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नव आचार्य श्री समय सागर जी को करें भावंजली अर्पित ×
मेरे गुरुवर... आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज

Ratan Lal Jain

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  1. नन्दीश्वर द्वीप में दिन रात होते ही नहीं है, फिर नन्दीश्वर भक्ति में निशा दिवस का भेद प्रयुक्त होने का रहस्य बतायें रतन लाल जैन, जोधपुर (राजस्थान)
  2. मूकमाटी प्रतियोगिता के प्रश्न बनाने में अत्यंत ही श्रम किया गया है, प्रतियोगिता भरने में आनन्द के साथ साथ स्वाध्याय लाभ भी मिला। प्रश्न निर्माण करने में मूकमाटी का मंथन कर नवनीत निकालने का प्रयास बहुत ही सराहनीय है। प्रतियोगिता के प्रश्न निर्माता साधुवाद के पात्र हैं, उनके अथक प्रयास व श्रम को नमन। उनके कार्य की बहुत बहुत अनुमोदना। पूर्व में भी इस तरह विभिन्न ग्रंथों पर प्रतियोगिता निकाली गई थी, जिनसे भी संत शिरोमणि आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज व उनके अन्य शिष्य विद्वान मुनिराजों के रचित ग्रंथ का स्वाध्याय लाभ अर्जित हुआ था।
  3. आचार्य श्री ने कर्म व आत्मा का संबंध बताने के लिए दूध में व्याप्त घी, दूध अग्नि का संयोग जैसे सुलभ व बोधगम्य प्रतीकों का अत्यंत ही सुन्दर विवेचन किया है। नमोस्तु नमोस्तु नमोस्तु आचार्य श्री
  4. बहुत ही सुन्दर प्रतियोगिता। प्रतियोगिता के माध्यम से आचार्य श्री के साहित्य को पढ़ने का भी लाभ मिला व वेबसाइट की अकूत सामग्री की जानकारी भी मिली। रतन लाल जैन, जोधपुर (राजस्थान)
  5. प्रतियोगिता बहुत ही धर्म प्रभावक व संत शिरोमणि आचार्य श्री 108 विद्यासागर जी के संबंध में जानकारी देेने वाली थी
  6. गुरुवर के मन की गुरुवर ही जाने, संभावना नेमावर नमोस्तु नमोस्तु नमोस्तु
  7. आचार्य श्री विद्यासागर जी के चरणों में शत शत नमन वंदन
  8. बहुत सुन्दर। आचार्य विद्यासागर द्वारा संल्लेखनारत श्री ज्ञान सागर जी की वैयावृति के दृश्य सदैव मानस पटल पर छाए रहेंगे।
  9. आचार्य श्री विद्यासागर जी के जीवन पर बनी फिल्म "विद्योदय" अपने आप में एक अनुठी, अद्वितीय, बेमिसाल प्रस्तुति है। आचार्य श्री के जीवन के विभिन्न पलों व महत्वपूर्ण प्रसंगों को मूकमाटी के उद्धरणों से सजा कर बहुत ही सुन्दर ढंग से प्रस्तुत किया गया है। फिल्म के निर्देशक, निर्माता व अन्य सभी सहयोगियों को बहुत बहुत साधुवाद।
  10. सभी पांचों विजेताओं (प्रतियोगिता क्रमांक 7 के) को बहुत बहुत बधाई
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