मूकमाटी प्रतियोगिता के प्रश्न बनाने में अत्यंत ही श्रम किया गया है, प्रतियोगिता भरने में आनन्द के साथ साथ स्वाध्याय लाभ भी मिला।
प्रश्न निर्माण करने में मूकमाटी का मंथन कर नवनीत निकालने का प्रयास बहुत ही सराहनीय है।
प्रतियोगिता के प्रश्न निर्माता साधुवाद के पात्र हैं, उनके अथक प्रयास व श्रम को नमन। उनके कार्य की बहुत बहुत अनुमोदना।
पूर्व में भी इस तरह विभिन्न ग्रंथों पर प्रतियोगिता निकाली गई थी, जिनसे भी संत शिरोमणि आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज व उनके अन्य शिष्य विद्वान मुनिराजों के रचित ग्रंथ का स्वाध्याय लाभ अर्जित हुआ था।