जीवन में आचार, विचार, आहार और व्यवहार का विशेष ध्यान रखना चाहिए।
आप लोग दृष्टि का उपयोग सही नहीं कर पा रहे हैं। अपने दृष्टिकोण को सही दिशा में ले जाना है तो उसका उपयोग सही करना होगा।
ज्ञान तो हम लोगों के पास भी है, परन्तु अन्धकार के साथ है अर्थात् दिया तले अन्धेरा है। हमारा ज्ञान सामान्य है, अधूरा है। हरेक व्यक्ति के मन में भय व्याप्त होता है, भय रखने से भय कभी छूटता नहीं है। मृत्यु का भय सभी में व्याप्त है परन्तु मृत्यु होती किसकी है; ये नहीं जानते। जो सैनिक होता है वो कभी पीछे नहीं हटता, राजा और मंत्री एक कदम पीछे हट सकते हैं, किन्तु सैनिक के सामने मृत्यु भी खड़ी हो तो वो मृत्यु से नहीं डरता है। जो व्यक्ति जीवन और मृत्यु को समझ लेता है वो श्वांस और विश्वास से परिपूर्ण रहता है।
-२३ अक्टूबर २०१६, रविवार, भोपाल