जिस तरह प्रशासिनक वर्ग स्थाई होता है उस तरह राजनेता स्थाई नहीं होता, राजनेता सीमित समय के लिए बनते हैं, किन्तु राजनेता को जो मौका मिलता है उसे सही दिशा में लगा दे तो फिर जनता उन्हें भी स्थाई बना देते हैं। जो देशहित में उचित निर्णय ले, नि:स्वार्थ सेवाभावी हो, स्वच्छ छवि वाला हो, निष्पक्षी हो, निरहंकारी हो, संस्कृति का जानकार हो। इतनी योग्यताओं के साथ कार्य करने वाला हो।
-२६ अगस्त २o१६, भोपाल