सोलह स्वर्गों से ऊपर के देवों में किस प्रकार का सुख है, यह बतलाते हैं-
परेऽप्रवीचाराः॥९॥
अर्थ - यहाँ ‘पर' शब्द से समस्त कल्पातीत देवों का ग्रहण किया गया है।
English - Heavenly being residing beyond the sixteen Heavens are without sexual desire.
अतः अच्युत स्वर्ग से ऊपर नौ ग्रैवेयक, नौ अनुदिश और पाँच अनुत्तरों में रहने वाले अहमिन्द्र देवों में कामसेवन नहीं है, क्योंकि वहाँ देवांगनाएँ नहीं होतीं। अतः काम-भोगरूप वेदना के न होने से ऊपर के देव परम सुखी हैं।