अब जघन्य स्थिति-बन्ध को बतलाते हुए वेदनीय की जघन्य स्थिति बतलाते हैं-
अपरा द्वादशमुहूर्ता वेदनीयस्य ॥१८॥
अर्थ - वेदनीय कर्म की जघन्य स्थिति बारह मुहूर्त है। यह स्थिति सूक्ष्मसाम्पराय नाम के दसवें गुणस्थान में ही बंधती है।
English - The minimum duration of the feeling-producing karma is twelve muhurtas (one muhurta is equal to 48 minutes).