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मेरे गुरुवर... आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज

सजल गोयल

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  1. *महाकवि पं० भूरामल सामाजिक सहकार न्यास* द्वारा संचालित *हथकरघा* से बनी *100% सूती, अहींसक, स्वदेशी पद्धति से निर्मित* *?डॉबी साड़ी?* मूल्य = ₹ 3200 ? *9981128662 (सजल गोयल)* ???????????? ???????????? *उड़ना भूली, चिड़िया सोने की तू, उठ उड़ जा।।* *(आ० श्री जी कृत हाइकू)*
  2. इस साड़ी की बुनकारी ₹ 450 हम देतें हैं। एक दिन में एक साड़ी यह छात्र आराम से बना लेता है। VID_20180203_162217.mp4
  3. समाज में कमजोर वर्ग को सहयोग देकर उसे अपने जैसे बनाना, यह आप लोगों का कर्तव्य है। अर्थ से कभी भी अपने जैसा नहीं बनाया जा सकता किन्तु अर्थोपार्जन का साधन देकर सत्कर्म सिखाया जा सकता है। इसके लिए यह अहिंसक कार्य हथकरघा सर्वोत्तम कार्य माना जा सकता है। *-आचार्य श्री जी*
  4. 100% सूती, अहींसक, स्वदेशी पद्धति से निर्मित साड़ियाँ, धोती-दुप्पट्टे, सर्ट, कुर्त्ता-पैजामा, कोटी, टाबल, नेपकीन, चादर, आसन, योग-मैट, पानी का छन्ना, प्रक्षाल का कपड़ा, रुमाल, नल थैली, द्रव्य थैली, विभिन्न प्रकार के सर्ट आदि के कपड़े तथा और भी अनेक उत्पाद।
  5. ?? *69वें गढ़तंत्र दिवस पर* ?? *?महाकवि पंडित भूरामल सामाजिक सहकार न्यास?* का ? *भारत के युवाओं को सन्देश* ? आजसे कई वर्ष पहले हमारा भारत सोने की चिड़िया कहलाता था हम आत्म निर्भर थे, स्वतंत्र थे,सक्षम थे, सबल थे। समय के साथ साथ हम विदेशी शक्तियों की कूटनीति के शिकार होते गये और वे हमारी कलाओं को दबाते गए और आज हम स्वतंत्र होकर भी परतंत्र है, कहीं विदेशी सभ्यता के,कहीं विदेशी तकनीक के, तो कहीं देश के राजतंत्र के। आज के युवा उच्च शिक्षा प्राप्त करने के बाबजूद भी बहुत अल्प वेतन में कार्य करने को मजबूर है, जहाँ उन्हें अपने आत्मसम्मान को भूलकर तनावपूर्ण जीवन जीना पड़ता है। *देश को ऐसी दशा में देख संत शिरोमणि आचार्य गुरुवर विद्यासागर जी महराज के द्वारा देश के युवाओं के कल्याण के लिए एक स्वप्न देखा गया जो महाकवि पण्डित भूरामल सामाजिक सहकार न्यास हथकरघा प्रशिक्षण केंद्र के रूप में एक विशाल वृक्ष का रूप ले चुका है* आज देश के उच्चतम संस्थानों से शिक्षा प्राप्त युवा इस पावन कार्य से जुड़ रहे है एवं स्वयं तथा अपने क्षेत्र के युवाओं को रोजगार प्रदान कर रहे है। हथकरघा परिवार आप सभी से निवेदन करता है कि आप भी इस अनमोल कार्य से जुड़कर देश के उत्थान में सहयोग करें। *हथकरघा के माध्यम से कपड़ा बनाने का प्रशिक्षण प्राप्त करने के लिए इच्छुक युवा सम्पर्क करें* ???????????? *सजल गोयल = 9981128662* ? प्रशिक्षण निःशुल्क है। ? जैन छात्रों हेतु आवास तथा भोजन व्यवस्था भी उपलब्ध हैै। ? प्रशिक्षण के प्रथम दिन से 15 दिन तक ₹ 100 प्रति दिन तदोपरान्त जितना वस्त्र बनाएंगे उस हिसाब से वेतन भी मिलेगा। ? 6 महीने के प्रशिक्षण के बाद आप अपने घर पर हथरकघा केन्द्र प्रारम्भ कर सकतें हैं तथा अपनी महनतानुसर एक श्रेष्ठ आजीविका कर सकतें है। ???????????? *उड़ना भूली, चिड़िया सोने की तू, उठ उड़ जा।।* *(आ० श्री जी कृत हाइकू)*
  6. ? *रायपुर में हथकरघा वस्त्र चल विक्रय केन्द्र* ? *महाकवि पं० भूरामल सामाजिक सहकार न्यास* द्वारा संचालित ? *हथकरघा वस्त्र चल विक्रय केन्द्र* ? *परम पूज्य आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज* के ससंघ सान्निध्य में हो रहे *श्रीमज्जिनेन्द्र पंचकल्याणक* के शुभ अवसर पर *छत्तीसगढ़ की धर्म नगरी रायपुर में* चल विक्रय केन्द्र उपलब्ध रहेगा। *वहाँ आप प्राप्त कर सकेंगें 100% सूती, अहींसक, स्वदेशी पद्धति से निर्मित साड़ियाँ, धोती-दुप्पट्टे, सर्ट, कुर्त्ता-पैजामा, कोटी, टाबल, नेपकीन, चादर, आसन, योग-मैट, पानी का छन्ना, प्रक्षाल का कपड़ा, रुमाल, नल थैली, द्रव्य थैली, विभिन्न प्रकार के सर्ट आदि के कपड़े तथा और भी अनेक उत्पाद।* ? *2 ता० से 11 ता०* ? *लाभंडी,रायपुर में* *सम्पर्क सूत्र = 98931 44684 (सिप्पी भैया)* *97999 29699 (प्रणव भैया)* ??????????? *उड़ना भूली, चिड़िया सोने की तू, उठ उड़ जा।।* *(आ० श्री जी कृत हाइकू)*
  7. ?? *69वें गढ़तंत्र दिवस पर* ?? *?महाकवि पंडित भूरामल सामाजिक सहकार न्यास?* का ? *भारत के युवाओं को सन्देश* ? आजसे कई वर्ष पहले हमारा भारत सोने की चिड़िया कहलाता था हम आत्म निर्भर थे, स्वतंत्र थे,सक्षम थे, सबल थे। समय के साथ साथ हम विदेशी शक्तियों की कूटनीति के शिकार होते गये और वे हमारी कलाओं को दबाते गए और आज हम स्वतंत्र होकर भी परतंत्र है, कहीं विदेशी सभ्यता के,कहीं विदेशी तकनीक के, तो कहीं देश के राजतंत्र के। आज के युवा उच्च शिक्षा प्राप्त करने के बाबजूद भी बहुत अल्प वेतन में कार्य करने को मजबूर है, जहाँ उन्हें अपने आत्मसम्मान को भूलकर तनावपूर्ण जीवन जीना पड़ता है। *देश को ऐसी दशा में देख संत शिरोमणि आचार्य गुरुवर विद्यासागर जी महराज के द्वारा देश के युवाओं के कल्याण के लिए एक स्वप्न देखा गया जो महाकवि पण्डित भूरामल सामाजिक सहकार न्यास हथकरघा प्रशिक्षण केंद्र के रूप में एक विशाल वृक्ष का रूप ले चुका है* आज देश के उच्चतम संस्थानों से शिक्षा प्राप्त युवा इस पावन कार्य से जुड़ रहे है एवं स्वयं तथा अपने क्षेत्र के युवाओं को रोजगार प्रदान कर रहे है। हथकरघा परिवार आप सभी से निवेदन करता है कि आप भी इस अनमोल कार्य से जुड़कर देश के उत्थान में सहयोग करें। *हथकरघा के माध्यम से कपड़ा बनाने का प्रशिक्षण प्राप्त करने के लिए इच्छुक युवा सम्पर्क करें* ???????????? *सजल गोयल = 9981128662* ? प्रशिक्षण निःशुल्क है। ? जैन छात्रों हेतु आवास तथा भोजन व्यवस्था भी उपलब्ध हैै। ? प्रशिक्षण के प्रथम दिन से 15 दिन तक ₹ 100 प्रति दिन तदोपरान्त जितना वस्त्र बनाएंगे उस हिसाब से वेतन भी मिलेगा। ? 6 महीने के प्रशिक्षण के बाद आप अपने घर पर हथरकघा केन्द्र प्रारम्भ कर सकतें हैं तथा अपनी महनतानुसर एक श्रेष्ठ आजीविका कर सकतें है। ???????????? *उड़ना भूली, चिड़िया सोने की तू, उठ उड़ जा।।* *(आ० श्री जी कृत हाइकू)*
  8. *हथकरघा के वस्त्र अपनाए* तथा *स्वावलम्बन,अहिंसा,स्वास्थ्य की ओर* स्वयं को, अपने परिवार को, अपने समाज को तथा अपने राष्ट्र को अग्रसर करें ? वस्त्र प्राप्ति हेतु सम्पर्क - 9981128662 (सजल गोयल)
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