शासन तो शासन होता है और प्रजातंत्र प्रजातंत्र। हमें हमारे स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस का पूरा-पूरा सम्मान करना चाहिए। कर्तव्यों के क्षणों से कभी विमुख नहीं होना चाहिए। अहिंसा धर्म का पालन करते हुए अनीति को छोड़ नीतिपूर्वक कार्य करने के लिए संकल्पबद्ध होना चाहिए; तभी सच्चा प्रजातंत्र माना जायेगा। स्वतंत्रता दिवस मनाकर सरकार हो या आम जनता; इतने स्वतन्त्र नहीं हो गए कि आप गणतंत्र दिवस को उसके गणतंत्र को अर्थात् संविधान-कानूननीति-न्याय कर्तव्यों को भूल जाएँ।
-२८ अगस्त, २o१६