संत शिरोमणि आचार्य गुरुवर श्री 108 विद्यासागर जी महाराज के मंगल आशीष से प्रतिभास्थली ज्ञानोदय विद्यापीठ ओर हथकरघा के साथ साथ
प्राचीन संस्कृति एवं हस्तशिल्प को संरक्षित एवं संवर्धित करने के लिए महिला उत्थान की दिशा में उठाया एक सशक्त कदम
प्रारम्भ हुआ एक और प्रकल्प.....!!
मरुदेवी हस्तशिल्प
जहाँ अनेक महिलाएं प्राप्त कर रहीं हैं स्वाश्रित जीवन जीने का आधार ओर अपनी मेहनत व कला कौशल से उत्पादित कर रहीं हैं मनमोहक सामग्री
जैसे- बैग्स, पर्स, साड़ियाँ, कुर्तियां, बैडशीट, चादर, जाप माला आदि