इतिहास पहले लिखा नहीं जाता बल्कि जब इतिहास बनता है फिर लिखा जाता है और इतिहास तब बनता है जब उसके लिए पुरुषार्थ किया जाता है। सरकार को अपने इतिहास से सबक लेकर जनहित में ऐसे कार्य करना चाहिए, जो इतिहास के पन्नों में दर्ज हो सके। भारत का गौरवशाली इतिहास हमें बताता है कि राम के जीवन की ऐसी गाथाएँ जिनको लक्ष्य बनाकर नीतियाँ बनायी जाएँ तो सार्थक परिणाम आएँगे। नीतिगत निर्णय ही सरकार को स्थिर और नेता को स्थाई बनाते हैं। रावण के पास नीतियों का भंडार था, परन्तु अपने लिए उन नीतियों को सार्थक नहीं बनाने के कारण उसकी पराजय हो गई। इसलिए नीतियों का सदुपयोग ही आपको स्थायित्व प्रदान करता है।
जो व्यक्ति दूसरों के जीवन में व्यवधान उत्पन्न करते हैं कर्म उसके जीवन को अव्यवस्थित कर देते हैं। सरकार आपके द्वारा बनाई जाती है इसलिए सरकार की अच्छी नीतियों में अपने कर्तव्यों का पालन आपको भी करना है क्योंकि आप स्थाई हो, सरकार अस्थाई होती है।सरकार को ऐसे उद्योग नहीं लगाना चाहिए जिसमें हिंसा होती हो।
-१८ सितम्बर २०१६, रविवार, भोपाल