और पथ है विशाल-2
हर कदम पर मुसीबत है अब तो संभाल
मेरे पैर थके हैं चलें न चलें-2
मुझको तेरा इशारा सदा चाहिए
आसरा...............