अनेक जगह परिणाम शब्द आया है। अत: उसका लक्षण कहते हैं-
तद्भावः परिणामः॥४२॥
अर्थ - धर्मादि द्रव्य जिस स्वरूप से होते हैं, उसे तद्भाव कहते हैं और उस तद्भाव का ही नाम परिणाम है।
English - The condition of a substance is a mode.
विशेषार्थ - जिस द्रव्य का जो स्वभाव है, वही परिणाम है। जैसे धर्म द्रव्य का स्वभाव जीव पुद्गलों की गति में निमित्त होना है। वही तद्भाव है। धर्म द्रव्य का परिणमन सदा उसी रूप में होता है। इसी प्रकार अन्य द्रव्यों में भी समझ लेना चाहिए।
॥ इति तत्त्वार्थसूत्रे पंचमोऽध्यायः ॥५॥