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नव आचार्य श्री समय सागर जी को करें भावंजली अर्पित ×
मेरे गुरुवर... आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज

Pranath Patil

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  1. विहार अपडेट - दिनांक : २१/१२/२०२१ 💎संत शिरोमणी आचार्यश्री १०८ विद्यासागरजी महामुनिराज के परम प्रभावक शिष्य 💎 📿निर्यापक श्रमण प० पू० मुनिश्री १०८ नियमसागरजी महाराज 📿प० पू० मुनिश्री १०८ वृषभसागरजी महाराज 📿प० पू० मुनिश्री १०८ अभिनंदनसागरजी महाराज 📿क्षुल्लक श्री १०५ संयमसागरजी महाराज (३ मुनिराज १ क्षुल्लक) ससंघ का चातुर्मास उपरांत हीरे हट्टीहोळी (कर्नाटक) से विहार चल रहा है। 🔴आज रात्री विश्राम : येल्लूर (कर्नाटक) 🟢कल की आहारचर्या : मजगांव 🟡येल्लूर से मजगांव १० किमी पर है। संभावित विहार दिशा : सांगली (महाराष्ट्र) span widget
  2. आचार्य भगवन श्री विद्यासागरजी महामुनिराज के आज्ञानुवर्ती शिष्य प.पु. मुनिश्री १०८ आगमसागरजी महाराज प.पु. मुनिश्री १०८ पुनितसागरजी महाराज प.पु. मुनिश्री १०८ सहजसागरजी महाराज 📿📿📿📿📿📿📿📿📿📿📿📿 सिद्धक्षेत्र कुंडल, जि. सांगली (महाराष्ट्र) में विराजमान हैं।
  3. 📿📿 वर्तमान स्थान 📿📿 दिनांक : 21-01-2021 निर्यापक श्रमण ज्येष्ठ मुनिश्री १०८ नियमसागरजी महाराज मुनिश्री १०८ वृषभसागरजी महाराज मुनिश्री १०८ अभिनंदनसागरजी महाराज क्षुल्लकश्री १०५ संयमसागरजी महाराज ससंघ बसवान कुडची, जि. बेलगावी, कर्नाटक में विराजमान हैं। कुडची अलरवाड से ३ कि मी पर है।
  4. 👣👣👣मंगल विहार👣👣👣 दिनांक.4 दिसंबर 2020 ■परम पूज्य आचार्यश्री १०८ विद्यासागर जी महाराज के आज्ञानुवर्ती शिष्य 🌷परम पूज्य निर्यापक श्रमण मुनिश्री १०८ योगसागर जी महाराज ससंघ 🌷परम पूज्य मुनिश्री १०८ अक्षयसागर जी महाराज ससंघ का मंगल विहार शुरु है पिंपळदरी से अभी-अभी विहार हुआ है। 🔸आज रात्री विश्राम🔸 🔸गांव-लोहरा (बु)🔸 जिल्हा हिंगोली (जि.प.स्कुल-लोहरा) 🍁कल की आहारचर्या🍁 🍁शिरडशहापुर🍁 ता.औंढा कल सुबह मंगलप्रेश की संभावना अतिशय क्षेत्र शिरड शहापुर (महाराष्ट्र) ----------------------------------------------- महाराष्ट्र विहार सेवा संघ सुचना सभार- श्री.प्रविणजी कंदी श्री.उदय सोवितकर जैन-हिंगोली श्रीकांत संघई जैन,पुसद संतोष पांगळ जैन मुरुड
  5. मोह जाल को तोड़कर, चल गए तुम अजमेर। करूणाकर करूणा करे , निज पर मुनिव्रत पाले।। परम तपस्वी तप कीये तीन लोक के नाथ को ध्याएं। रत्नत्रय को धारण करके मोक्ष मार्ग के पथ पर चलते।। पंचमकाल के साधक तुम , चतुर्थ कालीन चर्या पाले। ज्ञानी ध्यानी तुम रहे तुम सम कोई नहीं जग में।। ज्ञान के सागर विद्यासागर हृदय में तीर्थंकर भगवान। जग के जो स्वामी हो करदो मम कल्याण।। मोक्षगामी तुम रहें, साक्षात तीर्थंकर भगवान हो। जिन धर्म प्रवर्थक तुम रहे, दिगंबरत्व की शान हो।। अशरण के तुम शरण हो, निराधार आधारा। जग के जो स्वामी तुम, बनादो हमें तुम सम।। प्राणी मात्र का कल्याण करनेवाले , ओ पालनहारे तुम। हे तपोभुमी, परिषह विजयी ,चरणों में कोटी-कोटी नमन।। मोह जाल को तोड़कर चल गए तुम अजमेर। करूणाकर करणा करें निज पर मुनिव्रत पाले।। संत शिरोमणी आचार्यश्री विद्यासागरजी महाराजजी के ४९वें आचार्य पदारोहण दिवस के अवसर पर गुरुवर के पावन चरणों में कोटि-कोटि नमोस्तु 🙏🙏🙏 विद्यागुरु सदा जयवंत हो।
  6. प.पु. मुनिश्री १०८ आगमसागरजी महाराज प.पु. मुनिश्री १०८ पुनितसागरजी महाराज प.पु. मुनिश्री १०८ सहजसागरजी महाराज 📿📿📿📿📿📿📿📿📿📿📿📿 नया दानवाड (महाराष्ट्र) में विराजमान हैं।
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