किस कर्म के उदय से कौन परीषह होता है। यह भी बतलाते हैं-
ज्ञानावरणे प्रज्ञाज्ञाने ॥१३॥
अर्थ- ज्ञानावरण के होने पर प्रज्ञा और अज्ञान परीषह होते हैं।
English - Arrogance of learning and ignorance are caused by knowledge-covering karmas.
शंका - ज्ञानावरण का उदय होने पर अज्ञान परीषह का होना तो ठीक है, परन्तु प्रज्ञा तो ज्ञानावरण के चले जाने पर होती है; क्योंकि प्रज्ञा का अर्थ है ज्ञान और ज्ञान आत्मा का स्वभाव है ?
समाधान - प्रज्ञा परीषह का अर्थ है ज्ञान का मद हो तो उसे न होने देना । सो मद ज्ञानावरण के उदय में ही होता है; जिनके समस्त ज्ञानावरण नष्ट हो जाता है,उनके ज्ञान का मद नहीं होता। अतः प्रज्ञा परीषह ज्ञानावरण के उदय में ही होता है।
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