-
प्रवचन -आचार्य विद्यासागर जी
संत शिरोमणि आचार्य विद्यासागर जी महाराज के प्रवचन संकलन (Discourse)-
कुण्डलपुर देशना 8 - अनंतकालीन संतति
-
कुण्डलपुर देशना 9 - एक जन्म ऐसा भी हो
-
कुण्डलपुर देशना 10 - जीवन का प्रारम्भ
-
कुण्डलपुर देशना 11 - स्वयं धर्मात्मा
-
कुण्डलपुर देशना 12 - दीक्षा एक अंतर्घटना
-
कुण्डलपुर देशना 13 - नवनीत की प्राप्ति
-
कुण्डलपुर देशना 14 - संकीर्णता - कल्याण में बाधक
-
कुण्डलपुर देशना 15 - त्याग का प्रभाव
-
कुण्डलपुर देशना 16 - जिनधर्म का प्रभाव
-
कुण्डलपुर देशना 17 - अन्तर - यात्रा
-
कुण्डलपुर देशना 18 - विद्वान - शास्त्री की समाधी
-
कुण्डलपुर देशना 19 - कलयुगी साम्राज्य
-
कुण्डलपुर देशना 20 - संस्कृति का विकास : सद-आचरण से
-
कुण्डलपुर देशना 21 - गौवंश से ही उन्नति
-
कुण्डलपुर देशना 22 - परम निर्वाण
-
कुण्डलपुर देशना 23 - दिगम्बर साधू का प्रतीक पिच्छिका
-
तपोवन देशना 1 - अर्थ नहीं परमार्थ साधो
-
तपोवन देशना 2 - न पद रहे न पद चिह्न
-
तपोवन देशना 3 - जीवन के अंतिम तीन दिन
-
तपोवन देशना 4 - शिष्य गुरु का सम्बन्ध
-
तपोवन देशना 5 - संसार असार है भीड़ बेशुमार है
-
तपोवन देशना 9 - पूज्य बड़ा या पूजक
-
तपोवन देशना 10 - दीक्षा समारोह
-
तपोवन देशना 11 - दान का शुभारंभ श्रेयांस से
-