Jump to content
सोशल मीडिया / गुरु प्रभावना धर्म प्रभावना कार्यकर्ताओं से विशेष निवेदन ×
नंदीश्वर भक्ति प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता ×
मेरे गुरुवर... आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज
  • मंगलाचरण

       (5 reviews)

    Vidyasagar.Guru

    मंगलाचरण

     

    मोक्ष-मार्गस्य नेतारं, भेत्तारं कर्म-भूभृताम्।

    ज्ञातारं विश्व-तत्त्वानां, वन्दे तद्-गुण-लब्धये॥

     

    अर्थ - जो मोक्षमार्ग का प्रवर्तक है, कर्मरूपी पर्वतों का भेदन करने वाला है और समस्त तत्त्वों को जानता है, उसे मैं उन गुणों की प्राप्ति के लिए नमस्कार करता हूँ।

     

    English: I bow to the Lord, the promulgator of the path to liberation, the destroyer of mountains ( large heaps) of karmas and the knower of the whole reality, so that I may realize these qualities.  

     

    विशेषार्थ - यहाँ तीन विशेषणों के साथ आप्त की स्तुति की है। प्रथम विशेषण से आप्त को परम हितोपदेशी बतला कर जगत् के प्राणियों के प्रति उनका परम उपकार दर्शाया है। दूसरे विशेषण से आप्त को निर्दोष और वीतराग बतलाया है; क्योंकि जगत् के समस्त जीवों को अपने स्वरूप से भ्रष्ट करने वाले मोहनीय कर्म तथा ज्ञानावरण, दर्शनावरण और अन्तराय कर्म का नाश करके ही आप्त होता है। तीसरे विशेषण से अपने गुणपर्याय सहित समस्त पदार्थों को एक साथ जानने के कारण आप्त को सर्वज्ञ बतलाया है। इस तरह परम हितोपदेशी, वीतराग और सर्वज्ञ ही आप्त है। उसी के उपदेश से शास्त्र की उत्पत्ति होती है, उसका यथार्थ ज्ञान होता है, तथा उसी के द्वारा सर्वज्ञता और वीतरागता की प्राप्ति होती है। अतः ग्रन्थ के प्रारम्भ में ऐसे आप्त को नमस्कार करना उचित ही है।


    User Feedback

    Create an account or sign in to leave a review

    You need to be a member in order to leave a review

    Create an account

    Sign up for a new account in our community. It's easy!

    Register a new account

    Sign in

    Already have an account? Sign in here.

    Sign In Now

    Rajni Pawan kumar jain

       3 of 3 members found this review helpful 3 / 3 members

    घन्यबाद । घर बैठे ही आचार्य श्री के प्रवचन सुन रहे हैं।

     

    • Like 1
    Link to review
    Share on other sites

    Anupriya jain

       2 of 2 members found this review helpful 2 / 2 members

    Jai jinendra..

    Bohat he badhiya website hain, daily ke updates darshan , pravachan Ka laabh milta hain. 

    Link to review
    Share on other sites

    Ashok Kumar Jain

       2 of 2 members found this review helpful 2 / 2 members

    आचार्य भगवंत के आशिर्वचन के साथ तत्त्वार्थ सूत्र ग्रंथ का स्वाध्याय।

    अति उत्तम, बहुत बहुत साधुवाद

    Link to review
    Share on other sites


×
×
  • Create New...