नेता को वोट देने वाला भी नेता से कम नहीं होता, वह भी एक नेता होता है। वोट लेने वाला नेता होता है तो वोट देने वाला भी नेता होता है। जब दोनों ही नेता होते हैं तो वोट देने वाला नेता अपने नेता के चुनाव में गलती क्यों कर जाता है? ऐसे नेता का चयन करना चाहिए जिसके द्वारा हमारा संरक्षण हो, हमारी संस्कृति, धर्म का संवर्द्धन हो। जिस नेता के द्वारा हमारा संरक्षण न हो, हमारी संस्कृति और धर्म का हास हो, उसको कभी भी चयन नहीं करना चाहिए। आज हमारे देश की पशु सम्पदा का विनाश हो रहा है और यह सब कौन करा रहा है? आखिर है तो सरकार ही न। सरकार ही ने तो कत्लखाने खुलवाये हैं। फिर हमारा क्या कर्तव्य होता है? जिसको हमने वोट दिया, अपना प्रतिनिधि बनाया, यदि वही हमारी आवाज को न सुने तो हमको उस नेता से सत्ता वापिस ले लेना चाहिए। इसमें कोई बुराई की बात नहीं, यह तो योग्यता की बात है, किसी पार्टी की नहीं।
आप अपनी ताकत जगाइए, आपके पास विराट शक्ति है। आप अपनी भावनाओं, भावों की शक्ति से सारी दुनिया बदल सकते हैं, आप अपनी सम्प्रेषण की शक्ति को जानिए। सम्प्रेषण का अर्थ भावों का खेल है, भावों की शक्ति का चमत्कार। आप अपनी सम्प्रेषण की शक्ति से सारी दुनिया को हिला सकते हैं। आप अपने भावों में करुणा, अहिंसा, दया को भरिए आप अपने अहिंसक भावों का सम्प्रेषण डालिए। यदि आपके भावों में सहानुभूति है तो बिना दवा के भी रोगी ठीक हो सकता है।