Jump to content
नव आचार्य श्री समय सागर जी को करें भावंजली अर्पित ×
मेरे गुरुवर... आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज
  • भारत को नजर लग गई : विषैले मनुष्यों की

       (1 review)

     

    कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक फैले भारत को आज नजर लग गई है, सोचो वह कितनी बड़ी नजर होगी। आज तक किसी पशु की नजर आदमी को नहीं लगी, मनुष्य की नजर बहुत विषैली है, इतनी विषैली कि गाय के स्तनों में भरा दूध भी सूख जाता है, पत्थर कट जाता है-पिघल जाता है। आज आदमी की नजर पशुओं को लगी हुई है, आज आदमी विश्व भक्षी बन गया है। उसने गाय, बैल, भैंस आदि मूक पशुओं को भी मारना प्रारम्भ कर दिया है। यह मनुष्य ही है जो खाता तो मीठा है लेकिन कहता है मुँह कड़वा हो गया, कितना कड़वा है यह आदमी। कितने सीधे साधे हैं ये जानवर, मूक हैं फिर भी मनुष्य ने इनको अपना शिकार बना लिया, यह मनुष्य के लिए कलंक है।

     

    पशुओं के साथ दया का व्यवहार कीजिए, मानव का यह कर्तव्य है कि वह मूक जानवरों पर हमला न करे, लेकिन मनुष्य ने आज इन मूकों पर जो अत्याचार किया है वह बड़ा अमानुषिक है। स्वतंत्रता का यह विकराल रूप देखने को मिल रहा है कि आदमी ने कत्लखाने खोलकर पशुओं को काटना प्रारम्भ कर दिया। आपको जन्म मिला है और यह जन्मसिद्ध अधिकार मिला है, स्वतंत्रता सबको प्रिय है। जानवर भी जीना चाहते हैं, मरना कोई नहीं चाहता। पशुओं को कत्ल करना, यह स्वतंत्रता नहीं कहला सकती। स्वतंत्रता का वास्तविक अर्थ तो सबको जीवन जीने का समान अधिकार है। हम अपना जीवन जीना चाहते हैं फिर पशुओं को क्यों वध करें? भारत सरकार को चाहिए कि वह भारत से मांस निर्यात बंद करे और पशु हत्या पर पूर्ण प्रतिबन्ध लगाये।

    -१९९७, नेमावर


    User Feedback

    Create an account or sign in to leave a review

    You need to be a member in order to leave a review

    Create an account

    Sign up for a new account in our community. It's easy!

    Register a new account

    Sign in

    Already have an account? Sign in here.

    Sign In Now

    रतन लाल

      

    आज तक किसी पशु की नजर आदमी को नहीं लगी, मनुष्य की नजर बहुत विषैली है, इतनी विषैली कि गाय के स्तनों में भरा दूध भी सूख जाता है, पत्थर कट जाता है-पिघल जाता है। आज आदमी की नजर पशुओं को लगी हुई है, आज आदमी विश्व भक्षी बन गया है।

    • Like 1
    Link to review
    Share on other sites


×
×
  • Create New...