अज दोपहर में पंजाब और हरियाणा के राज्यपाल श्री कप्तान सिंह सोलंकी ने आचार्य श्री को श्रीफल समर्पित कर उनका आशीष ग्रहण किया।
इस अवसर पर जनहित के अनेक मुद्दों पर दोनों के मध्य १५ मिनट तक चर्चा हुई। श्री सोलंकी जी ने कहा कि आप जैसे तपस्वी और मनीषियों के मार्गदर्शन से ही सबको ऊर्जा मिलती है और कार्य सही दिशा में होते हैं। राष्ट्रधर्म का पालन करना प्रत्येक नागरिक का परम कर्तव्य है और नागरिकों के अधिकारों की रक्षा करना शासन और प्रशासन में बैठे लोगों का कर्तव्य है। सबसे बड़ा लोकतंत्र है भारत, जहाँ भाषा, धर्म, संस्कृति की आजादी प्रत्येक व्यक्ति को है। आचार्य श्री जी ने कहा कि जब लोकतंत्र है तो जनता को उसके पूर्ण अधिकारों की प्राप्ति होनी चाहिए तभी लोकतंत्र बहाल रह सकता है। शिक्षा को सुलभ और भारतीय परम्परा के अनुरूप बनाने में आप जैसे विद्वानों को जिम्मेदारी लेनी चाहिए तभी राष्ट्र की तकदीर और तस्वीर को बेहतर बनाया जा सकेगा।
-२१ अक्टूबर २०१६, भोपाल